भूगोल

विश्व में कोयला का वितरण और उत्पादन | ऊर्जा संसाधन के वर्गीकरण के प्रमुख आधार | सोवियत रूस में प्रमुख खनिजों के क्षेत्र | विश्व में कोयले की संचित राशि तथा उत्पादन

विश्व में कोयला का वितरण और उत्पादन | ऊर्जा संसाधन के वर्गीकरण के प्रमुख आधार | सोवियत रूस में प्रमुख खनिजों के क्षेत्र | विश्व में कोयले की संचित राशि तथा उत्पादन

विश्व में कोयला का वितरण और उत्पादन

इस शक्ति ने सभ्यता की चेतना प्रदान की है। यह उद्योग-धन्धों की जननी है। इसका उत्पादन मानव के भौतिक प्रयोग तथा पदार्थों एवं गतिशीलता का विकास उपक्रम है। आधुनिक  इतिहास में विश्व के आर्थिक एवं राजनीतिक स्वरूप को इसी ने निर्धारित किया है। विश्व के  ऊष्मा एवं ऊर्जा के स्त्रोतों में इसका अंश 4.6 प्रतिशत है। कोयला से गैस, रासायनिक पदार्थ, खाद्य कृत्रिम रंग कृषिक खनिज तेल, कोलतार, अमोनिया, नेप्था तथा नाइलोन आदि बनते हैं।

कोयला अवसादी शैली में मिलता है। यह पौधों के विघटन, रूप-परिवर्तन तथा कालानंतर में ऊष्मा तथा दाब के प्रभाव के फलस्वरूप बनता है कोयला कार्बोनिफेरस तथा टर्शरी कम्प से निर्मित है। इसका गुण इसमें प्राप्त कार्बन की मात्रा पर निर्भर करता है। एन्थ्रेसाइट कोयले में कार्बन की मात्रा 80 से 95 प्रतियात, विटुमिनस कोयला में 65 से 90 प्रतिशत तथा लिग्नाइट कोयला में कार्बन की न्यूनतम मात्रा 45 प्रतिशत होती है। लिग्नाइट कोयला में जल का अंश अधिक होता है।

विश्व वितरण

विश्व का 80% एन्थ्रेसाइट कोयला एशिया महाद्वीप में मिलता है और 10% कोयला यूरोप में। 90% विटुमिनस कोयला केवल संयुक्त राज्य अमेरिका तथा सोवियत रूस मिलता है। विश्व के कुल कोयले का 45% एशिया में, 35% उत्तर अमरीका में 13% यूरोप में मिलता है। सोवियत भू- वैज्ञानिकों के आधुनिकतम अनुमान के अनुसार सोवियत रूस में कोयले का भंडार 76.5 लाख मीटरी टन है जो विश्व के देशों में सर्वाधिक है। एक अन्य अनुमान के अनुसार विश्व का आधार कोयला भंडार सोवियत रूस में है।

कोयला के प्रमुख उत्पादक देश सोवियत रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जर्मनी, पोलैण्ड, ग्रेट-ब्रिटेन, कनाडा, भारत तथा यूगोस्लोविया है। अन्य उत्पादक देश आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका गणराज्य, फ्रांस, जापान आदि है।

विश्व में कोयले की संचित राशि तथा उत्पादन

देश राशि (करोड़ मी० टन) उत्पादन (लाख मी० टन)
संयुक्त राज्य अमेरिका 1,42,340 8,850
चीन 7,40,000 8,650
ब्रिटेन 17,200 1,050
भारत 11,400 1,770
सोवियत संघ 7,161 7,600
कनाडा 8,692 480
पोलैण्ड 7,100 2,533
जर्मनी 7,000 2,115
द. अफ्रीका गणराज्य 7,247 1,690
आस्ट्रेलिया 1,600 1,050

