लेनिन और मार्क्सवाद की तुलना | लेनिन और मार्क्सवाद
लेनिन और मार्क्सवाद की तुलना
मार्क्स के विचारों को व्यावहारिक राजनीति एवं अर्थव्यवस्था में लागू करने का सैद्धान्तिक स्तर पर उनकी पुर्नव्याख्या करने का श्रेय लेनिन को दिया जाता है। लेनिनवाद का मार्क्सवादी दर्शन से जो सम्बन्ध है उसे स्टालिन ने इस उक्ति में प्रकट किया है-“लेनिनवाद, साम्राज्यवाद् एवं सर्वहारा वर्गीय क्रान्ति के युग का मार्क्सवाद है।” लेनिन ही का यह कार्य था कि उसने मार्क्सवादी दर्शन को आज के युग तक के विकासों से सम्बन्धित किया। मार्क्स के बाद पूँजीवाद में जो विकास हुए हैं उनके संदर्भ में मार्क्सवाद की पुनर्व्याख्या एवं उसका पुनर्निरूपण करने का कार्य लेनिन द्वारा सम्पन्न किया गया है। लेनिन मार्क्सवादी सिद्धान्तकार और पार्टी संगठनकर्ता का एक अद्वितीय समन्वय था। लेकिन गहराई से देखने पर विदित होगा कि लेनिन संगठनकर्ता पहले था और सिद्धान्तकार बाद में। मार्क्सवादी दर्शन में उसने किन नवीन सिद्धान्तों का समावेश किया है? लेनिन के विचारों का अध्ययन कर लेने पर हमें नकारात्मक उत्तर मिलता है।
मार्क्सवाद की आधारशिला इन्द्रात्मक भौतिकवाद है और लेनिन इस आधारशिला में कोई नवीनता नहीं जोड़ सका, केवल उसके प्रयोग के दायरों को विस्तृत कर सका है। इससे अधिक किसी और नवीनता का समावेश नहीं किया। हाँ, एक संगठनकर्ता, क्रान्तिकारी या दलीय विवादों में उलझे हुए नेता के रूप में वह मावसंवादी सिद्धान्तों के समयानुकूल परिवर्तन करने में समर्थ हुआ। मार्क्सवादी दर्शन का प्रवाह व्यावहारिक स्तर पर जहाँ अवरुद्ध होता है लेनिन प्रवाह के उस मार्ग को खोल कर विचारधारा को आगे प्रवाहित कर देता है और ऐसा करने में नवीन सिद्धान्तों का सर्जन करता है। इस दृष्टि से देखने पर हम कह सकते हैं कि लेनिनवाद व्यावहारिक परिस्थितियों की प्रतिक्रिया स्वरूप उत्पन्न एक राजनीतिक दर्शन है। लेनिन के क्रान्ति, दलीय संगठन, सर्वहारा वर्ग का अधिनायकत्व और विश्व क्रान्ति के लिए आवश्यक रणनीति से सम्बन्धित विचार ऐसे प्रश्न हैं जो संगठन की समस्या से अधिक जुड़े हैं। सिद्धान्तों से कम। केवल साम्राज्यवाद सम्बन्धी लेनिन का सिद्धान्त ऐसा दिखाई पड़ता है। जिसमें सैद्धान्तिक मौलिकता का आभास होता है।
वास्तविकता यह है कि लेनिनवाद मूलतः मार्क्सवाद है और मार्क्स की मृत्यु के पश्चात् यूरोप और रूस में होने वाली घटनाओं और विकासों की जिसके आधार पर सैद्धान्तिक व्याख्या की गई है। जिन सिद्धान्तों का विवेचन मार्क्स द्वारा सूत्र रूप में किया गया था, लेनिन ने उनकी विशदता से व्याख्या की है। साथ ही रूस की क्रान्ति की अनिवार्यताओं के कारण लेनिन को मार्क्सवाद में जहाँ परिवर्तन करने की आवश्यकता पड़ी है उसे उसने यह कह कर किया है कि वह मूल मार्क्सवाद ही का अनुसरण कर रहा है। लेनिन का मार्क्स से वही सम्बन्ध है जो सम्बन्ध जे०एस-मिल का बैंथम से था। मिल की उपयोगितावाद में पूर्ण आस्था थी और उसकी मान्यताओं का प्रारंभ बिन्दु बैंथमवाद ही है, लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में मिल ने बैंथमवाद की जो पुनर्व्याख्या की है उसके परिणामस्वरूप मूल मार्क्सवाद का स्वरूप ही बदल जाता है। इसी तरह लेनिन ने मार्क्सवाद की धारणाओं में व्यावहारिक स्तर पर परिवर्तन लिये हैं। सेबाइन का मत है कि लेनिन के संशोधनों के कारण मार्क्सवाद का स्वरूप बदल जाता है और वह ‘विकृत मार्क्सवाद’ हो जाता है। लेनिन ने मार्क्सवाद में जिन संशोधनों अथवा परिवर्तनों को जोड़ा है, निम्नलिखित तथ्य इसके प्रमाण है-
(i) सर्वप्रथम मावस की धारणा थी कि पूँजीवादी क्रान्ति के द्वारा लोकतंत्रीय स्वतन्त्रताओं की रक्षा होगी परन्तु लेनिन ने ‘सर्वहारा वर्गीय जनतंत्र’ के नाम पर श्रमिक वर्ग के अधिनायकवाद को स्थापित किया।
