मानव संसाधन प्रबंधन

मानव संसाधन नियोजन का आशय | मानव संसाधन नियोजन की परिभाषायें | मानव संसाधन नियोजन की विशेषताएँ

मानव संसाधन नियोजन का आशय | मानव संसाधन नियोजन की परिभाषायें | मानव संसाधन नियोजन की विशेषताएँ | Meaning of human resource planning in Hindi | Definitions of Human Resource Planning in Hindi | Features of Human Resource Planning in Hindi

मानव संसाधन नियोजन का आशय

(Meaning of Human Resource Planning)

मानव शक्ति नियोजन एक कार्यक्रम है जिसके द्वारा संगठन की श्रम सम्पदा की अधि- प्राप्ति विकास, अनुरक्षण एवं प्रभावी उपयोग किया जाता है। जिस प्रकार आर्थिक नियोजन, विपणन नियोजन तथा उत्पादन नियोजन आदि का उद्देश्य उपलब्ध साधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करना है उसी प्रकार मानव शक्ति नियोजन का उद्देश्य श्रम शक्ति का विवेकपूर्ण उपयोग करना है। व्यापक रूप में, मानव-शक्ति नियोजन विद्यमान प्रसाधनों के मूल्याकंन, संगठन के वर्तमान एवं भावी उद्देश्यों को ध्यान देते हुए वांछित मानव-शक्ति के पूर्वानुमान, उपयुक्त समय पर आवश्यक मानव-शक्ति की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धि की तकनीक है।

मानव संसाधन नियोजन की परिभाषायें

Definitions of Human Resource Planning)

विभिन्न विद्वानों ने इसे अग्रवत परिभाषित किया है।

  1. एरीक डब्ल्यू. वेटर के अनुसार, “मानव संसाधन नियोजन एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से प्रबन्ध यह निश्चय करता है कि संगठन को किस प्रकार से कदम उठाने चाहिए कि वह अपनी विद्यमान मानव संसाधन स्थिति से इच्छित मानव संसाधन स्थिति में पहुँच जाये। आयोजना के माध्यम से प्रबन्ध सही संख्या में सही प्रकार के व्यक्तियों को, सही स्थानों पर, सही समय में प्राप्त करने में समर्थ होता है। इससे संगठन एवं कार्मिकों दोनों को ही अधिकतम दीर्घकालीन लाभों की प्राप्ति होती है।”
  2. डेल योडर के अनुसार, “कर्मचारी व्यवस्था सम्बन्धी नीति, सामान्यतः यह धारणा रखती है कि संगठन की वर्तमान एवं भावी मानवीय आवश्यकताओं की व्याख्या उसके गुण स्तर एवं संस्था के संदर्भ में की जाएगी। जहाँ सम्भव होगा आवश्यता का पूर्वानुमान किया जायेगा ताकि आवश्यकतानुसार मानव संसाधन उपलब्ध हो सके।”
  3. जेसलर के अनुसार, “मानव-शक्ति नियोजन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा संस्था आश्वस्त होती है कि उसके पास सही संख्या में सही किस्म के व्यक्ति सही समय एवं स्थान पर उपलब्ध हैं और वे ऐसे कार्य कर रहे हैं जिसके लिए आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक उपयोगी हैं।”
  4. स्ट्रास एवं साइल्स के अनुसार, “युक्तिसंगत दृष्टि से किसी फर्म की कर्मचारियों सम्बन्धी क्रिया के विकास का प्रथम चरण संगठन के संचालन के लिए कर्मचारियों की अधिप्राप्ति है। यह केवल प्रथम चरण ही नहीं है, अपितु किसी व्यवसाय की स्थापना एवं विकास का अत्यन्त महत्वपूर्ण चरण है। योग्य कर्मचारियों की पूर्ति, व्यवसाय की सफलता के अन्य साधन जैसे धन, सामग्री अथवा बाजार की भाँति ही प्रभावित करती है।”
  5. कोलमेन बी. पी. के अनुसार, “मानव शक्ति नियोजन, मानव शक्ति आवश्यकताओं को निर्धारित करने की प्रक्रिया है तथा संगठन की एकीकृत योजनाओं को क्रियान्वित करने हेतु उन आवश्यकताओं की पूर्ति का एक साधन है।’

मानव संसाधन नियोजन की विशेषताएँ

(Characteristics of Human Resource Planning)

ये अग्रवत है-

  1. निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया (On going Process) – मानव संसाधन नियोजन निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।
  2. नियोजन व विकास (Planning and Development)- मानव संसाधन नियोजन संगठन के मानवीय संसाधन के नियोजन तथा विकास से सम्बन्धित हैं।
  3. पूर्वामान (Forecasting)- यह मानव संसाधन की माँग व पूर्ति के पूर्वानुमान को सम्मिलित करती है।
  4. अन्य विशेषताएँ (Other Features)- ये अग्रवत है-

(i) मानव संसाधन नियोजन केवल संगठन की परिवर्तनशील संरचना का ही नियोजन नहीं है।

(ii) मानव संसाधन नियोजन वृत्ति नियोजन व विकास से सम्बन्धित मामला नहीं है।

(iii) यह संगठन में मानव संसाधन की गुणात्मक तथा मात्रात्मक (Qualitative and Quantitative requirement of HR) की पूर्ति पर बल देता है।

(iv) यह मानव संसाधन की आवश्यकताओं एवं आपूर्ति मंजस्य स्थापित करता है।

(v) यह संगठन में निरन्तर चलने वाली दो कदम प्रक्रिया (Two step process) है।

(vi) यह मानव संसाधन के कार्य विश्लेषण कार्य (Job analysis) विशिष्टीकरण (Job)‌specification) कार्य व्याख्या (Job Description) आदि से सम्बन्धित है ताकि सही व्यक्ति, सही समय पर, सही स्थान पर, सही मात्रा में नियोजन किये जा सकें।

(vii) यह संगठन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कर्मचारियों के विकास एवं कार्य संतुष्टि पर भी बल देता है।

(viii) यह सम्पूर्ण निगमीय व्यूह रचना एवं नियोजन का एक हिस्सा है और दीर्घकालीन युद्वकालीन नियोजन Long-term-Strategic Planning) का ही एक अंग है।

(ix) प्रभावशाली मानव संसाधन नियोजन प्रवाभशाली मानव संसाधन की प्राप्ति, उपयोग, विकास तथा उसके संरक्षण से सम्बन्धित है।

(x) यह बदलते परिवेश में संगठन मानव संसाधन की प्रभावशाली जरूरतों, प्रभावकारी उपयोग तथा भविष्य की सम्भावी आवश्यकताओं के पूर्वामान से सम्बन्धित है।

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Pankaja Singh

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