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मुक्त शिक्षाभिकरण | मुक्त शिक्षाभिकरण की परिभाषा | खुले विश्वविद्यालय की उपयोगिता

मुक्त शिक्षाभिकरण | मुक्त शिक्षाभिकरण की परिभाषा | खुले विश्वविद्यालय की उपयोगिता | Open Education Agency in Hindi | Definition of Open Education in Hindi | utility of open university in Hindi

मुक्त शिक्षाभिकरण

समाज अपनी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिये नये-नये उपायों की खोज करता है। खुले विश्वविद्यालय, हवा में विश्वविद्यालय (University in the Air), प्रांगण -विहीन विद्यालय (School Without Campus), मुक्त शिक्षा और पत्राचार शिक्षा आदि  ऐसे ही प्रयोग हैं जिनकी चर्चा आज सभी देशों में हो रही है। बीसवीं शताब्दी में लोगों की जीवन शैली तीन बातों से सर्वाधिक प्रभावित हुई है- पहला जनसंख्या की असाधारण वृद्धि, दूसरा ज्ञान का विस्फोट और तीसरा विश्व में लोकतान्त्रित जीवन मूल्यों पर बढ़ता विश्वास जनसंख्या वृद्धि के कारण लगभग सभी देशों को परम्परागत शिक्षा केन्द्रों में सभी को प्रवेश दे पाना असम्भव हो गया है। दूसरी और विज्ञान और तकनीकी ज्ञान में असीमित वृद्धि के कारण लोगों की दैनिक आवश्यकताओं की आपूर्ति में इसका प्रभाव बढ़ गया है। अतः विज्ञान और तकनीकी ज्ञान पर आधारित जीवनचर्या में सामान्य ज्ञान के बढ़े हुए स्तर की आवश्यकता अनुभव हो रही है। लोकतांत्रिक विचारधारा ने भी जनसाधारण के मन में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की आकांक्षा को बढ़ाया है। प्रत्येक व्यक्ति के मन में यह बात बैठ गई है कि उच्च शैक्षिक स्तर से आर्थिक सम्पन्नता और उच्च सामाजिक स्तर से प्राप्त होता है। अर्थात् अधिक अच्छी शिक्षा तो अच्छी आर्थिक स्थिति और प्रतिष्ठा। इन कारणों से जनसाधारण में उच्च शिक्षा की माँग पहले की अपेक्षा अधिक बढ़ गई हैं चूँकि औपचारिक विद्यालयों और विश्वविद्यालयों के द्वारा सभी को शिक्षित कर पाना कठिन है। अतः बहुत से लोग मनचाही शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। सभी को उच्च संस्थाओं में प्रवेश की छूट देने पर शिक्षा का व्यय बहुत बढ़ जाता है। और शिक्षा का स्तर भी गिर जाता है। इन कठिनाइयों के बावजूद प्रत्येक देश अपने सभी नागरिकों को शिक्षा का समान अवसर सुलभ कराने के लिये प्रयत्नशील रहता है। अतः सभी को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर सुलभ कराने के लिये मुक्त शिक्षा के अभिकरणों का विकास हुआ जो मुक्त विद्यालयों/मुक्त विश्वविद्यालयों के नाम से प्रसिद्ध है। विश्व के विकसित और विकासशील सभी देश शिक्षा के मुक्त अभिकरणों का विकास कर रहे हैं। क्योंकि वर्तमान युग में इन्हीं के माध्यम से सभी को शिक्षा’ के सपने को साकार किया जा  सकता है।

