उद्यमिता और लघु व्यवसाय

परियोजना की परिभाषा | परियोजना के प्रकार | परियोजना प्रतिवेदन का अर्थ | परियोजना प्रतिवेदन के उद्देश्य

परियोजना की परिभाषा | परियोजना के प्रकार | परियोजना प्रतिवेदन का अर्थ | परियोजना प्रतिवेदन के उद्देश्य | Project Definition in Hindi | Project Type in Hindi | Meaning of project report in Hindi | Objectives of the Project Report in Hindi

परियोजना की परिभाषा

(Definition of Project)

परियोजना की प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-

(1) प्रबन्ध निर्देशिका के अनुसार, “परियोजना पूँजी विनियोजन योजना है जिसका संचालन निर्धारित अवधि में निश्चित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये किया जाता है। तथा उद्देश्य प्राप्ति के पश्चात् परियोजना समाप्त हो जाती है।”

(2) 20 वीं शताब्दी के वेब्सटर नामक नये शब्दकोष के अनुसार, “परियोजना किसी कार्य को करने की व्यवस्था, योजना, युक्ति, अभिकल्पना अथवा प्रस्ताव है। “

(3) प्रबन्ध एनसाइक्लोपीडिया के अनुसार, “परियोजना एक संगठित इकाई है जो लक्ष्य की प्राप्ति हेतु समर्पित है। एक विकासशील परियोजना को समय में, बजट के अन्दर तथा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की विशेषताओं के अनुरूप सफलतापूर्वक सम्पूर्ण किया जाता है।”

उचित परिभाषा “परियोजना वैज्ञानिक आधार पर विकसित की गई कार्य परियोजना है जिसे विशिष्ट अवधि में विशिष्ट उद्देश्य अथवा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये तैयार किया जाता है।”

परियोजना के प्रकार

(Types of Projects)

परियोजना के कुछ मुख्य प्रकार अथवा रूप निम्नलिखित हैं-

(1) शोध एवं विकास परियोजनायें (Research and Development Projects ) – जिन उद्योगों में तकनीकी परिवर्तन बहुत शीघ्रता से होता है, उनमें तथा विकास कार्यों में अधिक मात्रा में धन का विनियोग करना पड़ता है। यदि उपकरणों के लिये अधिक धनराशि की आवश्यकता होती है, तो इन प्रस्तावों को सामान्यतः पूँजी बजट में शामिल कर लिया जाता है।

(2) विविधीकरण परियोजनायें (Diversification Projects)- एक उपक्रम, जो अपनी जोखिम कम करना चाहता है एक ही बाजार में अपने उत्पादों को न देकर विभिन्न बाजारों में अपना कार्य प्रारम्भ कर सकता है। इस स्थिति में नये उत्पादों के परिचालन के लिये मशीनरी एवं सुविधाओं के क्रय के लिये भारी पूँजी विनियोग की आवश्यकता होती है। अतः इस श्रेणी में विविधीकरण कार्य से सम्बन्धित परियोजनाओं को सम्मिलित किया जाता है।

(3) विस्तार परियोजनायें (Expansion Projects)- एक उपक्रम को अपने उत्पादों की माँग में अत्यधिक वृद्धि होने तथा अपर्याप्त उत्पादन क्षमता के कारण अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाना पड़ सकता है। उसके लिये अतिरिक्त पूँजी विनियोग की आवश्यकता होती है। अतः विस्तार परियोजनाओं में वस्तुओं के बाजार क्षेत्र में विस्तार की योजनायें शामिल की जाती हैं जो नये बाजारों के सर्वेक्षण, विदेशी बाजारों में विक्रय की सम्भावनायें इत्यादि से सम्बन्धित हो सकती हैं।

(4) विविध परियोजनायें (Miscellaneous jects)- एक उपक्रम को उन परियोजनाओं में विनियोग करने की आवश्यकता हो सकती है जिनका लाभ कमाने से सीधा सम्बन्ध नहीं होता है। जैसे- वैधानिक आवश्यकता के कारण एक उपक्रम को प्रदूषण नियन्त्रण उपक्रम लगाने की आवश्यकता हो सकती है। अतः इन प्रयोजनों के लिये भी परियोजना की आवश्यकता होती है।

