विपणन प्रबन्ध

साइबर विपणन | साइबर विपणन की प्रमुख युक्तियाँ | Cyber Marketing in Hindi | Main Tactics of Cyber Marketing in Hindi

साइबर विपणन | साइबर विपणन की प्रमुख युक्तियाँ | Cyber Marketing in Hindi | Main Tactics of Cyber Marketing in Hindi

साइबर विपणन

सामन्यतया साइबर का अर्थ इलेक्ट्रानिक संचार तन्त्र से लगाया जाता है जिसके माध्यम से जो विपणन कार्य किया जाता है, उसे साइबर विपणन कहा जाता है। इसी को आन लाईन विपणन भी कहते हैं। इसमें इंटरनेट विपणन भी शामिल है। आजकल इसके लिए ई० कामर्स जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया जाता है। साइबर विपणन के लिए कम्प्यूटर तन्त्र की आवश्यकता होती है। एक विक्रेता अपनी वस्तु या सेवा के लिए सभी बातें अपने कम्प्यूटर में भर देता है। एक सम्भावित ग्राहक उन बातों की जानकारी अपने कम्प्यूटर की सहायता से ले सकता है। यह सभी जानकारियाँ सम्भावित ग्राहक के कम्प्यूटर की सहायता से ले सकता है। यदि उसके मद में कोई शंका है तो उसका समाधान भी कम्प्यूटर की सहायता से कर सकता है। इसके लिए पहले उसे उस वस्तु के विक्रेता की वेबसाइट को क्लिक करना पड़ता है। फिर सारी सूचनायें एक के बाद एक आती रहती हैं, जैसे- यदि हमें कोई कैमरा खरीदना है तो पहले हमें कैमरा कम्पनी की वेबसाइट को क्लिक करना होगा। इसके बाद उस कम्पनी के सभी ब्राण्डों की सूचनायें एक के बाद एक आती रहेंगी। जब हम किसी ब्राण्ड को पसंद कर लेंगे तो उसका आदेश भी कम्प्यूटर के माध्यम से दे सकते हैं और उसके मूल्य का भुगतान भी। अपने क्रेडिट कार्ड बैंक अपने ग्राहकों को जारी करते हैं जिसे दिखाकर वे उधार माल या सेवा ले सकते हैं। बाद में उस माल या सेवा का विक्रेता उस बैंक से अपने बिल का भुगतान प्राप्त कर लेता है। बैंक यह कार्ड खातेदार के बारे में काफी छानबीन करने के बाद ही जारी करते हैं। इन कार्डों में उधार की अधिकतम सीमा दी रहती है। कार्डधारक को उससे अधिक रकम का उधार नहीं मिल सकता है, क्रेडिट कार्ड का नम्बर देकर कर सकते हैं। हमें यहाँ यह भी बताना होगा कि हम वस्तु किस प्रकार प्राप्त करना चाहेंगे – रेल द्वारा, डाक द्वारा हवाई जहाज द्वारा या समुद्री मार्ग द्वारा साथ ही अपना नाम व पता भी देना होगा। बाद में विक्रेता द्वारा वह वस्तु आपको भेज दी जायेगी।

इस प्रकार स्पष्ट होता है कि साइबर विपणन वह आधुनिकतम साधन है जिनके द्वारा विपणन के सम्बन्ध में घर बैठे ही आदेश दिया जा सकता है। वस्तु प्राप्त की जा सकती है और भुगतान भी किया जा सकता है। इसे आन लाइन विपणन भी कहते हैं। साइबर विपणन में धोखे की सम्भावनाएँ हो सकती है। यह भी हो सकता है कि वह वस्तु जिसके लिए आदेश दिया जाता है उस स्तर की न हो जिस स्तर पर हम अनुमान लगाते हैं। इसी प्रकार एक ग्राहक के क्रेडिट कार्ड का भी दुरूपयोग हो सकता है। चूँकि क्रेडिट कार्ड का नम्बर साइबर विपणनकर्ता को मालूम है, तो वह उस रकम से अधिक रकम निकाल ले जिसके लिए आपने कहा है या कोई व्यक्ति उस नमबर का उपयोग अपने लिये कर ले। इससे कार्ड वाले को भारी क्षति का सामना करना होगा।

इसके लिए प्रत्येक कम्पनी को कुछ साइबर युक्तियाँ अपनानी पड़ती हैं। विपणन युक्तियाँ तैयार करने के लिए सात सूत्री विशेषताओं को प्रयोग किया जाता है। इन्हें परम्परागत विपणन के सात पहलू भी कहा जाता है।

