शैक्षिक तकनीकी

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय | राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के उद्देश्य | राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय की शिक्षा पद्धति | राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के शैक्षिक कार्यक्रम

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय | राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के उद्देश्य | राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय की शिक्षा पद्धति | राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के शैक्षिक कार्यक्रम | National Open School in Hindi | Objectives of National Open School in Hindi | National Open Schooling System in Hindi | National Open School Educational Program in Hindi

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय (National Open School)–

भारतवर्ष में विद्यालयीय शिक्षा की विशाल व्यवस्था होते हुए भी करीब 4 करोड़ बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित है। इनमें केवल बच्चे ही नहीं, महिलाएँ, श्रौढ़, ग्रामीण, शहर के गरीब व पिछड़े जाति के बच्चे व किशोर सभी सम्मिलित है। इस प्रकार के जन समुदाय में से कुछ लोग शिक्षा की मुख्य धारा से छूट कर विलग (Drop out) हो गए हैं, तथा कुछ बिना आगे बढ़े स्थिर अवस्था (stagnation) में पड़े हैं। देश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए आवश्यक है कि ऐसे जन समुदाय के लिए एक ऐसी शिक्षा की व्यवस्था की जाय, जो पारस्परिक विद्यालयीय शिक्षा के विकल्प के रूप में एक मिन्न शिक्षण अधिगम की प्रभावशाली प्रणाली प्रस्तुत करती हो। यद्यपि ऐसे बालक और किशोर ‘विद्यालय’ तक नहीं पहुँच पाते अतः इस वैकल्पिक शिक्षा को उनकी दहलीज तक पहुँचना होगा। भारतवर्ष में विद्यालयीय शिक्षा की ऐसी पृष्ठभूमि में मुक्त विद्यालय (Open Schools) और दूरस्थ शिक्षा विधि (Distance Education Mode) ही एक मात्र उपाय या साधन है, जिनके द्वारा ऐसे जन समुदाय को एक अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जा सकती है।

भारतवर्ष में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय (NOS) की स्थापना नवम्बर 1989 में भारत सरकार के ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ के अंतर्गत एक स्वायत्त और पंजीकृत सोसायटी के रूप में हुई थी। अक्टूबर 1990 में भारत सरकार द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय’ को यह अधिकार दिया गया कि वह स्वयं माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक परीक्षाओं का संचालन कर सकें और स्वयं प्रमाण पत्र और सर्टिफिकेट प्रदान कर सकें।

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के उद्देश्य

(Aims of National Open Schools)

  1. हमारे समाज के उस जन समुदाय को शिक्षा देना व सर्टिफिकेट प्रदान करना है, जो देश की अर्थव्यवस्था में किसी न किसी रूप में अपना योगदान तो देते हैं, लेकिन स्वयं औपचारिक शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
  2. ग्रामीण जन समुदाय, गरीब और मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चे, महिलाएं, पिछड़ी जाति और जनजाति के लोग, कार्य में लगे प्रौढ़, विकलांग, भूतपूर्व सैनिक, विद्यालय से छूटे हुए लोग जो औपचारिक स्कूली शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ हैं, उन्हें शिक्षा के अवसर प्रदान करना।
  3. इच्छुक अधिगमकर्ताओं को, उनके द्वार तक पहुँच कर उनकी गति और सुविधा के अनुसार शिक्षा प्रदान करना।
  4. प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर शैक्षिक (academic) तथा व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रदान करना ।
  5. बेसिक शिक्षा और सामुदायिक विकास कार्यक्रमों का संचलान करना।
  6. गैर सरकारी संस्थाओं को प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में प्राथमिक और उच्चतर प्राथमिक स्तर के लिए सामग्री, मानकीकरण (recognition) प्रमाण पत्र आदि के रूप में सहायता प्रदान करना।

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय की शिक्षा पद्धति (Modes of Educational in National Open Schools)-

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयों में दूरस्थ शिक्षा विधि (distance mode of learning) का ही प्रयोग होता है।

