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औद्योगिक संगठन का अर्थ | औद्योगिक संगठन की विशेषतायें | औद्योगिक संगठन के प्रकार

औद्योगिक संगठन का अर्थ | औद्योगिक संगठन की विशेषतायें | औद्योगिक संगठन के प्रकार | Meaning of industrial organization in Hindi | Features of industrial organization in Hindi | Types of Industrial Organization in Hindi

औद्योगिक संगठन का अर्थ

ऐजियोनी ने आधुनिक समाज में संगठनों की व्यापकता पर प्रकाश डालते हुये लिखा है, “हमारा समाज एक संगठनात्मक समाज है। हम संगठनों में जन्म लेते हैं, संगठनों के द्वारा शिक्षा ग्रहण करते हैं और हममें से अधिकांश अपने अधिकांश जीवन संगठनों के लिए कार्य करने में व्यतीत करते हैं। आधुनिक समाज औद्योगिक समाज है। औद्योगिक समाज में संगठनों का अत्यधिक महत्व है। उद्योग स्वयं एक संगठनात्मक व्यवस्था है। औद्योगिक संगठन सामाजिक संगठन का एक विशिष्ट भाग है। औद्योगिक संगठन की व्याख्या के लिये यह आवश्यक है कि पहले ‘संगठन शब्द को समझ लिया जाये।

संगठन का अर्थ (Meaning of Organization)

जब कभी दो या अधिक व्यक्ति किसी विशिष्ट उद्देश्य की प्राप्ति के लिये प्रयत्न करते है तो वे किसी न किसी प्रकार का सामञ्जस्य करते हुये कार्य करते हैं। किसी लक्ष्य की प्राप्ति में लगी विभिन्न इकाइयों का व्यवस्थित सामञ्जस्य ही वास्तव में ‘संगठन’ कहलाता है। अंग्रेजी शब्द ‘आर्गेनिजेशन’ (Organization) की उत्पत्ति ‘आर्गन’ (Organ) शब्द से हुई है जिसका अर्थ ‘अंग’ या ‘अवयव’ है। यह शब्द मानव, पशु, या पक्षी के ऐसे अंग के लिये प्रयोग किया जाता है जो कोई विशिष्ट प्रकार्य पूर्ण करता है। इस प्रकार संगठन एक ऐसी रचना है जिसमें विशिष्ट कार्यों का सम्पादन करने वाली विभिन्न इकाइयों की व्याख्या होती है।

औद्योगिक संगठनों की परिभाषा करते हुये ऐजियोनी ने लिखा है, ‘संगठन विशिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये विचारपूर्वक निर्मित तथा पुनर्निमित समाजिक इकाइयों (अथवा मानव समूह) है।” इस दृष्टि से संगठन औपचारिक संरचना है जो धार्मिक, आर्थिक निगम, विद्यालय, चिकित्सालय, राजनैतिक दल इत्यादि ऐसे ही संगठन है। संगठन परस्पर सम्बद्ध इकाइयों का प्रकार्यात्मक संयोजन है हाल (Hall) ने संगठन की विस्तृत व्याख्या करते हुये कहा है “एक संगठन एवं सामूहिकता है जिनमें अपेक्षाकृत निश्चित सीमा क्षेत्र एक आदर्शात्मक व्यवस्था सता श्रेणियां, संचार व्यवस्थायें और सदस्यता समन्वय व्यवस्थाये होती है, यह सामूहिकता अपेक्षाकृत निरन्तरता के आधार पर एक पर्यावरण में स्थित होती है और उन गतिविधियों में संलग्न रहती है जो किसी लक्ष्य अथवा लक्ष्यों के समूह से सम्बन्धित होती है।

हीने (Heney) ने संगठन की अत्यन्त सरल परिभाषा करते हुये कहा है, “संगठन किसी सामान्य उद्देश्य या उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये विशिष्ट अंगों का सौहार्दपूर्ण समायोजन है।” इन परिभाषाओं से यह निष्कर्ष निकलता है कि एक औद्योगिक संगठन का तातो किसी औद्योगिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिये अनेक इकाइयों अथवा इकाई समूहों की सामञ्जस्यपूर्ण क्रियाशीलता से है। औद्योगिक संगठन औद्योगिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये तार्किक आधार पर योजनापूर्वक स्थापित संरचनायें हैं। इन संरचनाओं का निर्माणा भूमिकाओं, अभिमतियों (Sanctions) तथा संरचना की व्यवस्थाओं से होता है जिनमें नियमित और निश्चित व्यवहार की निरन्तरता बनी रहती है। औद्योगिक संगठनों में सत्ता-संरचना और नियन्त्रण-व्यवस्था के द्वारा विभिन्न मानवीय इकाइयों की क्रियाओं सामञ्जस्य बना रहता है।