सोवियत संघ- कोयला के उत्पादन में यह देश विश्व में प्रथम है। कोयले का 90% भंडार एशियाई क्षेत्र में है। महत्वपूर्ण कोयला उत्पादक क्षेत्र डोनबास, कुजबास, करागांडा, मास्कोतुला यूराल प्रदेश है। डोनवास वृहत्तम कोयला उत्पादक क्षेत्र है जहाँ एन्थ्रेसाइट तथा विटुमिनस कोयला मिलता है। कुजवास बेसिन भंडार की दृष्टि से देश का चौथा और उत्पादन की दृष्टि से द्वितीय बृहत्तम प्रदेश है जहाँ बिटुमिनस कोयले का भंडार है। कुजबास तथा करागाण्डा क्षेत्र कोककर कोयले के लिए प्रसिद्ध है। मास्को-तुला क्षेत्र में लिग्नाइट कोयला मिलता है।  कोयले के अन्य क्षेत्र इकूटस्क बेसिन, पेचोरा बेसिन, कास्क-याचिन्क्स क्षेत्र, लीना बेसिन तथा आमुर बेसिन हैं। पेचोरा बेसिन में कोयले का भंडार डोनबास क्षेत्र से भी अधिक होने का अनुमान है, किन्तु बाजार से अधिक दूरी तथा खनन में अधिक व्यय के फलस्वरूप नहीं हो रहा है। इस बेसिन में कोककर कोयला अधिक है। शक्ति तथा ऊर्जा उत्पादन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इनके अन्य उपयोग भी हैं। गैसें एवं कोयले के कार्बन का प्रयोग इस्पात निर्माण में, तेल का उपयोग मोम आदि बनाने में तथा प्राकृतिक गैस का उपयोग विविध कार्यों में होता है। इनकी सापेक्षिक स्थिति निम्न तालिका से स्पष्ट है-

ऊर्जा संसाधन के वर्गीकरण के प्रमुख आधार

(क) प्राणिज ऊर्जा-चेतना शक्ति के आधार पर संसाधनों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है प्राणिज तथा अप्राणिज ऊर्जा संसाधन।

(ख) जीवन के विभिन्न स्वरूप के आधार पर ऊर्जा संसाधनों को दो भागों में बांटा गया है-मानवीय तथा पशु शक्ति।

(ग) मानवीय उपयोग के उद्देश्यों के आधार पर ऊर्जा संसाधनों को दो वर्गों में बांटा गया है-वाणिज्यिक तथा अवाणिज्यिक।

ऊर्जा के वाणिज्यिक संसाधन-संसाधन जो सामान्यतः व्यापार में उपयोगी होते हैं, वाणिज्यिक संसाधन कहलाते हैं जैसे-जल-विद्युत, कोयला, खनिज तेल, और प्राकृतिक शोधित गैसें। इस वर्ग में अणुशक्ति को भी सम्मिलित किया जा सकता है जबकि गैर-वाणिज्यिक स्त्रोत पेड़ों की लकड़ी एवं वायु सूर्य ताप आदि है।.

ऊर्जा संसाधन की उपयोगिता की दृष्टि से इसे प्राथमिक एवं गौण ऊर्जा में भी वर्गवद्ध किया जा सकता है। प्राथमिक ऊर्जा स्त्रोत कोयला, कच्चा तेल और बहता हुआ जल है जबकि गौण ऊर्जा स्त्रोतों में गैस मिट्टी का तेल, लकड़ी आदि सम्मिलित हैं।

सोवियत रूस में प्रमुख खनिजों के क्षेत्र

संयुक्त राज्य अमेरिका-यह देश उत्तर अमेरिका में प्रथम तथा विश्व में तृतीय बड़ा कोयला उत्पादक है आर भण्डार की दृष्टि से इसका स्थान विश्व में प्रथम है। कोयला के प्रमुख क्षेत्र निम्न प्रकार है-

(1) अपेलोशियन क्षेत्र- इसमें एन्थ्रेसाइट तथा बिटुमिनस जाति का उत्तम कोयला प्राप्त होता है। भंडार, उत्पादन तथा कोककर कोयला के भंडार की दृष्टि से यह विश्व के बृहत्तम कोयला प्रदेशों में एक है। इसके तीन उपक्षेत्र पश्चिमी पेन्सिलवेनिया, मध्य अपेलेशियन तथा अलबामा क्षेत्र हैं। पश्चिम पेन्सिलवेनिया क्षेत्र योहियों एवं पेन्सिलवेनिया राज्यों में 15.5 हजार वर्ग किमी में विस्तृत है। मध्य अनेलेशियन क्षेत्र पश्चिमी वर्गीनिया, केण्ट्की तथा टेत्रेसी राज्यों में विस्तृत है। यहाँ बिटुमिनस कोयला मिलता है। यहाँ समस्त कार्य मशीनों से होता है। अलबामा राज्य में उत्तम कोयला मिलता है। नदियों की गहरी घाटियों के कारण दीवारों से कोयला आसानी से निकाल लिया जाता है इसलिए कोयला अधिक सस्ता पड़ता है।

