आलमण्ड का संरचनात्मक उपागम | संरचनात्मक के उपागम लक्ष्य | संरचनात्मक की उपागम प्रमुख अवधारणाएँ | व्यवस्था की अवधारणा

आलमण्ड का संरचनात्मक उपागम | संरचनात्मक के उपागम लक्ष्य | संरचनात्मक की उपागम प्रमुख अवधारणाएँ | व्यवस्था की अवधारणा

आलमण्ड का संरचनात्मक उपागम

ग्रेबील ए. आलमण्ड (Grabiel A. Almond) तथा जेम्स एस० कोलमैन ने संरचनात्मक उपागम का प्रयोग विकसित देशों के तुलनात्मक विश्लेषण में किया है। यह उपागम राजनीतिक संस्था के अध्ययन के लिए सर्वाधिक उपयोगी और प्रभावशाली है। यह राजनीतिक विज्ञान को विज्ञान बनाने और उसे एक सामान्य सिद्धान्त करने की दिशायें प्रदान करता है।

संरचनात्मक के उपागम लक्ष्य (Objective)- 

इस उपागम के दो लक्ष्य हैं-

  1. राजव्यवस्थाओं के आधुनिकीकरण का सिद्धान्त- विकास अथवा परिवर्तन के एक ऐसे सिद्धान्त का विकास करना जो यह बता सके कि राजव्यवस्थायें परम्परागत से आधुनिक किस प्रकार बनती हैं।
  2. राजव्यवस्थाओं का वर्गीकरण- एक ऐसे सिद्धान्त का विकास करना जो राज- व्यवस्थाओं की कार्यकुशलता एवं क्षमता के अनुमाप पर अर्थपूर्ण ढंग से वर्गीकरण कर सके।

संरचनात्मक की उपागम प्रमुख अवधारणाएँ

(Main Conceptions)

इस उपागम की मूल धारणायें व्यवस्था, राजनीतिक व्यवस्था तथा प्रकार्यात्मक अपेक्षायें हैं। इसमें पारसन्स के विलोम-युग्मों को ले लिया गया है। इसके साथ इसमें उनकी कुछ मान्यतायें भी हैं; जैसे-

  1. राजनीतिक परिवर्तन का अर्थ विकास होता है।
  2. पश्चिमी राजतन्त्रों ने जिन प्रकार्यों को निष्पादित किया है, वे आदर्श हैं तथा उन्हें पश्चिमी राजव्यवस्थाओं में खोजा जाना चाहिये।
  3. राजव्यवस्था व्यक्ति के मध्य अन्तः क्रिया का समुच्चय है, व्यक्तियों के मध्य नहीं।
  4. राजव्यवस्था खुली व्यवस्था (Open System) है जो अपनी सीमा के बाहर के पर्यावरण के साथ अन्तः क्रिया करती है।

व्यवस्था की अवधारणा (Concept of System)-

सर्वप्रथम आलमण्ड कोलमैन ने व्यवस्था की अवधारणा को स्पष्ट किया है। व्यवस्था की परिभाषा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि यह सीमाओं के अस्तित्व, अन्योन्याश्रय तथा व्यापकता के लक्षणों से मुक्त अन्तःक्रियाओं का सेट है।

राजनीतिक व्यवस्थाओं में अन्तर (Difference among The Political System)-

आलमण्ड कोलमैन की धारणा है कि राजनीतिक व्यवस्था प्रत्येक समाज में पाई जाती है। इसका स्वरूप भिन्न हो सकता है। विभिन्न राजव्यवस्थाओं के मध्य यह अन्तर परस्पर माप, विभिनीकरण की मात्रा और संस्कति सबन्धी हो सकता है।

राजनीतिक व्यवस्थाओं में समानताए (Similarities among The Political Systems)-

राजव्यवस्थाओं में अन्तर होने पर भी कतिपय समानतायें भी विद्यमान होती हैं। ये समानतायें इस प्रकार होती हैं-

  1. उनमें मात्रा और आकार की विशिष्टता के अनुसार राजनीतिक संरचनायें होती हैं।
  2. उनमें समान प्रकार्य होते हैं, भले ही ये समान प्रकार्य मात्रा, बारम्बारता, शैली तथा विशिष्ट संरचना के सन्दर्भ में भिन्न हों।
  3. प्रकार्यात्मक राजनीतिक संरचनायें होती हैं।
  4. राजनीतिक संरचनायें सांस्कृतिक दृष्टि से मिश्रित होती हैं।
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