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पुनर्बलन कौशल | पुनर्बलन कौशल के घटक | प्रदर्शन कौशल | प्रदर्शन कौशल के घटक

पुनर्बलन कौशल | पुनर्बलन कौशल के घटक | प्रदर्शन कौशल | प्रदर्शन कौशल के घटक | Reinforcement Skills in Hindi | Components of Reinforcement Skills in Hindi | performance skills in Hindi | components of performance skills in Hindi

पुनर्बलन कौशल

(Skill of Reinforcement)

शिक्षण-अधिगम में ओजस्विता लाने में पुनर्बलन का विशेष महत्व होता है। पुनर्बलन से विद्यार्थियों में अभिप्रेरणा का संचार होता है और वे पूरे मनोवेग से शिक्षण में तल्लीन होते हैं। पुनर्बलन वास्तव में कार्य के प्रति उत्साह को बढ़ाते हैं। इनके प्रयोग से सीखने वाले में किसी अनुक्रिया को प्रदर्शित करने में कई गुना आशा बढ़ जाती है। स्किनर का अभिगम है कि शिक्षक द्वारा विद्यार्थियों की प्रशंसा करना उत्तर को स्वीकार करना अथवा सिर हिलाने मात्र से ही बालक पुनर्बलित होता है। वास्तव में पुनर्बलन वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा प्रतिक्रिया के फौरन बाद किसी उद्दीपन को प्रस्तुत करने पर प्राणी की प्रतिक्रिया शक्ति बढ़ जाती है।

पुनर्बलन दो प्रकार को हो सकते हैं-

(i) यथोचित पुनर्बलन का प्रयोग

(ii) धनात्मक पुनर्बलन का प्रयोग

पुनर्बलन दो प्रकार को हो सकते हैं-

(A) धनात्मक पुनर्बलन जैसे पुरस्कार, प्रशंसा, शाबासी आदि।

(B) ऋणात्मक पुनर्बलन जैसे डाटना, फटकारना, आदि।

पुनर्बलन कौशल के घटक (Components of Reinforcement Skill)

(i) प्रशंसा वाले कथनों का प्रयोग

(ii) छात्र प्रतिक्रिया का आदर

(iii) विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाना

(iv) विद्यार्थियों के सही उत्तर को श्यामपट्ट पर लिखना

(v) उचित भाव, भाव भंगिमा का प्रयोग

(Vi) यथोचित पुनर्बलन का प्रयोग

(Vii) धनात्मक पुनर्बलन का प्रयोग

(Viii) ऋणात्मक पुनर्बलन का प्रयोग

छात्र सहभागी कौशल के घटक

प्रशंसा वाले कथनों का प्रयोग किया गया

छात्रों की प्रतिक्रिया का आदार किया गया

विद्यार्थियों को उत्साहित किया गया

विद्यार्थियों के सही उत्तर को श्यामपट्ट पर लिखा गया

उचित हाव भाव भंगिमा का प्रयोग किया गया

यथोचित पुनर्बलन का प्रयोग किया गया

धनात्मक पुनर्बल का प्रयोग किया गया।

ऋणात्मक पुनर्बलन का प्रयोग किया गया।

प्रदर्शन कौशल (Demonstration Skill)

प्रायः शिक्षक शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में किसी कठिन, जटिल तथ्यों सिद्धान्तों को विद्यार्थियों को समझाने के लिए प्रदर्शन का आश्रय लेता है। वैज्ञानिक विषयों के शिक्षण में प्रदर्शन का विशेष महत्व होता है। इसमें सिद्धान्तों, तथ्यों को समझाने के लिए प्रयोग एवं प्रदर्शन का प्रयोग बहुतायत किया जाता है। प्रदर्शन का अर्थ है- करके दिखाना इसी कारण विज्ञान में एक कहावत अत्यन्त प्रचलित है और वह है- “विज्ञान आओं करके सीखें।”

प्रदर्शन कौशल को स्पष्ट करते हुए शब्द कोष में कहा गया है कि- “किसी चीज के बारे में उसके मुख्य-मुख्य गुणों, उपयोगिता, कार्य कुशलता एवं उत्पादन के बारे में प्रदर्शन के तौर-तरीकों एवं क्रिया कलापों को प्रदर्शन कौशल कहा जाता है।“

प्रदर्शन कौशल के घटक

(Components of Demonstration Skill)

  1. प्रदर्शन की शैली
  2. यंत्रों की उपलब्धता एवं उपयुक्तता
  3. प्रदर्शन के बीच में प्रश्न
  4. स्पष्ट करने वाले भाषा का प्रयोग
  5. विद्यार्थियों की अनुक्रिया
  6. प्रदर्शन की गति
  7. शिक्षण बिन्दुओं की पुनरावृत्ति

छात्र सहभागी कौशल के घटक

प्रदर्शन की शैली उपयुक्त थी

उपकरणों की स्थिति ठीक थी

शिक्षक के पूर्व कथन का स्तर

विद्यार्थियों का प्रदर्शन में सहयोग

प्रदर्शन द्वारा मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया

भाषा स्पष्ट थी

शिक्षक में पूरा आत्मविश्वास था

प्रदर्शन का औचित्य

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Pankaja Singh

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