सारणीयन | उद्देश्य | उत्तम सारणी को आवश्यक लक्षण | वर्गीकरण और सारणीयन में अन्तर | tabulation in Hindi | Objectives of Tabulation in Hindi | Characteristics needed for a good table in Hindi | difference between classification and tabulation in Hindi
सारणीयन का अर्थ
(Tabulation)
सांख्यिकीय सामग्री को वर्गीकृत करने के बाद उसे विभिन्न प्रकार की सारणियों में प्रस्तुत किया जाता है। सारणीयन की सहायता से सामग्री को सरल, संक्षिप्त और सुविधाजनक बनाया जाता है। सारणीयन समंकों को प्रस्तुत करने की एक व्यवस्थित पद्धति है।
(1) ब्लेयर के अनुसार- “विस्तृत अर्थ में सामग्री के कॉलमों और पंक्तियों में किसी क्रमबद्ध व्यवस्था को सारणीयन कहते हैं।”
(2) क्रोनर के अनुसार –“सारणीयन किसी विचाराधीन समस्या को स्पष्ट करने के उद्देश्य से किया जाने वाला सांख्यिकीय तथ्यों का क्रमबद्ध और सुव्यवस्थित प्रस्तुतीकरण है।”
सारणीयन के उद्देश्य (Objects of Tabulation) :
समंकों के सारणीयन के कुछ प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
(1) समंकों को क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करना- समंकों को क्रमबद्ध और व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत किया जाता है जिससे कि वह आसानी से समझ में आयें।
(2) समंकों का संक्षिप्तीकरण एवं सरलीकरण- विस्तृत और जटिल सांख्यिकीय सामग्री को संक्षिप्त और सरल बनाते हैं जिससे कि समस्या के आसानी से समझा जा सके और उचित एवं शुद्ध निष्कर्ष प्राप्त हो सकें।
(3) उद्देश्य स्पष्ट करना-सारणीयन सांख्यिकी अनुसन्धान के उद्देश्य को स्पष्ट करता है।
(4) तथ्यों के गुणों को स्पष्ट करना- सारणीयन का उद्देश्य सांख्यिकीय तथ्यों के गुणों को स्पष्ट करना भी है।
(5) समंको को तुलना योग्य बनाना- सारणीयन द्वारा समंकों को इस रूप में प्रस्तुत किया जाता है कि उनका तुलनात्मक अध्ययन सम्भव हो जाता है।
उत्तम सारणी को आवश्यक लक्षण (Essential of Good Table)
(1) यथोचित आकार- न आवश्यकता से अधिक बड़ी हो और न छोटी।
(2) उद्देश्यों के अनुकूल- सारणी सांख्यिकीय अनुसंधान के उद्देश्यों के अनुकूल होनी चाहिये।
(3) स्पष्ट एवं आकर्षक- उत्तम सारणी स्पष्ट एवं आकर्षक होती है।
(4) तुलनात्मक अध्ययन- उत्तम सारणी समंकों को तुलनात्मक अध्ययन योग्य बनाती है।
(5) समायोजन के महत्व के अनुसार- उत्तम सारणी के विभिन्न कॉलम समंकों के महत्व के अनुरूप होने चाहिये जिससे कि समंकों की विशेषतायें समुचित ढंग से प्रकट हो सकें।
वर्गीकरण और सारणीयन में अन्तर
वर्गीकरण |
सारणीयन |
(1) वर्गीकरण में समंकों को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जाता है। |
(1) सारणीयन में वर्गीकृत सामग्री को सारणी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। |
(2) वर्गीकारण सांख्यिकीय-विश्लेषण की एक विधि है। |
(2) सारणीयन समंकों के प्रस्तुतीकरण की एक विधि है। |
(3) वर्गीकरण में समंकों को वर्गों और उपवर्गों में विभाजित किया जाता है। |
(3) सारणीयन में समंकों को शीर्षकों और उपशीर्षकों के अन्तर्गत प्रस्तुत किया जाता है। |
(4) वर्गीकरण में समंकों को सजातीयता और विजातीयता के आधार पर अलग-अलग वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है। |
(4) सारणीयन में वर्गीकृत समंकों को खानों व पंक्तियों में क्रमबद्ध करके प्रस्तुत किया जाता हैं |
(5) वर्गीकरण के अन्तर्गत मूल समंकों का ही उपयोग होता है। |
(5) सारणीयन में मूल समकों के साथ-साथ व्युत्पनन समंकों का भी उपयोग होता है। |
(6) वर्गीकरण एक जटिल प्रक्रिया है। |
(6) सारणीयन एक सरल प्रक्रिया है। |
अनुसंधान क्रियाविधि – महत्वपूर्ण लिंक
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