औद्योगिक संगठन की विशेषतायें

  1. औद्योगिक संगठन एक सुनियोजित एवं तर्कसंगत तंत्र है जिसका निर्माण निर्धाति लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये किया जाता है।
  2. यह परस्पर सम्बन्धित मनुष्यों तथा मानव-समूहों की संरचनात्मक व्यवस्था है।
  3. औद्योगिक संगठनों में औद्योगिक क्रियाओं की विशिष्टता के आधार पर श्रम का विभाजन होता है।
  4. संगठन के अन्तर्गत प्रत्येक स्तर पर कार्य करने वाले व्यक्तियों की स्थितियों और भूमिकाओं की, अधिकारों और कर्त्तव्यों की स्पष्ट व्याख्या रहती है।
  5. औद्योगिक संगठनों में कार्य करने वाले मानव समूह एक वैधानिक सत्ता के अन्तर्गत कार्य करते हैं। वे एक कार्यकारी अधिशासी नेतृत्व के द्वारा संचालित होते हैं।
  6. औद्योगिक संगठन का मुख्य उद्देश्य मानवीय प्रयासों में कुशलता, एकरूपता, यथार्थता, क्रमबद्धता तथा समन्वय की वृद्धि करना है। संगठनात्मक लक्ष्य वह इच्छित अवस्था है जिसे प्राप्त करने के लिये संगठन करता है। औद्योगिक संगठन निर्धारित लक्ष्यों से निर्देशित होता है। वास्तविक लक्ष्यों के अतिरिक्त संगठनों के कुछ कथित (Stated) लक्ष्य भी हो सकते है। जिनकी आड़ में कोई औद्योगिक संगठन अपने वास्तविक लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर लेता है। संगठन अपने लक्ष्यों का विस्तार भी कर सकता है और उनमें परिवर्तन भी कर सकता है।
  7. औद्योगिक संगठन का संचालन सम्प्रेषण की प्रक्रिया पर आधारित है। अतः एक संचार व्यवस्था संगठन की मुख्य विशेषता है जिसके माध्यम से संगठन सदस्यों के बीच नियमों का आदेश-निर्देश का तथा विभिन्न सूचनाओं का आदान-प्रदान होता रहता है।
  8. औद्योगिक संगठन में कर्मचारियों की फेर-बदल होती रहती है। जो कर्मचारी संतोषजनक कार्य नहीं करते उन्हें हटा कर उनके स्थान पर नये सदस्यों को नियुक्त किया जाता है। कर्मचारियों की पदोन्नति तथा स्थानान्तरण करके भी कर्मचारियों में फेरबदल की जा सकती है।
  9. औद्योगिक संगठन आधुनिक युग की सार्वभौमिक व्यवस्थायें हैं।

संक्षेप में औद्योगिक संगठन में श्रम, शक्ति और संचार के उत्तरदायित्वों का इस प्रकार सोच समझकर योजनापूर्वक विभाजन किया जाता है कि विशिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति सुचारू रूप से हो सके। विवेकीकरण, प्रभावोत्पादकता तथा कार्यकुशलता औद्योगिक संगठन के महत्वपूर्ण लक्षण है। औद्योगिक संगठन शक्तिकेन्द्रों, विशेषज्ञों, मजदूरों, मशीनों और कच्चे माल को संगठित करके कर्मचारियों को जोड़ता है, कार्य का निरन्तर मूल्यांकन करता है और तदनुसार लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये पुनर्व्यवस्था और सामन्जस्य करता है।

औद्योगिक संगठन के प्रकार

(Types of Industrial Organization)

संगठनों का वर्गीकरण अनेक आधारों पर किया गया है। टालकोट पारसन्स ने लक्ष्यों को  आधार मानकर संगठनों के चार प्रकार बतायें हैं- (1) उत्पादन संगठन (2) राजनैतिक संगठन (3) एकीकरण के संगठन तथा (4) सांस्कृतिक संगठन ब्लाऊ तथा स्काट न लाभान्वित पक्ष के आधार पर चार प्रकार के संगठनों का उल्लेख किया है- प्रथम ने संगठन जो पारस्परिक हित से सम्बन्धित हैं, दूसरे वे संगठन जो व्यवसाय से सम्बन्धित होते हैं, तीसरे सेवा संगठन (Service Organization) और चौथे सार्वजनिक कल्याण से सम्बन्धित संगठन। गिस्बर्ट (Gisbert) ने दो प्रकार के संगठनों की चर्चा की है। उसके विचार से संगठनों को एक प्रकार से ‘स्वाभाविक संगठन’ कहा जा सकता है तथा दूसरे प्रकार को ‘सोद्देश्य संगठन ।’

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Pankaja Singh

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