मानव संसाधन प्रबंधन

मानव-शक्ति नियोजन के उद्देश्य | मानव संसाधन नियोजन के लिए रणनीति | मानव संसाधन नियोजन के महत्व

मानव-शक्ति नियोजन के उद्देश्य | मानव संसाधन नियोजन के लिए रणनीति | मानव संसाधन नियोजन के महत्व | Objectives of manpower planning in Hindi | Strategy for Human Resource Planning in Hindi | Importance of Human Resource Planning in Hindi

मानव-शक्ति नियोजन के उद्देश्य

(Objects of Man-Power Planning)

मानव-शक्ति नियोजन की विचारधारा नियोजन के सिद्धान्त पर आधारित होती है। मानव- शक्ति नियोजन परिणामात्मक एवं गुणात्मक दृष्टि से भावी मानव-शक्ति का निर्धारण कर आवश्यकताओं को पूरा करने की व्यवस्था की जाती है। मानव-शक्ति नियोजन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

(1) जनशक्ति की आवश्यकताओं का सही पूर्वानुमान लगाना- मानव-शक्ति नियोजन का प्रमुख पहला उद्देश्य मानव-शक्ति की आवश्यकताओं का सही पूर्वानुमान लगाना है। पहले से मूल्यांकन करने से आवश्यकता के समय उपयुक्त योग्यता वाले व्यक्ति उपलब्ध किये जा सकते हैं।

(2) मानवीय शक्ति का प्रबन्ध करना- मानव-शक्ति नियोजन द्वारा ही उचित योग्यता वाले कर्मचारियों की नियुक्ति की जा सकती है। आज की परिस्थितियों में एक बार नियुक्त किये गये कर्मचारी को आसानी से निकाला नहीं जा सकता है। अतः यह आवश्यक है कि पहले से ही ऐसी व्यवस्था की जाये कि प्रत्येक कार्य के लिये उपयुक्त कर्मचारियों की नियुक्ति की जा सके। यह कार्य मानव-शक्ति नियोजन द्वारा सुविधापूर्वक किया जा सकता है।

(3) भर्ती नीति को सुदृढ़ बनाने के लिये- एक सुदृढ़ मानव-शक्ति नियोजन श्रेष्ठ भर्ती एवं चयन नीति के निर्माण में, अधिक सहायक होता है। इसके द्वारा ऐसी भर्ती नीति का निर्माण किया जाता है कि जिससे कम से कम लागत में श्रेष्ठ कर्मचारियों की भर्ती की जा सके।

(4) उत्पादन स्तर को बनाये रखना- उचित मानव-शक्ति नियोजन उत्पादन स्तर को भी एक उचित स्तर पर बनाये रखने में सहायक सिद्ध होता है। एक सुदृढ़ मानव-शक्ति नियोजन में श्रमिकों की अनुपस्थिति दर, श्रम आवर्तन दर तथा अन्य कारणों से ली जाने वाली अवकाश की दरों में कमी आती है, जिससे उत्पादन स्तर को बनाये रखना सम्भव हो पाता है।

(5) अन्य उद्देश्य- मानव-शक्ति नियोजन और भी अन्य उद्देश्यों की पूर्ति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसके द्वारा कर्मचारी कल्याण कार्यों को प्रभावशाली बनाया जा सकता है, श्रम लागतों में कमी की जा सकती है तथा औद्योगिक सम्बन्धों को मजबूत बनाया जा सकता है।

मानव संसाधन नियोजन के लिए रणनीति

(Strategies for Human Resource Planning)

मानव संसाधन नियोजन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, क्योंकि इसमें वर्तमान और भविष्य की सम्भावनाओं को ध्यान में रखकर एक आदर्श मानव संसाधन आकृति का निर्धारण करने के लिए पूर्वानुमान करना पड़ता है। फिर यहाँ यह भी ध्यान रखना पड़ता है कि यह मानव संसाधन संगठन के सम्पूर्ण उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए बनाये गये रणनीतिक नियोजन (Strategic Plan) के साथ समन्वय स्थापित कर सके। अतः मानव संसाधन नियोजन का सम्वन्ध संगठन के रणनीतिक नियोजन के साथ होना चाहिए। एक प्रभावपूर्ण मानव संसाधन नियोजन (Effective Human Resource Planning.) संगठन में नियोजित मानव संसाधन के लम्बे जीवन वृत्ति विकास (Long-range Career Development) तथा लम्बी अवधि तक मानव संसाधन के प्रभावपूर्ण उपयोग (Long-range planning for utilisation of human resource) से सम्बन्धित है। अतः एक प्रभावपूर्ण मानव संसाधन का नियोजन करते समय निम्नलिखित रणनीति (Strategics) पर ध्यान देना चाहिए-

