राजनीति विज्ञान

जॉन लॉक का जीवन परिचय | जॉन लॉक की रचनाएँ

जॉन लॉक का जीवन परिचय | जॉन लॉक की रचनाएँ

जॉन लॉक का जीवन परिचय-

जॉन लॉग का जन्म एक पायवर्गीय परिवार में सामरसैट कांउटी के रिगटंन नामक स्थान में 16.2 ई० में हुआ। यह वह लाल था जब पार्लियामेंट राजा चार्ल्स प्रथम के साथ अपने अधिकारों के लिये संघर्ष कर रही थी। उसके होश सँभालते ही इंगलैण्ड में गृह युद्ध (1642-59 ई०) आरम्भ हो गया। उसके पिता एक वकील थे या धार्मिक विचारों से ‘प्यूरिटन’ (Puritan) थे। उनके पिता सन् 1642 में संसद् की सेना में भर्ती हुये तथा उसने गृह- युद्ध मे भाग लिया। अतः लॉक के परिवार को राजतन्त्र के समर्थन के कारण बड़े वेष्ट सहने पड़े।

लॉच को प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई। इसके बाद इन्हें वैस्टमिन्स्टर स्कूल मेला गया और सन् 1652 में उच्च शिक्षा पाने के लिए वह ऑक्सफोर्ड के ‘क्राइस्ट चर्च स्कूल’ (Christ Church School) में भर्ती हुआ। सन् 1656 में उसने ऑक्सफोर्ड से बी० ए० तथा 1658 में एम० ए० की परीक्षायें पास की। इसी वर्ष वह आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ग्रीक भाषा तथा दर्शन का अध्यापक नियुक्त हुआ।

परन्तु कुछ समय के बाद ही लॉक ने इस पद से त्यागपत्र दे दिया क्योंकि उसे यह कार्य रुचिकर नहीं लगा। इसके बाद उसने चिकित्साशास्त्र का अध्ययन किया और वह चिकित्सक के रूप में प्रसिद्ध हो गया। 1666 ई० में लोक का परिचय लार्ड ऐशले से हुआ जिससे वह बहुत प्रभावित हुआ। ऐशले के निमन्त्रण पर लॉक लंदन गया। वहाँ उसे ऐशले ने अपना व्यक्तिगत चिकित्सक एवं सेक्रेटरी नियुक्त कर लिया। 1672 ई० में इंग्लैण्ड के सम्राट् चार्ल्स द्वितीय ने ऐसले को लाई चान्सलर नियुक्त किया। लॉक भी उनके साथ रहा। 1673 ई० में ऐशले को इस पद से त्यागपत्र देना पड़ा। इसी समय लॉक क्षय रोग से बीमार हो गया और स्वास्थ्य लाभ के लिये उसे फ्रांस चले जाना पड़ा। 1679 ई० में लार्ड ऐशले पर देशद्रोह तथा षड्यन्त्र का मुकदमा चला जिसके कारण लॉक को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। 1681 ई० में ही लॉक ने लेखन कार्य शुरू किया। साथ ही साथ उसने उच्च पदों पर भी कार्य किया। 1704 ई० में उसकी मृत्यु हो गई।

लॉक की रचनाएँ-  

लॉक अपने समय का महान लेखक था। उसने लगभग 30 ग्रन्थों की रचना की थी। उसने अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, शिक्षा, धर्मशास्त्र, दर्शन, विज्ञान, अध्ययनशास्त्र आदि विभिन्न विषयों पर ग्रंथ लिखे हैं। राजनीति के सम्बन्ध में उसके दो ग्रंथ महत्त्वपूर्ण हैं जो निम्नलिखित हैं-

(1) टू ट्रीटाइजज आन गवर्नमेण्ट (Two Treatises on Government),

(2) ऐसे कनसनिंग ह्यूमन अन्तरस्टेंडिंग (Essay Concerning Human Understanding)|

इनमें पहला ग्रन्थ अधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि उसने अपने राजनीतिक विचारों का प्रतिपादन मुखा रूप से इस ग्रन्थ में किया है।

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Pankaja Singh

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