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इण्टरनेट का संचालन या स्थापना | लैन एवं वैन में अन्तर | डोमेन नेम | इण्टरनेट संचालन से सम्बन्धित अन्य आवश्यक सूचनाएँ

इण्टरनेट का संचालन या स्थापना | लैन एवं वैन में अन्तर | डोमेन नेम | इण्टरनेट संचालन से सम्बन्धित अन्य आवश्यक सूचनाएँ | Internet communication or installation in Hindi | Infrared in LAN and WAN in Hindi | domain name in Hindi | Information about other things from the Internet network in Hindi

इण्टरनेट का संचालन या स्थापना

जिन शहरों व कस्बों में इण्टरनेट की सेवा उपलब्ध है, उनमें रहने वाला कोई भी व्यक्ति इण्टरनेट से जुड़कर उसका लाभ उठा सकता है। इसके लिये उनके पास निम्नलिखित हार्डवेयर अवश्य होने चाहिए-

  1. विण्डोज़ आधारित 486 पीसी या कोई भी पेंटियम 2. मॉडेम (Modem) 3. टेलीफोन कनेक्शन, 4. इण्टरनेट सॉफ्टवेयर

यदि किसी व्यक्ति के पास उपर्युक्त वस्तुएँ उपलब्ध हैं, तो वह इण्टरनेट सेवा प्रदान करने वाली किसी कम्पनी (विदेश संचार निगम लि., भारत संचार निगम लि., महानगर टेलीफोन निगम लि. मंत्रा ऑनलाइन, सत्यम् ऑनलाइन अथवा कोई अन्य) में निर्धारित शुल्क सहित आवेदन देकर उसमें अपना इण्टरनेट खाता खुलवा सकता है। खाता खोलते समय उसको यूज़र नेम (User Name) दिया जाता है, जिसके द्वारा वह इण्टरनेट से जुड़ सकता है। इसके साथ ही उपयोगकर्ता का एक पासवर्ड (Password) भी बनाया जाता है। इण्टरनेट में घुसने के लिए यूज़र नेम तथा पासवर्ड सही-सही बताना आवश्यक है।

आपको अपना यूज़र नेम और पासवर्ड पूरी तरह गुप्त रखना चाहिए, क्योंकि इनको जानने के बाद कोई भी व्यक्ति उसके क्षेत्र में कहीं से भी इण्टरनेट सुविधा का उपयोग कर लेगा और उतनी देर इण्टरनेट से जुड़ने का खर्च आपके खाते में जाएगा। यदि आपको लगता है कि आपका पासवर्ड किसी को पता चल गया है, तो तुरंत उसे बदल देना चाहिए। इसके लिए प्रायः कोई शुल्क नहीं लिया जाता। पासवर्ड बदलने का कार्य आप सीधे इण्टरनेट पर उस कम्पनी की वेब साइट में कर सकते हैं।

इण्टरनेट संचालन से सम्बन्धित अन्य आवश्यक सूचनाएँ

किसी भी कम्पनी से इण्टरनेट सेवा लेने के लिए शुल्क जमा करते समय या उसके तुरंत  बाद आपको निम्नलिखित सूचनाएँ अवश्य प्राप्त कर लेनी चाहिए, जिनका उपयोग इण्टरनेट तथा ई-मेल के लिए आवश्यक सेटिंग करने में किया जाता है-

  1. आईपी एड्रेस (IP Address) – डी.एन.एस. प्राइमरी तथा सेकेण्डरी, जैसे- 61.0.96.33,61.0.0.5
  2. ई-मेल आईपी एड्रेस (IP Address)- POP3 आने वाली (Incoming) तथा SMTP जाने वाली (Outgoing), जैसे 61.0.96.33 तथा 61.0.0.33
  3. डोमेन नेम (Domain Name), जैसे sancharnet.in
  4. यूजर नेम (User Name), जैसे v_kumar तथा इण्टरनेट पासवर्ड
  5. सर्वर का टेलीफोन नं. (Dail-up access code), जैसे 172233
  6. वेबसाइट का नाम, जिससे खाते की स्थिति देखी जा सके तथा पासवर्ड बदला जा सके, जैसे www.sancharnet.

