विपणन प्रणाली से आशय | विभिन्न प्रणालियाँ एवं उनके कार्य

विपणन प्रणाली से आशय | विभिन्न प्रणालियाँ एवं उनके कार्य | Meaning of marketing system in Hindi | Different systems and their functions in Hindi

विपणन प्रणाली से आशय (Meaning of Marketing System) –

इस प्रणाली का मुख्य कार्य संस्था के उत्पाद को विकसित करना, प्रमोट करना, विक्रय करना, वितरण करना तथा विक्रय पश्चात् की सेवाएं देने से है ताकि संस्था अपने आप को चालू रखने के लिए तथा पूंजीदाता का लगाव बनाए रखने के लिए उचित लाभ कमा सके। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि इस प्रणाली का उद्देश्य संस्था के उत्पाद को ग्राहकों तक पहुँचना तथा लाभ कमाना है।

विभिन्न प्रणालियाँ एवं उनके कार्य

(Different Systems and their Functions)

  1. विक्रय (Sales)– विक्रय प्रबंधक का कार्य संस्था को दीर्घकाल तक चलाने के लिए उचित लाभ कमाने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए संस्था के विभिन्न विक्रय कार्यों का संयोजन करना होता है। इसके लिए उसे उचित स्कंध मात्रा, प्रभावशाली वितरण व्यवस्था, विक्रय कर्मचारियों को प्रेरणा देना तथा ग्राहकों को संतुष्ट करना आदि कार्यों सम्बन्धित निर्णय लेने होते हैं इन निर्णयों के लिए Marketing Information System विभिन्न सूचनाएँ उपलब्ध करवाता है। ये सूचनाएँ मुख्यतः विक्रय समर्थन (Sales Support) व विक्रय विश्लेषण (Sales Analysis) के लिए चाहिए होती है।

विक्रय समर्थन (Sales Support)— एक अच्छे सूचना प्रणाली तंत्र को विक्रय समर्थन के लिए निम्न सूचनाएँ उपलब्ध करवानी चाहिए-1. उत्पादों के विवरण, 2. उत्पाद की कीमत, 3. मात्रात्मक छूट व अन्य छूट, 4. बिक्री कर्मियों के लिए बिक्री प्रोत्साहन, 5. क्रेताओं के लिए वित्त पोषण योजना, 6. प्रतिस्पर्द्धियों की कीमत, 7. प्रतिस्पर्द्धियों के उत्पाद में कमी, 8. ग्राहकों का विवरण, 9. विक्रय नीति, 10. उत्पाद स्टाक स्तर, 11. उपभोक्ता की क्रय आदतें आदि।

उपरोक्त विभिन्न सूचनाएँ विभिन्न स्रोतों से प्राप्त की जा सकती हैं ये संस्था के आंतरिक साधनों या बाहरी साधनों से प्राप्त की जा सकती हैं।

विक्रय विश्लेषण (Sales Analysis) — इसके अंतर्गत निम्न उद्देश्यों के लिए सूचनाएँ उपलब्ध करवाई जानी चाहिए – 1. उत्पाद बिक्री प्रवृत्तियाँ, 2. विभिन्न उत्पादों के आधार पर लाभ दर, 3. प्रत्येक बिक्री क्षेत्र व बिक्री शाखा का कार्य निष्पादन, 4. विभिन्न बिक्री कर्मचारियों का कार्य निष्पादन ।

उपरोक्त सूचनाएँ प्रायः संस्था के आंतरिक स्रोत से ही आंकड़ों के आधार पर प्राप्त की जा सकती है।

2. बाजार अनुसंधान और आसूचना (Market Research and Intelligence) – बाजार अनुसंधानकर्ता अपने विभिन्न अनुसंधान करके संस्था के अन्य प्रबंधकों की विभिन्न समस्याओं पर जैसा उत्पाद विकास, विज्ञापन तथा प्रचार, उपभोक्ता सेवा आदि को हल करने के लिए सूचना उपलब्ध करवाता है। अतः अनुसंधान विभाग को विभिन्न सूचनाओं को या तो माँग किए जाने पर या अपने आप से एकत्रित करना होता है। बाजार अनुसंधान के द्वारा की गई जाँच से प्रबंधकों की निम्न आवश्यकताओं की पूर्ति होती है—

  • अर्थव्यवस्था तथा आर्थिक प्रवृत्तियों (Economic Trend) के बारे में पता चलता है। तथा उत्पाद की माँग पर पड़ने वाले प्रभावों का पता लगता है।
  • बिक्री के विषय में पूर्वानुमान तथा बिक्री प्रवृत्तियों के बारे में सूचना मिलती है।
  • उत्पाद के लिए नए बाजार कहाँ-कहाँ संभव हैं, के बारे में सूचना मिलती है।
  • प्रतियोगियों, उनके उत्पादों तथा उनकी नीतियों के बारे में सूचना मिलती है।
  • तकनीकी बदलाव तथा उसके प्रभाव के बारे में सूचना मिलती है।

यह ध्यान में देने योग्य बात है कि बाजार आसूचना मुख्यतः प्रतियोगियों संबंधी सूचना एकत्रित करता है जबकि बाजार अनुसंधान में बाकी सारी सूचनाएँ प्राप्त की जाती है।

  1. विज्ञापन और प्रोत्साहन (Advertisement and Promotion) – विज्ञापन और प्रोत्साहन के अंतर्गत बिक्री को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाता है इसके लिए वे विभिन्न प्रकार से विज्ञापन करने पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हैं। इसमें यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कम से कम बजट पर प्रभावी विज्ञापन व प्रोत्साहन करके संस्था की बिक्री में वृद्धि की जा सके। विज्ञापन और प्रोत्साहन सूचना प्रणाली को वे सारी सूचनाएँ उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि वे प्रभावशाली विज्ञापन नीति बना सकें। इससे विभिन्न विज्ञापन स्रोतों के बारे में जानकारी, उनकी लागत तथा ग्राहकों को अच्छे लगने वाले स्रोत आदि के बारे में सूचना उपलब्ध करवानी चाहिए।
  2. उत्पाद विकास और योजना (Product Development and Planning) – इसके अंतर्गत नए उत्पाद के लिए अवसरों को खोजना तथा उनकी सफलता का मूल्यांकन का कार्य शामिल है।
  3. उत्पाद मूल्य निर्धारण प्रणाली (Product Pricing System)– इसमें मूल्य निर्धारण के लिए आवश्यक विभिन्न सूचनाओं को एकत्रित किया जाता है तथा उन पर विचार किया जाता है। आमतौर पर वस्तु का मूल्य लागत जमा लाभ विधि से ज्ञात किया जाता है लेकिन इसमें प्रतियोगियों की नीतियों, बाजार स्थिति आदि को भी ध्यान में रखा जाता है।
  4. ग्राहक सेवा (Customer Service) – विपणन विभाग का लक्ष्य ग्राहकों को संतुष्ट करना होता है क्योंकि ग्राहक के संतुष्ट होने पर भी संस्था अपने उत्पाद को उनको बेच सकती है। इसके अंतर्गत ग्राहकों को तकनीकी, रख-रखाव तथा सुधारात्मक प्रदान करने पर जोर दिया जाता है।
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