संगठनात्मक व्यवहार

मनोवृत्ति की अवधारणा एवं परिभाषा | मनोवृत्ति की विशेषताएँ अथवा लक्षण

मनोवृत्ति की अवधारणा एवं परिभाषा | मनोवृत्ति की विशेषताएँ अथवा लक्षण | Concept and definition of Attitude in Hindi | Characteristics or traits of attitudes in Hindi

मनोवृत्ति की अवधारणा एवं परिभाषा-

मनोवृत्ति का ऐसा शब्द है जिसका प्रयोग हम अपने सामान्य जीवन में किसी न किसी रूप में सदैव ही करते रहते हैं। सच तो यह कि हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक, पारिवारिक आर्थिक और राजनीतिक जीवन का कोई भी पक्ष ऐसा नहीं है जिससे सम्बन्धित हमारी कोई विशेष मनोवृत्ति न होती हो।

मनोवृत्ति किसी व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक घटक है। व्यक्ति की मनोवृत्ति समय एवं परिस्थतियों के अनुरूप बदलती रहती है। यह आज किसी व्यक्ति, घटना अथवा वस्तु के अनुकूल है तो कल प्रतिकूत भी हो सकती है। मनोवृत्ति भावनाओं, विचारों एवं मूल्यांकनात्मक दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है। यह अभिव्यक्ति किसी के प्रति आपकी भावनाओं को प्रकट करती है। प्रोफेसर कोटलर के अनुसार, “मैं अध्यापन पसन्द करता हूँ।” यह कार्य के प्रति व्यक्ति विशेष की मनोवृति है। प्रबन्ध में मनोवृत्ति का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। इसी के द्वारा प्रबन्ध को यह ज्ञात होता है कि दिये गये कार्य के प्रति व्यक्ति विशेष की क्या मनोवृत्ति है अर्थात् अनुकूल है अथवा प्रतिकूल है। मनोवृत्ति के आधार पर ही हम अपने मित्रों एवं सहभागियों का चयन करते हैं। मनोवृत्ति के कुछ उदाहरण निम्न प्रकार हैं- “मैं शिक्षण का कार्य पसन्द करता हूँ।” “में राम को पसन्द करता हूँ।”, “मैं मारुति कार पसन्द करता हूँ।”, “मैं संजय अग्रवाल द्वारा लिखित पुस्तकें पसन्द करता हूँ।” “मुझे आगरा में रहना पसन्द नहीं है।”

साधारण शब्दों में किसी वस्तु, व्यक्ति, पटना अथवा परिस्थिति के प्रति हमारी पसन्दगी अथवा नापसन्दगी की जो मानसिकता होती है, उसी को हम मनोवृत्ति कहते हैं। मनोवृत्तियाँ मूल्यांकनात्मक कथन हैं। इसमें किसी भी घटना, विचार या व्यक्ति के बारे में अनुकूल अथवा प्रतिकूल निर्णय लिया जाता है। यह भावना एवं विश्वास का मिश्रण है जो एक व्यक्ति किसी विशिष्ट घटना, विचार, स्थिति अथवा व्यक्ति के प्रति रखता है। यह सकारात्मक अथवा नकारात्मक हो सकती है। मनोवृत्ति की अवधारण का अध्ययन करने में मनोविज्ञान का महत्वपूर्ण स्थान है। आज हम जिस व्यक्ति, कार्य अथवा वस्तु को पसन्द करते हैं अर्थात् हमारी उनके प्रति अनुकूल अवधारणा अथवा मनोवृत्ति है, यह हो सकता है कि निकट भविष्य में उनके प्रति हमारी अवधारणा अथवा मनोवृत्ति प्रतिकूल हो जाय अर्थात् हम उसे नापसन्द करना प्रारम्भ कर दें तो मनोवृत्ति के आधार पर ही एक व्यक्ति अपने मित्र सहयोगी, वस्तु एवं कार्य का चयन करता है। पत्नी का भी चयन मनोवृत्ति के आधार पर किया जाता है। मनोवृत्ति हमारे अवबोध को प्रभावित करती है जो कि हमारे व्यवहार को प्रभावित करता है। चूँकि मनोवृत्ति की अवधारणा स्थायी न होकर परिवर्तनशील है अतएव विद्वानों द्वारा मनोवृत्ति की दी गई परिभाषाओं में भी विभिन्नताएँ पायी जाती हैं। मनोवृत्ति की अवधारणा की कुछ प्रमुख विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-

