पृथ्वी की गतियॉ पाठ योजना | पृथ्वी की गतियॉ लेसन प्लान | Motions of Earth Lesson Plan in Hindi
पृथ्वी की गतियॉ पाठ योजना
विद्यालय का नाम – अ – ब – स विद्यालय
दिनांक – 00/00/0000
कक्षा – 6
विषय – भूगोल
प्रकरण – पृथ्वी की गतियॉ
अवधि – 30 मिनट
सामान्य उद्देश्य
- छात्रों में भूगोल के प्रति रुचि उत्पन्न करना।
- छात्रों को विश्व के विभिन्न देशों के भौगोलिक एवं सामाजिक पर्यावरण को समझने योग्य बनाना।
- छात्रों में प्राथमिक स्तर पर प्राप्त ज्ञान को सुव्यवस्थित करना।
- छात्रों में भौगोलिक नागरिकता के गुणों का विकास करना।
- छात्रों में भारत की प्राकृतिक परिस्थितियों का ज्ञान कराना।
विशिष्ट उद्देश्य
- छात्र-छात्राएं घूर्णन को प्रत्यास्मरण कर सकेंगे।
- छात्र-छात्राएं परिक्रमण को परिभाषित कर सकेंगे।
- छात्र-छात्राएं प्रदीप्ति वृत्त की व्याख्या कर सकेंगे।
- छात्र-छात्राएं ऋतु परिवर्तन की स्थितियों का विश्लेषण कर सकेंगे।
- छात्र-छात्राएं उत्तर अयनांत तथा दक्षिण अयनांत में अंतर कर सकेंगे।
शिक्षण सामग्री
ग्लोब, चार्ट, चाक, डस्टर, संकेतांक एवं अन्य कक्षा उपयोगी सामग्री।
पूर्व ज्ञान
विद्यार्थी पृथ्वी की गति के विषय में सामान्य जानकारी रखते होंगे।
प्रस्तावना के प्रश्न
छात्र अध्यापिका क्रिया |
विद्यार्थी अनुक्रिया |
पृथ्वी के उपग्रह का क्या नाम है? |
चंद्रमा |
चंद्रमा की चमक कब दिखाई देती है? |
रात में |
रात तथा दिन होने का क्या कारण है? |
पृथ्वी की गति के कारण |
उद्देश्य कथन
आज हम लोग पृथ्वी की गतियो के विषय में अध्ययन करेंगे।
प्रस्तुतीकरण ( शिक्षण बिंदु, छात्र अध्यापिका क्रिया, विद्यार्थी अनुक्रिया)
पृथ्वी की गति
पृथ्वी की गति दो प्रकार की है – घूर्णन एवं परिक्रमण। पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है। सूर्य के चारों ओर एक स्थिर कक्ष में पृथ्वी की गति को परिक्रमण कहते हैं। पृथ्वी का अक्ष काल्पनिक रेखा है जो इसके कक्षीय सतह से 66:30 अंश का कोण बनाती है। वह समतल जो कक्ष के द्वारा बनाया जाता है, उसे कक्षीय सतह कहलाते हैं। पृथ्वी सूर्य से प्रकाश प्राप्त करती है। तथा गोल होने के कारण एक समय में सिर्फ इसके आधे भाग पर से सूर्य की रोशनी प्राप्त होती है। ग्लोब पर वह वृत्त जो दिन तक रात को विभाजित करता है उसे प्रदीप्ति वृत्त कहते हैं। पृथ्वी की दूसरी गति जो सूर्य के चारों ओर कक्ष में होती है उसे परिक्रमण कहा जाता है। पृथ्वी 1 वर्ष या 365 1/5 दिन में सूर्य का चक्कर लगाती है।
पृथ्वी का परिक्रमण एवं ऋतुएं
सामान्यता 1 वर्ष को गर्मी, सर्दी, बसंत एवं शरद ऋतु में बांटा जाता है। ऋतु में परिवर्तन सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की स्थिति में परिवर्तन के कारण होता है। 21 जून को उत्तरी गोलार्ध सूर्य की तरफ झुका है। सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है। इसके परिणाम स्वरूप इन क्षेत्रों में ऊष्मा अधिक प्राप्त होती है। विषुवत वृत्त के उत्तरी भाग में गर्मी का मौसम होता है। 21 जून को इन क्षेत्रों में सबसे लंबा दिन तथा सबसे छोटी रात होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को उत्तर अयनांत कहते हैं।
22 दिसंबर को दक्षिण ध्रुव के सूर्य की ओर झुके होने के कारण मकर रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है। दक्षिणी गोलार्ध में लंबे दिन तथा छोटी रातों वाली ग्रीष्म ऋतु होती है। इसके ठीक विपरीत स्थिति उत्तरी गोलार्ध में होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को दक्षिण अयनांत कहा जाता है
21 मार्च एवं 23 दिसंबर को सूर्य की किरणें विषुवत वृत्त पर सीधी पड़ती है। इस अवस्था में कोई ध्रुव सूर्य की ओर नहीं झुका होता है,इसलिए पूरी पृथ्वी पर रात तथा दिन बरकरार होते हैं। इसे विषुव कहा जाता है। 23 सितंबर को उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु होती है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में बसंत ऋतु होती है। 21 मार्च को स्थिति इसके विपरीत होती है जब उत्तरी गोलार्ध में बसंत ऋतु तथा दक्षिणी गोलार्ध में शरद ऋतु होती है।
इस प्रकार पृथ्वी के घूर्णन एवं परिक्रमण के कारण दिन एवं रात तथा ऋतुओं में परिवर्तन होता है।
श्यामपट्ट सारांश
- पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है।
- सूर्य के चारों ओर एक स्थिर कक्ष में पृथ्वी की गति को परिक्रमण कहते हैं।
- दिन रात को विभाजित करने वाली रेखा को प्रदीप्ति वृत्त कहते हैं ।
- पृथ्वी के घूर्णन एवं परिक्रमण के कारण दिन एवं रात तथा ऋतुओं में परिवर्तन होता है।
निरीक्षण कार्य
छात्र अध्यापिका छात्रों सेश्यामपट्ट पर लिखी सामग्री को अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखने का निर्देश देगी और निरीक्षण करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करेगी।
मूल्यांकन के प्रश्न
- घूर्णन किसे कहते हैं?
- परिक्रमण किसे कहते हैं?
- प्रदीप्ति वृत किसे कहते हैं?
- पृथ्वी अपने अक्ष पर कितने अंश झुकी हुई है?
- घूर्णन तथा परिक्रमण में अंतर बताएं?
गृह कार्य
उत्तर अयनांत किसे कहते हैं?
पाठ योजना – महत्वपूर्ण लिंक
- सौरमंडल पाठ योजना | सौरमंडल लेसन प्लान | solar system lesson plan in Hindi
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