साइबर विपणन की प्रमुख युक्तियाँ

(Main Tactics of Cyber Marketing)

  1. ब्राण्ड के प्रति जागरूकता एवं निष्ठा कायम करना – किसी उत्पाद के प्रति निष्ठा रखने वाले ग्राहकों के समुदाय का निर्माण करना पड़ता है। ग्राहकों के अतिरिक्त ऐसे लोगों की भी जरूरत होती है जो उत्पाद एवं कम्पनी के प्रचार के लिए प्रतिबद्ध हों। ब्राण्ड विपणन युक्तियों में प्रवर्तन एवं रचनात्मक प्रयोजन भी शामिल होते हैं, लेकिन इसके साथ ही दूसरे साइटों के साथ इण्टरनेट की जानकारी भी इसके साथ जुड़ी रहती हैं।
  2. प्रत्यक्ष प्रत्युत्तर प्रवर्तन- यह बाल की खाल उधेड़ने जैसा प्रतीत होता है, लेकिन ब्राण्ड के प्रति जागरूकता या निष्ठा कायम करने वाले प्रवर्तनों तथा लोगों को विशिष्ट कार्य तथा वरीयतः उपयुक्त निर्णय लेने के लिए उत्प्रेरित करने वाले प्रवर्तनों में अन्तर होता है। प्रत्यक्ष प्रत्युत्तर प्रवर्तनों की अपेक्षाकृत अधिक जरूरत होती है क्योंकि ये व्यक्ति को विपणन स्तर की गतिविधियों से अवगत कराने में मदद करते हैं।
  3. बाजार के बारे में शिक्षित करना- बाजार शिक्षा लोगों को अपने ब्राण्ड से अवगत कराने के अलावी अतिरिक्त कार्य भी करती है। इसमें उत्पाद या सेवा कम्पनी या उद्योग की महन समझदारी भी शामिल है। बहुत से लोग कोई उत्पाद तभी खरीदते हैं जब वे इसके बारे में अच्छी तरह जान लेते हैं।
  4. उत्पाद प्रदर्शन एवं वितरण- लोगों को आराम तलब बनाने का यह एक अच्छा तरीका है जिससे लोग बाजार के उत्पाद या सेवायें खरीदते हैं। उत्पादकों के प्रदर्शन के साथ ही साथ उनका वितरण भी होता है, क्योंकि यदि आप अपने समान का आनलाईन प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें उसी समय ही खरीदा जा सकता है। यदि आप इन्टरनेट पर परेक्षितः उनकी आपूर्ति नहीं कर सकते हैं तो कम से कम उसके स्थान पर यह व्यवस्था तो हो सकती है कि वे आदेश दे कर उसकी पुष्टि प्राप्त कर सकते हैं।
  5. जन सम्पर्क- बहुत से लोग जन सम्पकों के माध्यम से कम्पनियाँ, और उनके उत्पादों के माध्यम से जानकारी प्राप्त करते हैं। साथ ही ऐसी बहुत सी पत्र पत्रिकायें भी होती हैं जिनका आनलाईन प्रकाशन हो रहा है। इसलिए साइबर स्पेस तथा आनलाईन प्रकाशनों का प्रयोग करने वाले पत्रकारों के साथ मिलकर कम करना अपेक्षित है ताकि कम्पनी की जानकारी मिलती रहे।
  6. अनुसंधान और उत्पाद विकास- साइबर स्पेस का एक अनपेक्षित लाभ उसकी अनुसंधान क्षमता में निहित होता है। किसी कम्पनी की क्षमता को लाभदायक बनाने में प्रतिपुष्टि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह प्रतिपुष्टि ग्राहकों, बाजार तथा उद्योगों से मिलती है। साइबर स्पेस से भी अधिक प्रतिपुष्टि प्राप्त होती है कि क्या करना उचित होगा। इस प्रकार प्राप्त आँकड़ों का विश्लेषण करके उपयुक्त विपणन युक्तियाँ प्रयुक्त की जा सकती हैं।
  7. सेवा और सहायता- यदि आप आनलाइन ग्राहक सेवा तथा सहायता चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ युक्तियाँ अपनानी चाहिए। इसके लिए ग्राहक की अपेक्षा अन्य लोगों का समर्थन प्राप्त करना भी जरूरी है। उदाहरण के लिए, आप अपने क्षेत्रीय विक्री प्रतिनिधियों या विक्रेता की सहायता करके बिक्री प्रदर्शनों को अधिक आसान एवं प्रभावी बना सकते हैं।
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Pankaja Singh

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