शैक्षिक तकनीकी

शिक्षण की प्रकृति | शिक्षण की विशेषताएँ | शिक्षण को प्रभावित करने वाले कारक

शिक्षण की प्रकृति | शिक्षण की विशेषताएँ | शिक्षण को प्रभावित करने वाले कारक | Nature of Teaching in Hindi | Features of Teaching in Hindi | factors affecting learning in Hindi

शिक्षण की प्रकृति

शिक्षण की प्रकृति निम्नलिखित है-

(1) शिक्षण एक सोद्देश्य प्रक्रिया है (Teaching is a Purposeful or Objective Centre)- शिक्षण किसी न किसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर कराया जाता है इसलिए इसे हम सोद्देश्य प्रक्रिया मानते हैं। इसके कुछ निश्चित लक्ष्य होते हैं जिन्हें प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है और पूर्व निर्धारित उद्देश्यों अथवा लक्ष्यों की प्राप्ति न होने पर शिक्षण को व्यर्थ ही माना जाता है।

(2) शिक्षण एक अन्तः प्रक्रिया है (Teaching is an Interactive Process) – शिक्षण का कार्य शिक्षक एवं शिक्षार्थी मिलकर करते हैं। शिक्षक अथवा शिक्षार्थी दोनों में से किसी एक की अनुपस्थिति अन्तः प्रक्रिया का खात्मा कर सकती है। अतः यह क्रिया किसी विशेष कार्य के लिए संचालित होती है।

(3) शिक्षण कला एवं विज्ञान दोनों है (Teaching is a Science as Well as an art)- शिक्षण के सम्बन्ध में दो मत-उभरकर आये हैं। कुछ लोगों का मानना है कि शिक्षण कला है तो दूसरे लोग इस तर्क से सहमत नहीं है वे इसे विज्ञान मानते हैं। लेकिन वास्तव में यदि देखा जाये तो यह कला एवं विज्ञान दोनों ही है।

(4) शिक्षण एक विकासात्मक प्रक्रिया है (Teaching is a Process of Development)- हमारी शिक्षण व्यवस्था बाल केन्द्रित होने के कारण बालक का सर्वांगीण विकास करती है तथा इससे बालक के व्यवहारगत परिवर्तन भी होते हैं। सफल शिक्षण तब तक नहीं माना जाता, जब तक छात्र के तीनों पक्षों (ज्ञानात्मक, भावात्मक एवं क्रियात्मक) का विकास न किया जाये। सफल शिक्षण में इन पक्षों का विकास आवश्यक है तभी उसे सही शिक्षण कहा जायेगा।

(5) शिक्षण एक सामाजिक तथा व्यावसायिक प्रक्रिया है (Teaching is a Social and Professional Activity)- शिक्षण प्रक्रिया का संचालन शिक्षक तथा छात्र दोनों के संयुक्त समूह में सम्भव है। इसके लिए शिक्षक व छात्र संख्या कम-से-कम 1: 1 होनी चाहिये। शिक्षण प्रक्रिया संचालक हेतु वातावरण सामाजिक होने के कारण यह सामाजिक प्रक्रिया है तथा इसे जीविकोपार्जन के रूप में शिक्षक द्वारा प्रयोग करने से यह क्रिया व्यावसायिक बन जाती है। इस प्रकार शिक्षण व्यावसायिक एवं सामाजिक प्रक्रिया है।

(6) शिक्षण निदानात्मक तथा उपचारात्मक होता है (Teaching is both Diagnostic and Remedial)- ‘सक्सेना एवं ओबेराय’ (Saxena and Oberai) लिखते हैं कि मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों के आधार पर हम विद्यार्थी की बुद्धि उसके दृष्टिकोण एवं कमजोरियों का पता आसानी से लगा लेते हैं।” वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं द्वारा छात्र की योग्यताओं क्षमताओं एवं संवेगों का पता आसानी से लगा लेते हैं। साथ ही व्यक्तिगत, मिन्नता, शिक्षण की नवीन पद्धतियाँ, पिछड़ेपन के कारणों का पता कर हम शिक्षण को उपचारात्मक भी बना सकते हैं।

