उद्यमिता और लघु व्यवसाय

महिला उद्यमिता के विकास की समस्याएं | महिला उद्यमियों के मुख्य योगदान के प्रमुख कारण | महिला उद्यमियों के प्रमुख लक्षण

महिला उद्यमिता के विकास की समस्याएं | महिला उद्यमियों के मुख्य योगदान के प्रमुख कारण | महिला उद्यमियों के प्रमुख लक्षण | Problems of development of women entrepreneurship in Hindi | Major reasons for the main contribution of women entrepreneurs in Hindi | Key Characteristics of Women Entrepreneurs in Hindi

महिला उद्यमिता के विकास की समस्याएं

चुनौतियाँ/समस्याएँ

आज भी हमारे देश में ऐसी अनेक संरचनात्मक एवं संगठनात्मक चुनौतियाँ/बाधाएं मौजूद हैं, जिनकी वजह से देश में महिला उद्यमिता की वांछित विकास एवं विस्तार नहीं हो रहा है। इन चुनौतियों में प्रमुख निम्नलिखित हैं-

  • भारतीय महिलाओं में आज भी आर्थिक एवं व्यावसायिक जोखिमों को वहन करने की क्षमता का नितान्त अभाव बना हुआ है और वे सदैव औद्योगिक कार्यों के लिए साहस जुटाने में असमर्थता का शिकार बनी रहती है।
  • औद्योगिक क्षेत्र में आज भी सरकारी और गैर-सरकारी निर्णय का अधिकार पुरुष-प्रधान होने के कारण महिला उद्यमियों को कदम-कदम पर रोज पुरुष अंहकारों से युद्ध लड़ना पड़ता है।
  • लिंग भेद भावना मौजूद होने के कारण महिला उद्यमियों के लिए ‘पार्ट टाइम जॉब हॉबी के लिए काम करना, व्यस्त रहने के लिए काम करना आदि व्यंग्यात्मक वाक्यों का प्रयोग करके उन्हें हतोत्साहित किया जाता है।
  • भारतीय महिला उद्यमियों को अपने परिवार की परम्पराओं और कैरियर विकास के मध्य प्रभावी समन्वय स्थापित करने में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
  • सामाजिक परम्पराओं में जकड़ी हुई महिला उद्यमी अपने घरेलू कार्यों का प्रत्यायोजन करने में भी असमर्थता महसूस करती हैं, परणामस्वरूप वह उद्यमिता से जुड़े कार्यों का निष्पादन करने का साहस नहीं कर पाती हैं।
  • पुरुष प्रधान समाज महिलाओं की कार्य एवं निर्णयन क्षमता को सदैव संशय की दृष्टि से देखता है, फलस्वरूप, महिलाओं द्वारा संचालित किए जाने वाले औद्योगिक कार्यों में वांछित पूंजी निवेश नहीं हो पाता है।
  • हमारे देश के निजी निवेशकों द्वारा भी महिलाओं द्वारा संचालित उद्योगों को विनियोजन और पूँजी प्रत्याय दर की दृष्टि से संशय के नज़रिए से देखा जाता है।
  • भारतीय समाज में पूर्ण रूप से घरेलू दायित्वों का निर्वहन करने वाली महिलाओं की न तो कोई निजी सम्पत्ति होती है और न ही निर्णयन प्रक्रिया में कोई सहभागिता अनेक महिलाओं का बैंक में खाता तक नहीं होता है।
  • आज भी हमारे देश में महिला उद्यमियों के लिए उत्पादन, विनिर्माण वित विपणन आदि कार्यों के सफल सम्पादन हेतु विशिष्ट प्रशिक्षण सुविधाओं का नितान्त अभाव बना हुआ है।

