उत्पादन सूचना प्रणाली का आशय | उत्पादन सूचना प्रणाली के प्रमुख कार्य | उत्पादन नियोजन और उत्पादन नियंत्रण के लिए आवश्यक सूचना

उत्पादन सूचना प्रणाली का आशय | उत्पादन सूचना प्रणाली के प्रमुख कार्य | उत्पादन नियोजन और उत्पादन नियंत्रण के लिए आवश्यक सूचना | Meaning of Production Information System in Hindi | Major Functions of Production Information System in Hindi | Information needed for production planning and production control in Hindi

उत्पादन सूचना प्रणाली का आशय (Meaning of Product Information System)-

उत्पादन सूचना प्रणाली के अन्तर्गत वे क्रियाएँ शामिल हैं जिनसे उत्पाद को तैयार किया जाता है। कुछ संस्था इसके अन्तर्गत क्रय, वेयरहाऊसिंग, ट्रांसपोर्टेशन को भी शामिल करती हैं।

इसके अन्तर्गत उत्पादन योजना, उत्पादन नियंत्रण तथा उत्पादन समनियतन (Scheduling) आदि शामिल हैं अर्थात् इसमे कम लागत पर अच्छे गुण की वस्तु का निर्माण करना तथा गुण को बनाए रखने सम्बन्धी क्रियाएँ की जाती है।

उत्पादन सूचना प्रणाली के प्रमुख कार्य अथवा उत्पादन सूचना प्रणाली के कार्य-

उत्पादन सूचना प्रणाली के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-

(i) उत्पादन आयोजन (Product Planning)- इसके अन्तर्गत इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि उत्पादन कैसे, क्या तथा कब करना है। उत्पादन आयोजन में निम्नलिखित शामिल है।

(a) एक निश्चित समय में कितनी मात्रा तैयार की जानी है?

(b) कार्यों को अनेक प्रभागों तथा उपप्रभागों में बाँटना।

(c) उत्पादन प्रक्रिया को विनिर्दिष्ट करना।

(d) सामग्री आदि की आवश्यकताओं को निर्धारित करना (समय के अनुसार ) ।

(e) उपकरणों की आवश्यकताओं का पता लगाना।

(f) परीक्षण करना ताकि अशुद्धियों को दूर किया जा सके।

(g) समय सारणी तैयार करना।

(h) विभिन्न कार्यों को करने के लिए निर्देश देना, आदि।

(ii) उत्पादन नियंत्रण (Production Control)- इसके अन्तर्गत विभिन्न समय मानक, लागत मानक तथा गुणवत्ता मानक पर नियंत्रण की व्यवस्था करना शामिल है। इसमें इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि उत्पादन समय पर प्राप्त हो सके तथा उसकी लागत तथा गुणवत्ता प्राप्त हो जो निर्धारित किया गया है।

उत्पादन नियोजन और उत्पादन नियंत्रण के लिए आवश्यक सूचना (Information Required for Production Planning and Production Control)-

  1. विभिन्न उत्पादों के सम्बन्ध में संस्था की नीतियाँ। 2. विक्रय आदेश, विक्रय पूर्वानुमान तथा स्टॉक स्थिति आदि। 3. श्रम शक्ति की उपलब्धता तथा उनकी श्रम योग्यता। 4. श्रम से सम्बन्धित विभिन्न मानक 5. विक्रय आदेशों की समय सूची। 6. सामग्री की क्लालिटी। 7. कार्य प्रणाली आदि।

(iii) उत्पादन समय नियतन (Production Scheduling) — इसके अन्तर्गत निर्घारित समय पर उत्पादन प्राप्त करने पर ध्यान दिया जाता है। इसमें विभिन्न उत्पादों को उनके आवश्यक समय पर तैयार करने पर जोर दिया जाता है।

उद्देश्य (Aim) – 1. क्रमिक रूप में उत्पादन के विभिन्न स्तरों को निर्धारित करना। 2. व्यर्थ समय को कम-से-कम करना। 3. तीसरे पक्षों के साथ अनुबंध की आवश्यकता का अनुमान लगाना। 4. सही समय पर उत्पादन करके ग्राहक सेवा देना। 5. विभिन्न विभागों में समेकन करना।

उत्पादन सूचना प्रणाली

  • उत्पादन आयोजन
  • बाजार सूचना
  • विपणन वित्त व्यवस्था
  • परिवहन लागत
  • संग्रहण
  • प्रमापीकरण एवं श्रेणीयन
  • उत्पादन समय नियतन
  • उत्पादन नियन्त्रण

(iv) प्रमापीकरण एवं श्रेणीयन- इसके अन्तर्गत वस्तुओं के गुण, आकार, किस्म एवं रंग आदि के आधार पर वस्तु के प्रमापक निर्धारित किये जाते हैं और फिर इनका प्रमापकों की सहायता से उनका उपविभाजन करके इन्हें विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। वस्तुओं को निर्धारित प्रमापों के आधार पर श्रेणीबद्ध करने से विक्रय में काफी आसानी होती है। इस प्रकार प्रमापीकरण एवं श्रेणीयन की क्रियाएँ उत्पादक और ग्राहक दोनों के लिए ही लाभदायक हैं।

(v) संग्रहण– विशेष रूप से मौसमी वस्तुओं के उत्पादन करने वाले उत्पादकों के लिए भण्डार गृह का अत्यधिक महत्व है। संग्रहण का उद्देश्य वस्तुओं को जब तक कि उपभोक्ता उनकी मांग न करें इस प्रकार सुरक्षित रखना है कि जिससे किसी प्रकार की क्षति न हो सके।

(vi) परिवहन लागत- वस्तुओं को उत्पादन स्थल से उपयोग स्थलों तक पहुँचाने के लिए परिवहन की आवश्यकता पड़ती है। सस्ती परिवहन लागत बाजारों के भौगोलिक विकेन्द्रीकरण की दशा में उपयुक्त होता है।

(vii) विपणन वित्त व्यवस्था-उत्पादन कार्य के लिए वित्त प्रबंध उत्पादन सूचना प्रणाली का प्रमुख कार्य है। इसके अन्तर्गत वित्तीय आवश्यकताओं का पूर्वानुमान लगाना, स्थायी तथा चल पूंजी की व्यवस्था करना, उधार और वसूली आदि को सम्मिलित किया जाता है।

(viii) बाजार सूचना-उत्पादनकर्ताओं को सरकार की नीतियों, विभिन्न व्यापारिक संस्थाओं का उत्पादन, वितरण, कीमत निर्धारिण नीतियों एवं ग्राहकों की रुचियों और फैशनों में हुए परिवर्तनों की सूचनाओं की जानकारी रखना आवश्यक है। इस आधार पर उत्पादन एवं वितरण नीतियों में परिवर्तन किया जाता है। अतः बाजार सूचना भी उत्पादन सूचना प्रणाली का प्रमुख अंग है।

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