लैन एवं वैन में अन्तर- लैन एवं वैन में निम्नलिखित अन्तर हैं-

(1) सीमित क्षेत्र के अन्तर्गत की गयी कम्प्यूटर नेटवर्किंग LAN कही जाती है, जबकि विस्तृत क्षेत्र के अन्तर्गत किये जाने वाला नेटवर्क वाइड एरिया नेटवर्क WAN कहलाता है।

(2) WAN एक देश को दूसरे देशों से जोड़ता है, जबकि LAN प्रायः दफ्तरों, विद्यालयों अथवा एक ही इमारत में स्थित किसी उद्योग में हो सकते हैं।

(3) LAN में प्रायः कम्प्यूटरों के बीच की दूरी एक किमी. से कम होती है। जबकि WAN में एक देश या शहर का कम्प्यूटर दूसरे देश या शहर के कम्प्यूटर से जोड़ा जाता है।

(4) LAN में कम्प्यूटर युग्म तार (Twisted Pair) से जुड़े होते हैं, जबकि WAN में कम्प्यूटर तारों के माध्यम में नहीं जोड़े जाते हैं, बल्कि उसमें कम्प्यूटर उपग्रह के माध्यम से जोड़े जाते हैं।

(5) LAN में कोएक्सिअल केबिल का प्रयोग किया जाता है जबकि WAN में पोटोकॉल- का प्रयोग किया जाता है।

डोमेन नेम

(Domain Name)

‘डोमेन नाम’ से आशय एक ऐसी विधि से है, जिससे इण्टरनेट पर कार्य कर रहे व्यक्तियों को पहचानकर खोजा जाता है। यह इण्टरनेट से कनेक्ट हर कम्प्यूटर का एक विशिष्ट पता होता है। पते की यह प्रणाली ‘डोमेन नेम सिस्टम’ (Domain Name System) अथवा ‘DNS’ कहलाती है।

हर DNS पते के कम-से-कम दो भाग होते हैं-दाईं ओर तीन अक्षरों का क्षेत्र का नाम होता है। यह नाम; संगठन की पहचान होती है। बाईं ओर पते का प्रयोग कर रही कम्पनी अथवा संस्था का नाम होता है। डोमेन नाम के दोनों भागों को पीरियड्स (.) के द्वारा अलग किया जाता है, जिसे Dot कहते हैं उदाहरण के लिए-free2saurabhbhai.com; mcg.edu;demo.org आदि।

डोमेन नाम व संगठन का प्रकार (Domain Name and Types of Organisation) इण्टरनेट सोसाइटी द्वारा सभी यूज़र्स को पहले आठ श्रेणियों में बांटा गया और बाद में इसमें सात और नए डोमेन शामिल किए गए। ये आठ श्रेणियाँ निम्न हैं—

डोमेन नाम   क्षेत्र का प्रकार

.com     इस वर्ग के तहत व्यापारिक संगठनों को रखा गया है।

. gov    इस वर्ग के तहत अमेरिकी सरकार और उसके सरकारी संस्थान आते हैं।

.edu     इस वर्ग के तहत शैक्षणिक संस्थानों को लिया गया है।

.org      इस वर्ग के तहत अव्यावसायिक संस्थानों को रखा गया है।

.mil      इस वर्ग के तहत फौजी संस्थान आते है।

.in, an, .nz      इस वर्ग के तहत कुछ विशेष देशों को रखा गया है; जैसे-in: भारत, au: ऑस्ट्रेलिया।

  • in, au,.nz इस वर्ग के तहत अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों व संस्थाओं को रखा गया है।

.net      इस वर्ग के तहत नेटवर्किंग संस्थाएं आती हैं।

उपर्युक्त आठ श्रेणियों के अलावा सात और नई श्रेणियाँ बाद में जोड़ी गई हैं, जिनका  वर्णन निम्न हैं-

.firm      इस वर्ग के तहत विशुद्ध व्यापारिक संस्थाओं को शामिल किया गया है।

  • web इस वर्ग के तहत इण्टरनेट से सम्बन्धित संस्थाओं को शामिल किया गया है।

. info      इस वर्ग के तहत सूचना प्रदान करने वाली संस्थाओं को रखा गया है।

.art      इस वर्ग में उन संस्थाओं को रखा गया है, जो कला से सम्बन्ध रखती है।

.store      इस वर्ग के तहत विक्रय केन्द्रों को शामिल किया गया है।

. rec      इस वर्ग में मनोरंजन से सम्बद्ध संस्थाओं को शामिल किया गया है।

.nom      इस वर्ग नें उन लोगों को रखा गया है, जो नाम क्रम के अनुसार अपने आपको परिचित करवाना चाहते हों।

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Pankaja Singh

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