(2) आन्तरिक क्षेत्र- इसके चार उपक्षेत्र उत्तरी (मिशिगन राज्य), पश्चिमी (आइओबा, कन्सास, मिसौरी, आकलाहामा, दक्षिणी-पश्चिमी (टेक्सास) तथा पूरबी (इण्डियाना, इलिनाइस) है। यहां का अधिकांश कोयला बिटुमिनस है। यहाँ उच्च कोटि का कोयला नहीं है। उत्तरी तथा पूरबी भाग में कोयला की तह क्षैतिज है। अतः खनन में सुविधा है।

(3) खाड़ी तटीय क्षेत्र- मेक्सिको की खाड़ी के उत्तर से दक्षिण अलबामा से टेक्सास लिग्नाइट कोयले का विसतार मिलता है। इसका प्रयोग जलायनों में किया जाता है।

उत्तरी मैदान का कोयला क्षेत्र-यी प्रेयरी क्षेत्र के उत्तर में कनाडा तक विस्तृत है। यहाँ लिग्नाइट जाति का कोयला मिलता है जिसका उपयोग रेलों में किया जाता है।

(5) राकी पर्वतीय क्षेत्र- यह कोयला क्षेत्र मांटाना, वोमिंग, कोलोरेडो तथा मैक्सिको में मिलता है। यह बिटुमिनस कोयला है। परिवहन की कठिनाई के कारण कम उत्पादन होता है। और इसका स्थानीय महत्व है।

(6) प्रशान्त तटीय क्षेत्र – कोलम्बिया नदी की घाटी में वाशिंगटन राज्य में लिग्नाइट कोयला मिलता है। यह पतनों पर उपयोग किया जाता है।

चीन- भण्डार की दृष्टि से यह देश एशिया महाद्वीप में प्रथम तथा विश्व में प्रथम स्थान पर है। ह्वांगहो तथा शान्सी नदी क्षेत्र में कोयला मिलता है। महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्र शान्सी, होन्सी, होपे, हुनान, जिआओनिन शातुंग, जेचवान तथा आन्हवे हैं। उत्तर चीन में एन्थ्रेसाइट तथा बिटुमिनस कोयला मिलता है और दक्षिण चीन में निम्न कोटि का कोयला मिलता है। पांचुकों के फुर्शिन क्षेत्र में संसार की द्वितीय मोटी कोयला की परत 139 मीटर है।

यूनाइटेड किंगडम- इस देश के मुख्य कोयला क्षेत्र (1) नार्थम्बरलैण्डडरहम (2) लंकाशरायर (3) योर्कडव-नार्टिघमशायर (4) मिडिलैण्ड (5) कंबरलैण्ड (6) दक्षिणी वेल्स तथा (7) क्लाइड घाटी है। उत्तरी स्टैफर्डशायर तथा वारविक शायर क्षेत्रों में भी कोयला मिलता है। एक-तिहाई कोयला यार्कशायर डर्बी नार्टिघमशायर क्षेत्र में मिलता है। यहाँ उच्च कोटि का कोयला मिलता है। विश्व के कोयला उत्पादकों में इस देश का स्थान पाँचावा हैं धीरे-धीरे- कोयला का उत्पादन घट रहा है।

पोलैण्ड- इस देश का सिलिशिया कोयला क्षेत्र यूरोप में वेस्टफालिया क्षेत्र के बाद दूसरे स्थान पर है। यहाँ स्टीम तथा कोककर कोयला निमकलता है। दोम्ब्रोवा तथा क्राकाओ मुख्य क्षेत्र हैं। जेजकर कोयला क्षेत्र से श्रेष्ठ कोककर कोयला निकाला जाता है। वालब्रिज जनपद में एन्थ्रेसाइट कोयला मिलता है। निले नदी के दायें किनारे पर लिग्नाइट कोयला मिलता है। यह देश, स्वीडन, नावें, आस्ट्रिया तथा इटली को कोयला निर्यात करता है। विश्व के उत्पादकों में इसका चौथा स्थान है।

फ्रांस, बेल्जियम एवं नीदरलैण्ड्स- यह कोयला पेटी उत्तरी फ्रांस में बेल्जियम होकर नीदरलैण्ड्स के लिम्बर्ग प्रान्त तथा पश्चिम जर्मनी के आचेन क्षेत्र में विस्तृत है। इसमें उच्च कोटि पर एन्थ्रेसाइट तथा विटुमिनस कोयला मिलता है। बेल्जियम में कैम्पाइन खान हैं। दक्षिणी फ्रांस मध्यवर्ती पठार के किनारे छोटे-छोटे कोयला क्षेत्र हैं जैसे सेंट एटिनी बेसिन तथा ली क्राउसाट बेसिन। इन देशों में मार्ग खनन होता है।

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Pankaja Singh

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