  1. स्टीफेन पी. रॉबिन्स (Stephen P. Robbins)- के अनुसार, “मनोवृत्तियाँ वस्तुओं, व्यक्तियों अथवा घटनाओं के प्रबन्ध में अनुकूल अथवा प्रतिकूल मूल्यांकनात्मक कथन हैं।”
  2. एन. एल. मन (N. L. Munn) के अनुसार, “मनोवृत्तियाँ हमारे वातावरण के पहलुओं के बारे में सीखी हुई पूर्ववृत्तियाँ या झुकाव हैं। वे निश्चित व्यक्तियों, सेवा अथवा संस्थाओं के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक रूप से निर्देशित होती हैं।”
  3. ब्लम एवं नेलर (Blum and Naylor) के शब्दों में, “मनोवृत्ति से हमारा आशय वस्तुओं, विचारों एवं व्यक्तियों के प्रति एक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह के विश्वासों, भावनाओं तथा क्रिया प्रवृत्तियों से है। प्रायः व्यक्तियों के मस्तिष्कों में वस्तुओं, विचारों एवं मनुष्यों का संसर्ग व साचर्य बन जाता है, फलस्वरूप मनोवृत्तियाँ बहुआयामी एवं जटिल हो जाती हैं।”
  4. गोर्डन डब्लू. ऑलपोर्ट (Gordion W. Allport) के शब्दों में, “मनोवृत्ति एक मानसिक एवं तन्त्रिकीय (Neural) तत्परता की स्थिति है जो अनुभव से संगठित होती है तथा यह समस्त वस्तुओं एवं स्थितियों जिनसे यह जुड़ी होती है, के प्रति व्यक्ति के प्रत्युत्तर पर निर्देशात्मक एवं गतिशील प्रभाव डालती है।
  5. क्रेच एवं क्रचफील्ड (Krech and Crutcheifnd) के शब्दों में, “मनोवृत्ति व्यक्ति की दुनिया के कुछ पहलुओं के सम्बन्ध में अभिप्रेरणात्मक, भावनात्मक, बोधात्मक एवं विचारात्मक प्रक्रियाओं का सतत संयोजन है।”
  6. डेनियल काज एवं स्काटलैण्ड (Daniel Katz and Scotland) के अनुसार, “मनोवृत्ति किसी वस्तु या चिन्ह का एक निश्चित प्रकार से मूल्यांकन करने की प्रवृत्ति अथवा पूर्वानुकूलता है।”
  7. जोसेफ रिट्ज (Joseph Retiz) के शब्दों में, “मनोवृत्ति शब्द किसी वस्तु के प्रति किसी विशिष्ट ढंग से अनुभव एवं व्यवहार करने की एक सतत प्रवृत्ति को दर्शाता है।”
  8. एडवार्डस (Edwards) के अनुसार, “किसी मनोवैज्ञानिक तथ्य से सम्बन्धित सकारात्मक अथवा नकारात्मक मनोभाव की मात्रा को ही मनोवृत्ति कहा जाता है।”

निष्कर्ष- उपयुक्त परिभाषा- उपरोक्त तथा अन्य विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाओं का अध्ययन करने के पश्चात् निष्कर्ष एवं अत्यन्त संक्षिपत रूप में मनोवृत्ति की परिभाषा निम्न शब्दों में दी जाती है।

“मनोवृत्ति किसी वस्तु, व्यक्ति अथवा घटना के प्रति अनुभव अथवा व्यवहार करने की सतत् प्रवृत्ति है।”

मनोवृत्ति की विशेषताएँ अथवा लक्षण

(Characteristics of Attitude)

मनोवृत्ति की अवधारणा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।

  1. मनोवृत्तियाँ लोगों की भावनाओं एवं विश्वासों से सम्बन्धित हैं।
  2. मनोवृत्तियाँ मानवीय व्यवहार को प्रभावित करती है जोकि अनुकूल अथवा प्रतिकूल हो सकता है।
  3. मनोवृत्ति व्यक्तियों, वस्तुओं अथवा घटनाओं के प्रति प्रतिक्रिया को प्रटक करती है।
  4. मनोवृत्ति स्थायी न रहकर समय एवं परिस्थितियों के अनुरूप परिवर्तित होती रहती है।
  5. मनोवृत्ति मूल्यांकनात्मक चित्तवृत्ति है जिसमें किसी घटना, वस्तु अथवा व्यक्ति के प्रति अनुकूल अथवा प्रतिकूल निर्णय लिया जाता है।
  6. मनोवृत्ति सामाजिक मनोविज्ञान से सम्बन्धित है।
  7. मनोवृत्तियाँ जन्मजात न होकर पर्यावरण से अर्जित अथवा सीखी हुई होती हैं।
  8. मनोवृत्तियाँ विभिन्न प्रकार की होती हैं, जैसे कार्य सन्तुष्टि, कार्यभागिता, संगठनात्मक प्रतिबद्धता आदि।
  9. मनोवृत्ति व्यक्ति के विश्वास एवं भावना को दर्शाती है।
  10. मनोवृत्ति सम्मति एवं विश्वास से भिन्न होती है।
  11. मनोवृत्तियों के स्रोत हमारा सम्पूर्ण सामाजिक व्यवहार, संस्कृति, पर्यावरण एवं हमारे दैनिक जीवन का परिवेश है।
  12. मनोवृत्ति निश्चित उद्दीपकों के प्रति बढ़ी हुई प्रतिक्रियाशीलता है।
  13. मनोवृत्ति के निम्न तीन प्रमुख तत्व (i) भावात्मक (Affective), (ii) व्यवहारात्मक (Behavioural), तथा (iii) संज्ञानात्मक (Cognitive) ।
  14. मनोवृत्ति का परिणाम एक निश्चित प्रकार का व्यवहार (Behaviour) अथवा क्रिया (Action) होती है।
  15. मनोवृत्ति पूर्वधारणा, द्वेष, पक्षपात अथवा पूर्वाग्रह (Prejudice) के रूप में भी हो सकती है।
  16. मनोवृत्तियाँ सामाजिक भी होती हैं और व्यक्तिगत भी।
  17. मनोवृत्ति एक दिशा (Direction) है।
  18. मनोवृत्ति में प्रेरणात्मक गुण होता है।
  19. मनोवृत्तियों में सामंजस्य होता है।
  20. मनोवृत्तियों के मध्य अन्तर्सम्बद्धता होती है।
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Pankaja Singh

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