मजदूरी तथा वेतन की स्वस्थ नीति के उद्देश्य | बहुदेशीय कम्पनियाँ या अन्तर्राष्ट्रीय क्षतिपूर्ति पैकेज

मजदूरी तथा वेतन की स्वस्थ नीति के उद्देश्य | बहुदेशीय कम्पनियाँ या अन्तर्राष्ट्रीय क्षतिपूर्ति पैकेज | Objectives of healthy wage and wage policy in Hindi | Multinational Companies or International Compensation Packages in Hindi

मजदूरी तथा वेतन की स्वस्थ नीति के उद्देश्य

(Objectives of Sound Wage and Salary Policy)

मजदूरी तथा वेतन की स्वस्थ नीति के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

  1. योग्यतानुसार मजदूरी- किसी भी व्यक्ति को उसकी योग्यता का प्रतिफल देना एक आवश्यक नैतिकता की बात है। श्रमिक को उसकी योग्यता का प्रतिफल अवश्य ही मिलना चाहिये। जब श्रमिक को अपनी योग्यता का प्रतिफल मिलता रहता है, तो वह सन्तुष्ट रहता है। अतः एक स्वस्थ मजदूरी नीति में श्रमिक की योग्यतानुसार मजदूरी के उद्देश्य को पूरा किया जाना आवश्यक है। इससे अकुशल श्रमिक को प्रेरणा मिलती है, कि वे शीघ्रातिशीघ्र उन्नति करें।
  2. निश्चित योजना मजदूरी नीति निश्चितता के उद्देश्य पर प्रतिपादित होनी चाहिये। मजदूरी एक निश्चित योजना के अनुसार ही दी जानी चाहिये। इससे कार्य विविधताओं के अनुसार मजदूरी निर्धारित करने में सहायता मिलती है और अलग-अलग श्रेणी के मजदूरों में औचित्य भी सिद्ध किया जा सकता है और श्रमिकों को पूर्णतः सन्तुष्ट रखा जा सकता है।
  3. अन्य उद्योगों के अनुरूप- एक समान श्रेणी वाले कार्य के लिये अन्य उद्योगों में दी जाने वाली मजदूरी के अनुरूप उपक्रम की मजदूरी नीति निर्मित की जानी चाहिये। यदि अन्य उद्योगों की उपेक्षा कम मजदूरी प्रदान की जायेगी, तो श्रमिक उपक्रम छोड़कर जाने को तैयार हो जायेंगे, जिससे श्रम परिवर्तन व्यय बढ़ने के साथ ही उपक्रम की साख भी घटेगी। अतः मजदूरी नीति को स्वस्थ बनाने के लिये अन्य उद्योगों के समान मजदूरी देने का प्रावधान अवश्य किया जाना चाहिये।
  4. अच्छा चुनाव- श्रमिकों का उचित चुनाव ही उद्योग की प्रगति का प्रथम चरण है। इस श्रमिकों के उचित चुनाव के लिये अच्छी मजदूरी नीति बनाई जानी चाहिये। अच्छी मजदूरी से ही अच्छे श्रमिक आकर्षित होते हैं अतः एक अच्छी मजदूरी का उद्देश्य अच्छे कर्मचारियों का चुनाव, प्रशिक्षण व विकास होना चाहिये।
  5. मूल्य स्थिरता- मजदूरी नीति का उद्देश्य मूल्य स्थिरता को ध्यान में रखते हुये मजदूरी की दर, उत्पादन की तुलना में अधिक न हो, ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिये। मुद्रा प्रसार से श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी कम हो जाती है, जिसका प्रभाव उनके जीवन स्तर पर पड़ता है।
  6. निर्यात सम्वर्धन- मजदूरी नीति का औचित्य तभी सिद्ध हो सकता है, जब उससे निर्यात को प्रोत्साहन मिले। आवश्यक वस्तुयें तकनीकी नई प्रविधियाँ, प्रतिक्षित कर्मचारी, आयात आदि करने के लिये निर्यात में वृद्धि करना अति आवश्यक है। यह उद्देश्य उत्पादन वृद्धि द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। मजदूरी नीति भी इसी के अनुसार होनी चाहिये।

उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति द्वारा एक मजदूरी नीति उचित व स्वस्थ मजदूरी नीति कहलाने का गौरव प्राप्त कर सकती है, अतः मजदूरी नीति बनाते समय उपरोक्त उद्देश्यों को पूरा किया जाना चाहिये।

  1. अच्छे श्रम सम्बन्ध स्थापित करना- श्रम सम्बन्धों को उचित बनाये रखना मजदूरी नीति का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिये। अच्छे श्रम सम्बन्ध ही उपक्रम के झगड़ों को समाप्त कर सकते हैं। श्रम संघों की न्यूनतम अच्छे श्रम सम्बन्धों की स्थापना में सहायता करती है, अतः स्वस्थ मजदूरी में श्रमिक व उत्पादक दोनों पक्षों का हित होना चाहिये।
  2. उचित मजूदरी- उचित मजूदरी श्रमिक के सम्मानपूर्वक जीवन निर्वाह का आधार होती है। मजदूरी इतनी रखनी चाहिये कि मजदूर अपनी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके। साथ ही मजदूरी इतनी अधिक भी नहीं होनी चाहिये कि उद्योगपति की निर्माण लागत में अत्यधिक वृद्धि हो जाये, अतः मजदूरी नीति उचित मजूदरी के उद्देश्य को पूरा करने वाली होनी चाहिये।

बहुदेशीय कम्पनियाँ या अन्तर्राष्ट्रीय क्षतिपूर्ति पैकेज

Multinational Companies/International Package

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार के व्यापक क्षेत्र विकसित होने के कारण बहुदेशीय कम्पनियों द्वारा अपने Pay Package का निर्धारण इस प्रकार किया जा रहा है ताकि वह अपने कर्मचारियों की गतिशीलता को बनाये रख सकें तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उसे प्रतियोगी बना सकें। बहुदेशीय कम्पनियों में कार्यरत कर्मचारियों को एक देश से दूसरे देश में स्थानान्तरित करने के पूर्व जिस देश में उनका स्थानान्तरण किया जा रहा है, उस देश की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया जाता है ताकि दूसरे देश में जाकर कर्मचारी अपनी प्रभावशीलता को बनाये रख सकें।

प्रायः अन्तर्राष्ट्रीय क्षतिपूर्ति पैकेज (International Compensation Package) में बहुदेशीय कम्पनियाँ निम्न अवयवों (Components) को शामिल करती हैं जिसे निम्न तालिका द्वारा व्यक्त किया जा सकता है :

अन्तर्राष्ट्रीय क्षतिपूर्ति पैकेज की संरचना (Structure of International Compensation Package)

मूल वेतन तथा प्रेरणात्मक भुगतान (Base Salary and Incentive Pay)

भत्ते (Allowance)

लाभ नकद वस्तुओं (Benefits Cash or Kind)

सेवानृवित्त लाभ (retirement benefits)

• मूल वेतन (Base salary)

• जीवन लागत भत्ता (Cost of Living Allowance )

• गृह भत्ता /सुविधाएं

• ग्रेच्युटी (Gratuity)

• बोनस (Bonus)

• कर समानीकरण भत्ता ( Tax Equalisation Allowance)

• शैक्षणिक भत्ता तथा सुविधाएँ

• पेंशन (Pension)

• शेयर विकल्प (Stock Option)

• अन्तर्राष्ट्रीय बाजार भत्ता (International Market Allowance)

• पुनर्स्थानीय भत्ता (Relocation Allowance)

• समझौता अन्दर एवं बाहर भत्ता (Setting in and Setting Out Allowance )

• मुश्किल तथा जोखिम भत्ता (Hardship and Danger Allow- ance)

• विनिमय संरक्षण दर भत्ता (Exchange Rate Protection All- owance)

• चिकित्सा भत्ता लाभ (Medical Allowance Benefits)

• बीमा भत्ता (Insurance Allowance)

 

• सामाजिक सुरक्षा उपाय (Social Security Measures)

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