  1. स्व अध्ययन मुद्रित सामग्री (Self Instruction Material)— विद्यार्थियों के स्व अध्ययन के लिए मुद्रित सामग्री का निर्माण NOS के एकेडमिक स्टाफ के द्वारा किया जाता है।
  2. व्यक्तिगत सम्पर्क कार्यक्रम (Contact Programmes) – व्यक्तिगत सम्पर्क कार्यक्रमों के अंतर्गत अध्ययन केंद्रों में कक्षाएं लगाई जाती है, और शिक्षण कार्य भी होता है। विद्यार्थियों को परामर्श भी दिया जाता है। इन अध्ययन केंद्रो में अभ्यास (Practical work) भी कराए जाते हैं।
  3. श्रव्य-दृश्य कार्यक्रम (Audio Visual Programmes)- NOS के मान्यता प्राप्त अध्ययन केंद्रों में श्रव्य-दृश्य माध्यमों की व्यवस्था होती है, विद्यार्थी इन केंद्रों में स्वयं जाकर देख सकते हैं, और प्रयोग कर सकते हैं। साधारण विद्यार्थी इन्हें मामूली सा भुगतान करके आसानी से खरीद सकते हैं। मुक्त विद्यालय के पाठ्यक्रम विद्यार्थियों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं और इनमें समयानुसार परिवर्तन भी किए जा सकते हैं।

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के शैक्षिक कार्यक्रम (Educational Programmes of NOS)-

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के पूरे देश में फैले अपने 10 क्षेत्रीय केन्द्रों तथा करीब 1000 मान्यता प्राप्त संस्थाओं (अध्ययन केन्द्रों) के एक मजबूत शैक्षिक नेटवर्क के माध्यम से कार्य करता है। प्रतिवर्ष विद्यार्थियों का पंजीकरण बढ़ता जा रहा है। NOS के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अभी तक कुल मिलकार करीब 4.5 लाख विद्यार्थी प्रवेश ले चुके हैं। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय अपने मान्यता प्राप्त संस्थाओं (Accredited Institutions) को केन्द्रीय स्थान प्रदान करता है।

देश और विदेशों में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय (NOS) के 1,459 अध्ययन केन्द्र हैं। ये अध्ययन केन्द्र व्यक्तिगत सहायता के माध्यम से अधिगम प्रक्रिया को सरल बना देते हैं। इस समय राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय में 5 लाख से अधिक विद्यार्थी प्रवेश ले चुके हैं। अनिवासी (NRI) और विदेशी विद्यार्थियों के लिए शिक्षा को सहजता से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के मान्यता प्राप्त केन्द्र मध्य एशिया (दुबई, आबूधाबी, मस्कट और कुवैत), नेपाल तथा कना (वैनकुवर) में है। NOS का अपना एक, परीक्षा बोर्ड है ‘राष्ट्रीय माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक एवं व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड’ जो माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की परीक्षा लेता है। वर्ष में दो बार परीक्षा होती है-मई और नवम्बर में।

विद्यार्थियों को द्रुत गति से बिल्कुल ठीक और सक्षम सेवाएँ और सहायताएँ (शैक्षिक और प्रशासनिक) प्रदान करने के लिए, सभी कार्यरत प्रमुख इकाइयों को कम्प्यूटरीकृत कर दिया गया है। NOS के कम्प्यूटर केन्द्र में आधुनिक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उपलब्ध है। NOS के हेड ऑफिस (दिल्ली) के अतिरिक्त, क्षेत्रीय केन्द्रों में भी विद्यार्थियों की सहायता के लिए मुद्रण मशीनें और कम्प्यूटर उपलब्ध है। सूचना तकनीकी (IT) के तीव्र विकास और इण्टरनेट (Internet) द्वारा शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखकर NOS ने वेब (World Wide Web) के आधार पर शैक्षिक पर्यावरण निर्मित किया है, जिसमें विद्यार्थियों को घर बैठे अपनी उंगलियों की टिप्स पर एक उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी।

मुक्त विद्यालयों के क्षेत्र में एक और महत्वाकांक्षी योजना का विकास हो रहा है, वह है इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर आधारित स्कूलों का विकास। इन विद्यालयों को इण्डियन ओपन स्कूलिंग नेटवर्क (Indian Open Schooling Network IOSN) कहते हैं। IOSN पूरे भारत में फैले ऐसे विद्यालय, जो पहले से ही Internet पर है, उन्हें आपस में जोड़कर एक सामान्य प्लेटफार्म (Common Plate form) तैयार कर रहा है जो मुक्त विद्यालयों के शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के विकास में अपना अद्भुत योगदान करेगा।

IOSN अपने को कॉमनवेल्थ इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क फॉर स्कूल एण्ड एजूकेशन (Commonwealth Electronic Network for School and Education: CENSE) से जोड़ रहा है।

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय को मार्च 1999 में ब्रुनाई (दारेस्सलाम) में आयोजित ‘मुक्त शिक्षा के अखिल राष्ट्रमण्डल फोरम’ (Commonwealth Forum for Distance Education) में दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में कुशल और संस्थागत उपलब्धि के लिए राष्ट्रमण्डल पुरस्कार’ (Common Wealth Award) मिल चुका है।

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Pankaja Singh

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