पाठ योजना

जलवायु पाठ योजना | जलवायु लेसन प्लान | climate lesson plan in Hindi

जलवायु पाठ योजना | जलवायु लेसन प्लान | climate lesson plan in Hindi

जलवायु पाठ योजना

विद्यालय का नाम अ – ब – स विद्यालय

दिनांक 00/00/0000

कक्षा 6

विषय भूगोल

प्रकरण जलवायु

अवधि 30 मिनट 

सामान्य उद्देश्य

  • छात्रों में भूगोल के प्रति रुचि उत्पन्न करना।
  • छात्रों को विश्व के विभिन्न देशों के भौगोलिक एवं सामाजिक पर्यावरण को समझने योग्य बनाना।
  • छात्रों में प्राथमिक स्तर पर प्राप्त ज्ञान को सुव्यवस्थित करना।
  • छात्रों में भौगोलिक नागरिकता के गुणों का विकास करना।
  • छात्रों में भारत की प्राकृतिक परिस्थितियों का ज्ञान कराना।

विशिष्ट उद्देश्य

  • छात्र-छात्राएं जलवायु को प्रत्यास्मरण कर सकेंगे।
  • छात्र-छात्राएं मानसूनी जलवायु को प्रत्याभिज्ञान कर सकेंगे।
  • छात्र-छात्राएं भारतीय जलवायु की विशेषताओं की व्याख्या कर सकेंगे।
  • छात्र-छात्राएं जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों का विश्लेषण कर सकेंगे।
  • छात्र-छात्राएं भारत में मानसून की स्थिति को मानचित्र में प्रदर्शित कर सकेंगे।

शिक्षण सामग्री

चार्ट, चाक, डस्टर, संकेतांक एवं अन्य कक्षा उपयोगी सामग्री।

पूर्व ज्ञान

विद्यार्थी जलवायु के विषय में सामान्य जानकारी रखते होंगे।

प्रस्तावना के प्रश्न

छात्र अध्यापिका क्रिया

विद्यार्थी अनुक्रिया

हम सभी गर्म कपड़े कब पहनते हैं?

सर्दी में

सर्दी, गर्मी, बरसात इन सब को हम क्या कहते हैं?

मौसम

अनेक वर्षो में मापी गई मौसम की औसत दशा को क्या कहते हैं?

जलवायु

उद्देश्य कथन

आज हम लोग जलवायु के विषय में अध्ययन करेंगे।

प्रस्तुतीकरण (शिक्षण बिंदु, छात्र अध्यापिका क्रिया, विद्यार्थी अनुक्रिया)

जलवायु

किसी स्थान पर अनेक वर्षों में मापी गई मौसम की औसत दशा को जलवायु करते है।

भारत की जलवायु को मोटे तौर पर मानसूनी जलवायु कहा जाता है। मानसून शब्द अरबी भाषा के मौसम से लिया गया है,जिसका अर्थ मौसम होता है। भारत की स्थिति उष्ण कटिबंध में होने के कारण अधिकतर वर्षा मानसूनी पवन से होती है। भारत में कृषि वर्षा पर निर्भर है। अच्छे मानसून का मतलब है पर्याप्त वर्षा तथा प्रचुर मात्रा में फसलों का उत्पादन।

भारतीय जलवायु की विशेषताएं
  1. वायु की दिशा में परिवर्तन शीत ऋतु में हवाऐं स्थल से जल की ओर उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में प्रवाहित होती हैं। और ग्रीष्म काल में यह उत्तर-पूर्व की होती हैं।
  2. स्थल पर बारी-बारी से उच्च और निम्न दाब क्षेत्रों का निर्माण उत्तरी भाषा में शीत में निम्न तापमान होने से उच्च वायु दाब।
  3. मौसमी एवं परिवर्तिय वर्षा- 80% वर्षा ग्रीष्मकालीन वर्षा।
  4. ऋतुओं की बहुलता- 6 प्रकार की ऋतुऐं- हेमंत, शिशिर, वसंत, ग्रीष्म, शरद तथा वर्षा ऋतु।
  5. प्राकृतिक आपदाओं का संकट वर्षा से बाढ़ तथा भूस्खलन और निम्न वर्षा से सूखा जैसी समस्याएं।
  6. फसलों की बहुलता।
जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक
  1. अक्षांश अथवा विषुवत वृत्त से दूरी।
  2. समुद्र तल से ऊंचाई।
  3. महाद्वीपीय अथवा समुद्र से दूरी।
  4. प्रचलित पवनों का स्वरूप।
  5. मेघाच्छादन।
  6. समुद्री धाराऐं।
  7. पर्वतों की स्थिति।
  8. भूमि का ढाल एवं अभिमुखता।
  9. मिट्टी की प्रकृति और वनस्पति आवरण।

श्यामपट्ट सारांश

  • किसी स्थान पर अनेक वर्षों में मापी गई मौसम की औसत दशा को जलवायु करते हैं।
  • भारत की जलवायु मानसूनी जलवायु है।
  • मानसून शब्द अरबी भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ मौसम है।
  • भारत में कृषि वर्षा पर निर्भर है।
  • अच्छे मानसून का अर्थ है पर्याप्त वर्षा तथा प्रचुर मात्रा में फसलों का उत्पादन।

निरीक्षण कार्य

छात्र अध्यापिका छात्रों से श्यामपट्ट पर लिखी सामग्री को अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखने का निर्देश देगी और निरीक्षण करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करेगी।

मूल्यांकन के प्रश्न

  1. जलवायु किसे कहते हैं?
  2. भारत की जलवायु किस प्रकार की जलवायु है?
  3. मानसून शब्द किस भाषा से लिया गया है?
  4. भारतीय जलवायु की कोई दो विशेषताएं बताएं?
  5. जलवायु को प्रभावित करने वाले किसी एक कारक का नाम बताएं?

गृह कार्य

भारतीय मानचित्र पर मानसून जलवायु की स्थिति को दर्शाए?

पाठ योजनामहत्वपूर्ण लिंक

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Pankaja Singh

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