प्रभावोत्पादक सुझाव

हालांकि सरकार और समाज के साझा प्रयासों से आज भारत में महिला उद्यमियों और महिला उद्यमिता दोनों की दीर्घकालीन गतिहीनता दूर हो रहा है, किन्तु वैश्विक सन्दर्भ में आज भी भारत महिला उद्यमिता के विकास की दृष्टि से कोई विशेष उपलब्धि रेखांकित नहीं कर पाया है, अतः देश में महिला उद्यमिता को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावोत्पादक सुझावों का अनुसरण वंछिनीय है-

  • उद्यमिता क्षेत्र में सफल होने के लिए महिलाओं में शिक्षा एवं सामर्थ्य (Education and Competance) का होना अति आवश्यक है तथा साथ ही पुरुषों के बराबर प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता का सृजन भी बहुत जरूरी है।
  • महिला उद्यमियों को ऋण सहायता के लिए प्रदान की जाने वाली रियायती ब्याज दर के साथ-साथ उन्हें कच्चा माल, मशीनरी, कलपुर्जे व अन्य आवश्यक उपकरण भी रियायती दरों पर उपलब्ध कराने चाहिए।
  • महिलाओं को उनके घरेलू कार्य स्थलों पर ही पार्ट टाइम प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनमें उद्यमिता से जुड़ी गतिविधियों को सम्पन्न करने का साहस सृजित किया जा सकता है।

महिला उद्यमियों के मुख्य योगदान के प्रमुख कारण

उद्यमिता ने महिलाओं के लिए व्यवसाय के रूप में एक ऐसा नया क्षेत्र विकसित किया है जिसमें वे स्वतन्त्रता एवं निजी समर्थन के साथ अपने लक्ष्यों को बेहतर रूप में प्राप्त कर सकती है। कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, आस्ट्रेलिया तथा अमेरिका में महिला उद्यमियों ने अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में मुख्य योगदान दिया है जिनमें फुटकर व्यापार, रेस्टोरेंट, होटल, शिक्षा, सांस्कृतिक केन्द्र, धुलाई, बीमा तथा निर्माण क्षेत्र प्रमुख है। महिला उद्यमियों के मुख्य योगदान के निम्नलिखित कारण रहे हैं-

(i) वे स्व-विकास के लिए नयी चुनौतियों तथा अवसरों को अधिक पसन्द करती है।

(ii) वे नव-प्रवर्तक तथा प्रतिस्पर्धी व्यवसाय में अपनी योग्यता सिद्ध करना चाहती है।

(iii) वे अपनी घरेलू जिम्मेदारी तथा व्यावसायिक जीवन में सन्तुलन के द्वारा नियन्त्रण को बदलना चाहती है।

महिला उद्यमियों के प्रमुख लक्षण

Main Features of Women Entrepreneurs

महिला उद्यमियों के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं-

(1) कल्पनाशक्ति (Imagination)- महिला उद्यमी में मौलिक कल्पना शक्ति होती है। सुदृढ़ कल्पना शक्ति के कारण वह प्रतिस्पर्धी बाजार में नये विचारों तथा वसरों की बेहतर तलाश कर सकती है तथा सही संगठन के चयन एवं निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकती है।

(2) कठोर परिश्रम की प्रवृति (Attribute to Work Hard)- महिला उद्यमी में कठोर परिश्रम की प्रवृत्ति पायी जाती है। कल्पनाशील विचारों के कारण वह उचित खेल खेल सकती है तथा कठोर परिश्रम की प्रवृत्ति के कारण उद्यम को सफल बना सकती है।

(3) दृढ़ता (Persistence)- महिला उद्यमी में अपने स्वप्नों को पूरा करने या क्रियान्वित करते ही दृढ़ इच्छा शक्ति होती है।

(4) जोखिम वहन क्षमता एवं इच्छा (Ability and desire to Take Risk)- महिला उद्यमी में जोखिम को वहन करने की दृढ़ इच्छा शक्ति होती है तथा अपनी योग्यता के द्वारा वह बेहतर पूर्वानुमान, निर्णयन, नियोजन तथा गणना का कार्य कर सकती है।

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Pankaja Singh

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