सार्वजनिक आगम का वर्गीकरण | Classification of Public Proceeds in Hindi
सार्वजनिक आगम का वर्गीकरण-
सार्वजनिक आगम के वर्गीकरण से तात्पर्य है कि जब समान स्वभाव वाले स्रोतों को एक साथ एवं असमान स्वभावयुक्त स्रोतों को अलग रखें तो उसे सार्वजनिक आगम का वर्गीकरण कहते हैं। सार्वजनिक आगम का वर्गीकरण विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने अलग-अलग निम्नवत् वर्णित किया है-
एडम स्थिम का वर्गीकरण-
प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री प्रो0 एडम स्थिम ने सार्वजनिक आगम को दो भागों में वर्गीकृत किया है-
(अ)जनता से प्राप्त आय- जिस आगम को जनता से वसूल किया जाये जैसे- कर, शुल्क, दण्ड आदि जनता से प्राप्त आय कहलाती है।
(ब) सरकारी सम्पत्ति से आय- जिस आगम को सरकार अपनी सम्पत्ति जैसे- सड़क, भूमि, बागान, उद्योगों आदि से प्राप्त करे वह सरकारी सम्पत्ति से आय कहलाती है।
सैलिंगमेन का वर्गीकरण-
प्रो० सैलिंगमेन ने सार्वजनिक आगम को तीन भागों में विभक्त किया है-
- निशुल्क या स्वेच्छा से प्रदत्त आगम– चन्दा, उपहार आदि।
- संविदाबद्ध आगम- भूमि पर लगान, सम्पत्ति पर किराया, रेल, डाकतार, नहर, ट्यूबवैल्स आदि से आय।
- अनिवार्य आगम- कर, दण्ड, क्षतिपूर्ति आदि।
डाल्टन का वर्गीकरण-
डाल्टन ने सार्वजनिक आगम का व्यापक वर्गीकरण करके इसे 12 उप-भागों में वर्गीकृत किया है-
- कर आगम
- उपहार एवं क्षतिपूर्ति आगम
- अनिवार्य या बलात् ऋण से आगम
- अर्थ-दण्ड से आगम
- सार्वजनिक सम्पत्ति से आगम-भूमि मकान
- सार्वजनिक उद्योगों से आय
- प्रशुल्क से आगम
- ऐच्छिक ऋणों से आगम
- एकाधिकारी उपक्रमों से आगम
- विशेष निर्धारण से आगम
- छापाखाना से आगम (नोट निर्गमन आय सम्मिलित)
- ऐच्छिक उपहार
प्रो० लूट्ज का वर्गीकरण-
प्रो0 लूट्ज ने सार्वजनिक आगम को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया है-
(अ) व्यावसायिक क्रियाओं से आगम
(ब) कर आगम एवं अनुदान
(स) ऋण आगम
(द) प्रशासनिक कार्यों से आगम
(य) द्राव्यिक सहायता- राजकीय प्रदान
(र) हस्तान्तरण।
अर्थशास्त्री प्रो0 जे0के0 मेहता ने सार्वजनिक आगम को चार भागों में विभाजित किया है-
(i) करों से आगम, (ii) शुल्क, (iii) अर्थ दण्ड एवं सम्पत्ति जब्ती, (iv) अन्य
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का वर्गीकरण-
रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक आर्गम को अत्यन्त सरल रूप में निम्न प्रकार वर्गीकृत किया है-
सार्वजनिक आगम-1, कर आगम-
(क) प्रत्यक्ष कर- आय कर, मृत्यु कर, सम्पत्ति कर।
(ख) अप्रत्यक्ष कर- उपभोग कर, उत्पादन कर, अन्य मनोरंजन कर।
- गैर आगम कर- सरकारी सम्पत्ति से आगम, अनुदान, आर्थिक दण्ड एवं उपहार, वस्तु एवं सेवा कर।
वर्गीकरण का मूल्यांकन-
सार्वजनिक आगम के वर्गीकरण को अनेक अर्थशास्त्रियों ने विभिन्न रूपों में अभिव्यक्ति किया है। लेकिन किस अर्थशास्त्री के वर्गीकरण को श्रेष्ठ एवं समन्वयकारी समझा जाय, यह प्रश्न कठिन है। फिर भी उक्त वर्गीकरण से यह स्पष्ट है कि डाल्टन व जे0के0 मेहता का लोक-आगम सम्बन्धी वर्गीकरण सरल एवं व्यापक है। यदि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट को लोक-आगम के वर्गीकरण में देखें तो यह वर्गीकरण ‘सामान्य स्वीकृति’ का समझा जा सकता है।
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