मानव संसाधन प्रबंधन

कार्य विशिष्टीकरण | कार्य विशिष्टीकरण की विशेषताएँ | कार्य विशिष्टीकरण की विषय-वस्तु

कार्य विशिष्टीकरण | कार्य विशिष्टीकरण की विशेषताएँ | कार्य विशिष्टीकरण की विषय-वस्तु | Job Specification in Hindi | Features of job specification in Hindi | Contents of Job Specification in Hindi

कार्य विशिष्टीकरण (Job Specification)

कार्य विशिष्टीकरण कार्य विश्लेषण का दूसरा महत्वपूर्ण अंग है। कार्य विवरण कार्यों के विवरण से सम्बन्धित है जबकि कार्य विशिष्टीकरण कार्य पर नियोजित होने वाले कर्मचारी/मानव संसाधन के अन्तर्गत शामिल गुणों व विशिष्टताओं का अध्ययन है। कार्य विशिष्टीकरण व्यक्ति कर्मचारी विशिष्टीकरण के नाम से भी जाना जाता है। कार्य विशिष्टीकरण के अन्तर्गत व्यक्ति विशिष्ट विवरण तैयार किया जाता है। इसमें कार्य विवरण में वर्जित कार्यों के अनुसार कर्मचारी/ मानव संसाधन से अपेक्षित शारीरिक, मानसिक गुणों उसके अनुभव एवं योग्यताओं का वर्णन किया जाता है। किसी भी कार्य को प्रभावकारी तरीके से पूरा करने के लिए न्यूनतम वांछित योग्यताएँ क्या होगी, उनके क्या अनुभव होंगे, उनकी विशिष्टता किस चीज में होनी चाहिए आदि का विवरण तैयार किया जाता है। फिलप्पो के अनुसार, “कार्य विशिष्टीकरण किसी कार्य को ठीक प्रकार से सम्पन्न करने के लिए आवश्यक न्यूनतम स्वीकृत मानवीय योग्यताओं से है। (Job Specification is a statement of the minimum acceptable human qualities necessary to perform a job properly……….It is a standard of personnel and designate the qualities required for acceptable performance.)”

डेल योडर (Dale Yoder) के अनुसार, “कार्य विशिष्टीकरण वांछित कर्मचारी के प्रकार का वर्णन है एवं उन कार्य अवस्थाओं का उल्लेख है, जिनका निष्पादन में उपयोग करना पड़ता है।”

इस प्रकार इसका का सम्बन्ध कार्य विवरण द्वारा वर्णित कार्यों के लिए वांछित मानवीय गुणों, योग्यताओं, अनुभव, तकनीकी ज्ञान, मानसिक गुणों, भौतिक विशिष्टीकरण, उनके चातुर्य (skill) आदि से है ताकि कार्य का निष्पादन प्रभावकारीपूर्ण तरीके से किया जा सके।

यह तथा कर्मचारी विशिष्टीकरण दोनों एक ही जैसे अर्थ के हैं, किन्तु दोनों में थोड़ा अन्तर है। कार्य विशिष्टीकरण में यह दर्शाया जाता है कि किसी विशेष कार्य को करने वाले व्यक्ति के कर्त्तव्य, दायित्व एवं अधिकार क्या हैं, दूसरी ओर व्यक्ति विशिष्ट विवरण में यह दर्शाया जाता है कि किसी विशिष्ट कार्य को करने के लिए किन योग्यताओं, गुणों व अनुभव की आवश्यकता होगी। कार्य विशिष्ट विवरण में कार्य की प्रकृति का विवरण दिया जाता है जबकि व्यक्ति विशिष्ट विवरण में कार्य करने वाले की प्रकृति एवं विशेषताओं का वर्णन होता है। कार्य विशिष्ट विवरण कार्य के स्वरूप, दायित्वों एवं कर्तव्यों का स्पष्टीकरण करता है जबकि विवरण कार्य निष्पादन हेतु अपेक्षित योग्यताओं का निर्धारण करता है।

कार्य विशिष्टीकरण की विषय-वस्तु (Contents of Job Specification) –

यह व्यक्ति के गुणों, योग्यताओं व अनुभवों से सम्बन्ध रखता है जो एक कार्य को पूर्ण करने के लिए वांछित है। कार्य विशिष्टीकरण का आधार कार्य विवरण है। कार्य विवरण में वर्णित कार्यों के लिए मानव संसाधन के अपेक्षित गुणों व अनुभवों का निर्धारण कार्य विशिष्टीकरण से सम्बन्धित है। कार्य विशिष्टीकरण में निम्नलिखित विषय शामिल किये जाते हैं-

  1. कौशल (Skill)- शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक कार्य गुण।
  2. विशिष्ट ज्ञान (special Knowledge)- तकनीकी कार्यों, यन्त्रों एवं उपकरणों के संचालन हेतु विशिष्ट ज्ञान की आवश्यकता होती है।
  3. अनुभव (Experience)- कार्य का अनुभव, समय एवं अनुभव का स्तर
  4. वैयक्तिक गुण (Personal Qualities) – पहलपन, (initiative) मानसिक सतर्कता (Mental alertness), व्यवहार संतुलन, निर्णय शक्ति आदि।
  5. उत्तरदायित्व (Responsibility) – अन्य कर्मचारियों एवं संगठन के प्रति।
  6. जनांकिकी (Demography) लिंग, उम्र, राष्ट्रीयता, वैवाहिक स्तर आदि।
  7. भौतिक तत्व- भौतिक प्रयास, कार्य अवस्थाएँ, कार्य सम्बन्धी जोखिम, शारीरिक हानि की जोखिम आदि।

उपरोक्त सभी विषय वस्तुओं को हम निम्न भागों में बाँटकर भी देख सकते हैं-

(i) व्यक्तिगत विशेषताएँ (Personal characteristics)- जिसमें उम्र, लिंग, शिक्षा, कार्य अनुभव, तथा अन्य अतिरिक्त क्रियाविधियाँ (extra and co-curricular activities) शामिल किये जाते हैं।

(ii) भौतिक/शारिरिक विशेषाएँ (Physical characteristics)- जिसमें ऊँचाई, वजन, सीना (chest), दृष्टि (vision), सुनने की क्षमता, स्वास्थ्य, आवाज, चाल-ढाल तथा हाथ-पैर का समन्वय आदि शामिल किये जाते हैं।

(iii) मानसिक विशेषताएँ (Mental characteristics)- जिसमें, सामान्य बुद्धि (General Intelligence), याददाश्त (Memory), निर्णय लेने व न्यायप्रियता, दूरदृष्टि (foresight), केन्द्रित होने के गुण आदि शामिल किये जाते हैं।

(iv) सामाजिक तथा मनोवैज्ञानिक विशेषताएँ – (Social and Psychological characteristics) भावनात्मक गुण, स्थायित्व, लचीलापन, समाजीकरण (Socialization), पहलपन, बातचीत का गुण आदि।

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Pankaja Singh

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