  1. मानव संसाधन नियोजन पूर्ण रूप से संगठनात्मक रणनीतिक योजना से जुड़ा रहना चाहिए विशेषकर उपक्रम के विकास के उद्देश्य से मानव संसाधन की आवश्यकता का नियोजन संगठन की सफलता की कुंजी है। अतः संगठन के उद्देश्यों की प्राप्ति में मानव संसाधन नियोजन की सहयोगात्मक भूमिका रहनी चाहिए।
  2. मानव संसाधन नियोजन करते समय आर्थिक वातावरण, तकनीकी, श्रम बाजार, प्रतियोगिता आदि के प्रभाव पर पूर्ण ध्यान देना चाहिए।
  3. मानव संसाधन नियोजन करते समय मानव संसाधन सूचना पद्धति (human resource Information System) का प्रयोग करना चाहिए ताकि सही आकृति का निर्धारण किया जा सके। आज इस दिशा में ईमेल तथा इन्टरनेट आदि का प्रयोग भी वांछनीय है।
  4. कार्य स्वरूप/आकृति (Job design) में सम्भावित परिवर्तन का भी नियोजन प्रक्रिया में ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि आज का कार्य स्वरूप भविष्य में भी ऐसा ही होगा यह पूर्वानुमान करना कठिन है।
  5. मानव संसाधन नियोजन में संगठन की आदर्श आकृति के निर्धारण में इस बात पर अवश्य ध्यान देना चाहिए कि मानव संसाधन की आकृति उत्पादकता बढ़ाने वाली हो तथा बाजार की प्रतियोगिता तथा मानव संसाधन के लागत की प्रतियोगिता (Cost Competitiveness) के अनुरूप हो। इस क्रम में उत्पन्न आधिक्य मानव संसाधन (Surplus human resource) को यहदूसरे कार्य में समायोजित किया जा सकता है या उसकी छँटनी भी की जा सकती है और विशेष प्रकार के मानव संसाधन की नियुक्ति की भी प्रक्रिया चलायी जा सकती है।
  6. मानव संसाधन को माँग और आपूर्ति तथा भविष्य की कमी या आधिक्य के निर्धारण या कार्य की कुशलता (Skill) के निर्धारण में कम्प्यूटर तकनीकी (Computer Techniques) तथा मात्रात्मक पद्धति (Quantitative models) का सहारा लेना उत्तम रहेगा।
  7. मानव संसाधन नियोजन रेखीय प्रबन्ध (Line Management) से सम्बन्धित होना चाहिए।
  8. मानव संसाधन नियोजन लचीला (Flexible) तथा अनुकरणीय (adaptable) होना चाहिए ताकि भविष्य में आने वाले परिवर्तन के साथ योजना को परिवर्तित किया जा सके।
  9. संगठन के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न समय में विभिन्न प्रकार के पदों पर विभिन्न प्रकार के मानव शक्ति की आवश्यकता के निर्धारण के लिए एक कुशल प्रक्रिया तथा तकनीकी विकसित करनी चाहिए।
  10. मानव संसाधन के प्रभावपूर्ण उपयोग के दृष्टिकोण को विकसित करने के लिए तथा कार्यों के सही आबंटन (allocation) के लिए कुशल तकनीकी का प्रयोग करना चाहिए।
  11. प्रभावी मानव संसाधन की प्राप्ति (Procurement), पदोन्नति (Promotion) तथा अवरोधन (Retention) का मूल्यांकन व विश्लेषण करते रहना चाहिए।

निष्कर्ष – इस प्रकार स्पष्ट है कि मानव संसाधन नियोजन मानव संसाधन विभाग का मुख्य उत्तरदायित्व है। अतः विभाग को मानव संसाधन नियोजन के लिए एक समुचित मानव संसाधन नीति विकसित करनी होती है ताकि संगठन में मात्रात्मक (Quantitative) तथा गुणात्मक (Qualitative) मानव संसाधन को उपलब्ध कराया जा सके।

मानव संसाधन नियोजन के महत्व

Importance of HRD.

(i) संगठन तथा मानव संसाधन नियोजन (Organization and Human Resource Planning) में सहायता करना।

(ii) कार्य विवरण (Job description) तथा कार्य विशिष्टीकरण (Job specification) तैयार करना।

(iii) भर्ती तथा चयन (Recruitment and Selection) को सुविधाजनक बनाना।

(iv) मानव संसाधन विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में।

(v) कार्य मूल्याकंन के आधार के रूप में।

(vi) पदोन्नति, स्थानान्तरण तथा पदावनति आदि में सहयोग करना।

(vii) वेतन एवं मजदूरी प्रशासन तथा क्षतिपूर्ति प्रबन्ध (Compensation Management) में सहयता करना।

(viii) निष्पादन मूल्यांकन (Performance Appraisal) में सहयोग करना।

(x) मानव संसाधन सूचना पद्धति (H.R. Information Systems) को विकसित करने में सहयोग करना।

(xi) उपयुक्त स्वास्थ्य एवं सुरक्षा (Health and Safety) प्रावधानों की व्यवस्था करना।

(xii) श्रमिकों की परिवेदना निवारण (Grievance setting) की स्थापना में सहायता करना।

(xiii) कार्य की पुनः रचना (Job Re-engineering) को लागू करना।

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Pankaja Singh

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