वास्तव में परम्परागत शिक्षा के विरुद्ध मुक्त शिक्षा की क्रांति का श्रेय अमेरिकन विचारकों इवन इलिच एवरेट रोगर और गुडमैन को है। जिनके शैक्षिक आंदोलन निर्विद्यालयीकरण ने मुक्त अधिगम पद्धतियों को लोकप्रिय बनाया है। वर्तमान समय में अनेक व्यक्ति व्यस्तता के कारण इच्छा होने पर भी नियमित संस्थाओं में प्रवेश लेकर अध्ययन नहीं कर सकते हैं। मुक्त शिक्षा अभिकरण उन सभी लोगों को आगे शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करते हैं जो औपचारिक संस्थाओं में अध्ययन नहीं कर सके हैं या करने में असमर्थ हैं। मुक्त शिक्षा अभिकरण के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने के लिये व्यक्ति को किसी संस्था में जाना नहीं पड़ता, उपस्थिति की अनिवार्यता नहीं, समय- समय के पालन की विवशता नहीं। अर्थात् इसमें स्थान, समय और प्रवेश के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का प्रमाण-पत्र का होना आदि बाध्यतायें नहीं होती हैं। मुक्त शिक्षा अभिकरण विशेष कर उन लोगों को शिक्षा और डिग्री प्राप्त करने का अवसर प्रदान करते हैं। जो भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक कारणों से बीच में पढ़ना छोड़ चुके थे, परन्तु उनके मन में अपना व्यवसाय करते हुए आगे की शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा है। खुले विद्यालय/खुले विश्वविद्यालयों के द्वारा ऐसे वंचितों की आकांक्षा पूर्ण होती है।

मुक्त शिक्षाभिकरण की परिभाषा

मुक्त शिक्षा अभिकरण की कुछ प्रमुख परिभाषायें इस प्रकार हैं-

“खुले शिक्षाभिकरण ऐसे अभिकरणं हैं जिनके द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में विद्यार्थियों को उनकी अर्जित करने की और अपने परिवार की मदद करने की क्षमता को कोई हानि पहुँचाये बिना शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्राप्त होंगे।”

-प्रो. नुरुल हसन

“खुले विश्वविद्यालय मानकों की दृष्टि से, परम्परागत मानदण्डों की दृष्टि से, स्थान की दृष्टि से, शिक्षण के तरीकों की दृष्टि से विचारों की दृष्टि से सभी के लिये खुला एक शैक्षिक सहायता मिशन है। अर्थात् यह मानवीय भावना से शिक्षा से वंचित मानवों की शिक्षा में सहायता करने वाला अभिकरण है।”

-लार्ड क्राउथर

“खुला विद्यालय/विश्वविद्यालय बंद प्रणाली के विपरीत होता है। खुली प्रणालियों की पद्धति चुनाव विहीन, प्रतियोगिता विहीन और आदेश विहीन होती हैं। सुने जाने, पढ़े या अध्ययन किये जाने वाले व्याख्यान और विषय मुख्यतः भाग लेने वालों की निजी रुचियों पर निर्भर होता है।’’

“खुला विश्वविद्यालय ने केवल एक प्रयोग हैं, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में नयी विचारधारा, नई आवश्यकताओं और नये प्रयोगों का एक महत्वपूर्ण आवश्यक केन्द्र है।”

-प्रो. कृष्णगोपाल बीजावत

“खुले विद्यालय/ विश्वविद्यालय अनौपचारिक साधनों, माध्यमों से औपचारिक/ अनौपचारिक दोनों प्रकार की शिक्षा देने वाले शिक्षाभिकरण हैं।”

-लक्ष्मी नारायण गुप्त

खुले विश्वविद्यालय की उपयोगिता

  1. यह शिक्षा कम खर्चीली है, गरीब विद्यार्थी भी इसके द्वारा लाभान्वित होते हैं।
  2. देश (भारत) की जनसंख्या बहुत अधिक है। इतनी बड़ी जनसंख्या को उच्च शिक्षा औपचारिक संस्थाओं में देना कठिन है। अतः इसका गुरुतर भार मुक्त विश्वविद्यालय ही उठा सकता है।
  3. बहुत से लोग गरीबी के कारण प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद व्यवसायों से जुड़ जाते हैं। ऐसे लोगों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिये उपयोगी है।
  4. विभित्र क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगों की व्यावसायिक दक्षता बढ़ाने में उपयोगी।
  5. परम्परागत विश्वविद्यालयों के परिसर भार को कम करने में उपयोगी सिद्ध हो रही है।
  6. सामाजिक-आर्थिक विकास एवं पिछड़े वर्गों के लिये शिक्षा का अवसर प्रदान करती है।
  7. सबसे अधिक उपयोगी उन महिलाओं के लिये हैं जो घर के कामकाज में लग गयी है लेकिन उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखती है।
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Pankaja Singh

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