अच्छे शिक्षण की विशेषताएँ (Characteristics of Good Teaching)

अच्छे शिक्षण की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित है-

  1. अच्छा शिक्षण क्रियाशील रहने के अवसर प्रदान करता है।
  2. अच्छा शिक्षण चुनी हुई बातें का ज्ञान देता है।
  3. अच्छे शिक्षण को गुणकारी योजना की आवश्यकता है।
  4. अच्छे शिक्षण से वांछनीय सूचनाएँ प्राप्त होती हैं।
  5. अच्छा शिक्षण सहानुभूतिपूर्ण होता है जिससे सभी श्रेणियों के छात्रों का सम्बन्ध शिक्षण से मथुर होता है।
  6. अच्छा शिक्षण अधिगम का संगठन करता है।
  7. अच्छा शिक्षण जनतंत्रीय होता है।
  8. अच्छे शिक्षण से निरन्तर प्रगति होती रहती है।
  9. श्रेष्ठ शिक्षण संवेगात्मक स्थिरता उत्पन्न करता है।
  10. अच्छा शिक्षण तैयारी का एक साधन है।
  11. यह छात्रों में प्रजातांत्रिक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक होता है।

शिक्षण को प्रभावित करने वाले कारक

(Factors Affecting the Teaching)

शिक्षण को प्रभावित करने में किसी एक या दो कारकों का ही योगदान नहीं है बल्कि विभिन्न कारक इसे प्रभावित करते हैं प्रो. बी.एफ. स्किनर ने अपने शोधपत्र The Science of Learning and the Art of Teaching”  Harvard Education Review, Vol 22 PP 86-97 (1954) में प्रकाशित किया। जिसमें यह सम्भावना व्यक्त की कि प्रत्येक विद्यार्थी अपने सीखने की गति से सीखता है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि बालक के शिक्षण को विभिन्न तत्व प्रभावित करते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

(1) वैयक्तिक विभिन्नताएँ (Individual differences)

(2) शिक्षण उद्देश्य (Educational objetives)

(3) कक्षा की संवेगात्मक स्थिति (Emotional state of the class)

(4) शिक्षक का व्यक्तित्व एवं कुशलता (Personality and efficiency of the teacher)

(5) परिणामों की शीघ्र जानकारी (Immediate knowledge of results)

(6) भौतिक संसाधन एवं शैक्षिक सामग्री (Teaching aids and Material resources)

(7) परिवार का वातावरण (Environment of family)

(8) विद्यालय का वातावरण (Environment of school)

(9) पाठ्यक्रम (Curriculum)

(10) शिक्षक क्रियाओं का नियोजन (Planning of teacher activities)

अच्छे शिक्षक के गुण (Merits of Good Teachers)- अच्छे शिक्षक के गुणों को हम निम्न प्रकार स्पष्ट कर सकते हैं-

T = Tactful = नीति निपुण

E = Efficient = योग्य

A = Adaptability = अनुकूलनशीलता

C = Confident = आत्मविश्वासी

H = Helpful = सहयोगी

E = Enthusiasm = उत्साह से परिपूर्ण

R = Resourceful = साधन सम्पन्न

अतः न्यूयार्क (अमेरिका, यू.एस.ए.) के शिक्षा विभाग ने एक अच्छे शिक्षक के निम्नलिखित गुण बताये हैं-

Though freshness = विवेकशीलता

Gregariousness = सामूहिकता

Reliability = विश्वसनीयता

Open mindedness = नव विचार ग्राह्यता

Ability in leadership = नेतृत्व की क्षमता

Originality = मौलिकता

Integrity = निष्कपटता

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Pankaja Singh

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