परियोजना प्रतिवेदन का अर्थ

Meaning of Project Reporting

परियोजना प्रतिवेदन प्रारम्भ की जाने वाली प्रस्तावित योजना के सम्बन्ध में विभिन्न तथ्यों, सूचनाओं एवं विश्लेषणों का सारांश होता है। यह किसी परियोजना के सम्बन्ध में विनियोग अवसरों के निर्धारण, मूल्यांकन एवं नियोजन के पश्चात् तैयार किया गया एक प्रलेख है जो प्रस्तावित योजना के बारे में विविध जानकारी जैसे परियोजना के उद्देश्य, संक्षिप्त विवरण, वित्तीय संरचना, संयन्त्र उपकरण, कच्चे माल, तकनीकी श्रम, विभिन्न भौतिक संसाधन प्रबन्धकीय व्यवस्था, बाजार विपणन व्यवस्था, निर्यात, लागत, लाभदायकता, रोकड़ प्रवाह आदि प्रदान करता है। संक्षेप में परियोजना प्रतिवेदन किसी फर्म अथवा उद्यमी के द्वारा प्रारम्भ की जाने वाली परियोजना की विभिन्न क्रियाओं तथा उनकी तकनीकी, वित्तीय वाणिज्यिक एवं सामाजिक व्यवहार्यताओं (feasibilities) का एक लिखित लेखा है। परियोजना प्रतिवेदन में विशेषज्ञों द्वारा प्रेषित साध्यता अथवा व्यवहारित प्रतिवेदनों के समस्त आवश्यक तथ्यों को सम्मिलित करते हुये परियोजना के चयन  के लिये स्पष्ट सुझाव दिया जाता है। परियोजना प्रतिवेदन उच्च प्रबन्धकों को विचारार्थ प्रेषित किया जाता है, जो सन्तुष्ट होने पर परियोजना के चयन हेतु अपनी स्वीकृति प्रदान करते हैं।

परियोजना प्रतिवेदन के उद्देश्य

(Objectives of Project Report)-

परियोजना प्रतिवेदन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

(i) परियोजना प्रतिवेदन का प्रमुख उद्देश्य विभिन्न विनियोग अवसरों का मूल्यांकन करना है ताकि किसी श्रेष्ठ विनियोग प्रस्ताव का चयन किया जा सके।

(ii) वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिये विभिन्न बैंकों, वित्तीय संस्थाओं व विनियोग नियमों की परियोजना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होता है। इसी आधार पर वे विनियोग प्रस्ताव की लाभदायकता एवं व्यवहार्यता का अध्ययन करते हैं तथा सन्तुष्ट होने पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराते हैं।

(iii) विभिन्न दशाओं में परियोजना प्रतिवेदन उद्योग निदेशालय, सरकारी विभाग व जिला उद्योग केन्द्र को भेजना आवश्यक होता है। परियोजना के पंजीयन एवं अनुमोदन हेतु इसकी आवश्यकता होती है।

(iv) परियोजना प्रतिवेदन से अनुमानित लागत व सम्भावित आय की तुलनात्मक समीक्षा करके नवीन परियोजनाओं की व्यावसायिक लाभदेयता व सुदृढ़ता की जाँच की जा सकती है।

(v) इससे परियोजना के उद्देश्यों तथा उपलब्ध साधनों की परिसीमाओं को ज्ञात किया जा सकता है। यह प्रतिवेदन वास्तव परियोजना के क्रियान्वयन हेतु एक कार्य योजना (Action Plan) का कार्य करता है।

(vi) परियोजना प्रतिवेदन प्रारम्भ की जाने वाली परियोजना का एक संक्षिप्त विवरण (Summing up) एक दर्पण है। यह परियोजना के सम्बन्ध में विभिन्न शंकाओं एवं जिज्ञासाओं का समाधान प्रस्तुत करता है। इस प्रकार यह उद्यमी के समय एवं शक्ति को बचाता है।

(vii) यह सरकार व अन्य संस्थाओं द्वारा करों में छूट, आर्थिक सहायता, सुविधायें व प्रेरणायें प्रदान करने में एक उपयुक्त आधार प्रदान करता है।

(viii) परियोजना प्रतिवेदन विनियोग निर्णयों के लिये एक व्यवस्थित दृष्टिकोण (Systematic Approach) है। यह उद्यमी के लिये एक पथ-प्रदर्शक का कार्य करता है।

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Pankaja Singh

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