(ii) लेनिनवाद का मार्क्सवाद से दूसरा विचलन यह था कि मार्स पूँजीवादी क्रान्ति की कल्पना पहले करता है और सर्वहारा वर्गीय क्रान्ति की उसके बाद में। इसके विपरीत, लेनिन के विचारों एवं प्रयासों के परिणामस्वरूप रूस में सर्वहारा वर्गीय क्रान्ति एवं पूँजीवादी क्रान्ति एक साथ होती है। इतना ही नहीं, पहली क्रान्ति दूसरी क्रान्ति को अल्पकाल में ही अपने में आत्मसात कर लेती है।
(iii) लेनिन ने मार्क्सवाद में तीसरी नवीनता दल के नाम पर जोड़ी है। मार्क्स के मतानुसार श्रमिकों का कोई देश नहीं होता और समाजवादी दल में विश्वभर के श्रमिक सम्मिलित होते हैं। इसके विपरीत, लेनिन ने दल को एकान्तिक, गुप्त एवं पेशेवर क्रान्तिकारियों का संगठन बना दिया और ‘प्रजातन्त्रीय केन्द्रीयवाद’ के नाम पर इसका नेतृत्व कुछ स्वयभू एवं चिरस्थायी प्रवर्गीय नेताओं के हाथों में सौंप दिया।
(iv) लेनिनवाद का पावसंवाद से चौथा प्रस्थान इस विषय से सम्बन्धित था मार्क्स की धारणा दी कि अमिक वर्ग की विचारधारा औद्योगिक समाज में उसकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति से निर्धारित होती है और श्रमिक वर्ग स्वयं के प्रयासों से दासता की बेड़ियों से मुक्त होता है। इसके विपरीत लेनिन की धारणा थी कि श्रमिक वर्ग अपनी विचारधारा को परकीय मध्यवर्गीय बुद्धिजीवियों एवं नेताओं की शिक्षा से प्राप्त करता है।
(v) अन्त में, मार्क्स का विचार था कि आर्थिक व्यवस्था का विकास उत्पादकीय शक्तियों के आन्तरिक विकास के परिणामस्वरूप होता है और यह प्रक्रिया व्यक्ति की इच्छा से स्वतन्त्र रहती है। परन्तु इसके विपरीत लेनिन की धारणा थी कि आर्थिक व्यवस्था को श्रमिकों की इच्छा के अनुकूल क्रमबद्ध आयोजन के द्वारा रूस जैसे औद्योगिक दृष्टि से पिछड़े देश में स्थापित एवं विकसित किया जा सकता है।
उपर्युक्त उदाहरणों से स्पष्ट हो जाता है कि यद्यपि लेनिन के विचारों का प्रारंभ-बिन्दु मार्क्सवाद ही है किन्तु उनकी पुनख्यिा करने के प्रयास में वह मार्क्सवाद का स्वरूप ही बदल देता है। लेनिन की विशेषता यह है कि उसकी घोषित निष्ठा मार्क्सवाद के प्रति है। उदाहरणार्थ, स्टेट एण्ड रेवोलूशन में लोमिन यह स्पष्ट करता है कि उसका उद्देश्य “मार्क्स की वास्तविक सीखों पुनः सजीव करना है। किन्तु परिस्थितियों के अनुकूल वह उसमें संशोधन कर उसके अर्थ को ही परिवर्तित कर देता है। इस दृष्टिकोण से मूल्यांकन करने पर लेनिनवाद सैद्धान्तिक कट्टरता एवं व्यावहारिक लचीलेपन का एक विचित्र सम्मिश्रित दर्शन प्रतीत होता है। लेनिन के दर्शन में सैद्धान्तिक कठोरता एवं व्यावहारिक नम्यता का अपूर्व समन्वय है।
राजनीति विज्ञान – महत्वपूर्ण लिंक
- लेनिन के राजनीतिक विचार | Lenin’s Political Thoughts in Hindi
- लेनिन के क्रांति की व्यूहकला एवं रणनीति का सिद्धान्त | Lenin’s theory of strategy and strategy of revolution in Hindi
- लेनिन का सर्वहारा वर्ग का अधिनायकवादी शासन | Lenin’s totalitarian rule of the proletariat in Hindi
- लेनिन का दल सम्बन्धी सिद्धान्त | Lenin’s party theory in Hindi
- लेनिन के साम्यवादी दलों की व्यूहकला तथा रणनीति | The Strategy and Strategies of Lenin’s Communist Parties in Hindi
- लेनिन का पूँजीवादी साम्राज्यवाद का सिद्धान्त | Lenin’s Theory of Capitalist Imperialism in Hindi
- लेनिन का द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद का सिद्धान्त | Lenin’s theory of dialectical materialism in Hindi
Disclaimer: e-gyan-vigyan.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है। हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है। यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- [email protected]