प्रबंधन सूचना प्रणाली

कार्यकारी सूचना प्रणाली से आशय | सूचना प्रणाली में अधिकारी की भूमिका

कार्यकारी सूचना प्रणाली से आशय | सूचना प्रणाली में अधिकारी की भूमिका | Meaning of Executive Information System in Hindi | Role of Execution in Information System in Hindi

कार्यकारी सूचना प्रणाली से आशय (Meaning of Executive Information System)-

EIS या ESS (Executive Support System) वह विशेष प्रणाली है जिसे उच्च स्तर के प्रबंधकों या कार्यकारी व्यक्तियों (Executive Persons) के लिए बनाया जाता है। ताकि उनके विशेष निर्णय आसानी से तथा कुलशतापूर्वक बिना अधिक कम्प्यूटर ज्ञान के लिए जा सके। ये प्रणाली भी DSS की तरह ही होती है लेकिन इसे Executive की विशेष समस्याओं के लिए बनाया जाता है कुछ व्यक्ति EIS व ESS को एक समान मानते हैं जबकि कुछ उनमें अन्तर करते हैं। वास्तव में इन दोनों में मुख्य अन्तर यह है कि ESS में कुछ अधिक कार्यक्षमता उपलब्ध होती है। जैसे— इलेक्ट्रॉनिक मेल आदि। EIS प्रणाली Executive की पहुँच ऑनलाइन रूप से उन सूचना तक सम्भव बनाती है जिनमें Executive का Interest होता है। इसके अन्तर्गत टच स्क्रीन, ग्राफिकल क्षमता आदि योग्यता भी उपलब्ध होती है। किसी संस्था के संगठनात्मक स्तरों में से शीर्ष पर या उसके निकट के प्रबंधकों को Executive कहा जाता है। ये संस्था के मुख्य निर्णयों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते है।

सूचना प्रणाली में अधिकारी की भूमिका (Role of Execution in Information System) —

Executive को कई विषयों में निर्णय लेना होता है। इनको निम्न भागों में बाँटा जा सकता है—

(i) सामरिक योजना, (ii) युक्तिपूर्ण योजना, (iii) अग्निशमन, (iv) नियंत्रण।

(i) सामरिक योजना (Strategic Planning) – इसके अन्तर्गत संगठन को दीर्घकालीन निर्देश शामिल होते हैं अर्थात् ये संस्था के सामान्य उद्देश्यों से सम्बन्धित होते हैं।

(ii) युक्तिपूर्ण योजना (Tactical Planning)– सामरिक योजना सामान्य कार्यों से सम्बन्धित होता है जबकि युक्तिपूर्ण आयोजन के अन्तर्गत कैसे, कब, कहाँ और क्या आदि तत्वों पर ध्यान दिया जाता है ताकि Strategic Plan के उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके। इस प्रकार के आयोजनों के लिए Executive उत्तरदायी नहीं होते लेकिन फिर भी कुछ सामान्य विधियों की तरफ तो Executive को ध्यान देना ही चाहिए।

(iii) अग्निशमन (Fire Fighting) – ये मुख्यतः अनियमित या अनिश्चित समस्याओं के हल से सम्बंधित हैं जिनका संस्था पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ सकता था। ये निर्णय भी Executive द्वारा ही लिए जाते हैं, उदाहरण के लिए कम्पनी के विरुद्ध कोई कानूनी केस का आना, प्रतिस्पर्द्धा या आग लग जाना चाहिए।

(iv) नियंत्रण (Control)—उपरोक्त सभी के साथ-साथ Executive को संस्था पर नियंत्रण भी रखना होता है। उन्हें समय-समय पर वास्तविक परिणाम की योजना से तुलना करनी पड़ती है तथा कमी आने पर सुधारात्मक कार्यवाही के लिए निर्णय लेना होता है।

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Pankaja Singh

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