डाटा बेस के प्रमुख अंग | डाटा बेस के प्रमुख अंक कौन-कौन से हैं? | Key parts of the database in Hindi | What are the main points of the database in Hindi
डाटा बेस के प्रमुख अंग
(Main Components of Data Base)
डाटा बेस के प्रमुख अंग निम्नलिखित हैं-
(1) डाटा बेस फाइल (Data Base Files)- इन फाइलों में डाटा बेस फाइल संगठन प्रारूप में डाटा संचित किये जाते हैं। डाटा बेस का निर्माण इस प्रकार से किया जाता है कि डाटा प्रबंधन उद्देश्यों की गति बहुअभिगम पथों (Multiple Access Path) न्यूनतम संग्रहण, प्रोग्राम डाटा की स्वतंत्रता व अखण्डता की सुरक्षा में संतुलन बना रहे, भिन्न-भिन्न डाटा बेस पद्धतियों में डिस्क पर डाटा को निरूपित करने का पृथक-पृथक तरीका होता है। डाटा बेस प्रबंधन पद्धति डाटा का संचयन इस प्रकार से करता है कि संग्रहण में बचत करने के साथ-साथ तीव्र अभिगम्यता (Access) सुनिश्चित की जा सके। प्रयोक्ता अपने तर्क के आधार पर उस संग्रहित डाटा का प्रयोग करता है। उदाहरण के लिए एक बैंक प्रबंधक को यह ज्ञात होना चाहिए कि डाटा बेस में ग्राहकों का नाम, पता, दूरभाष संख्या, पेशा, प्रस्तावक का नाम व पता, बचत, चैक व ऋण आदि संग्रहित है अथवा नहीं। प्रबंधक को यह जानना आवश्यक नहीं है कि यह किस प्रकार से संचित है।
(2) उपयोगकर्त्ता (User) – परम्परागत उपयोगकर्ता व प्रोग्रामर दोनों ही डाटा बेस के उपयोगकर्ता हैं। उपयोगकर्ता कार्यक्रमों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से अथवा क्वेरी भाषा (Query Language) के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से डाटा से जुड़े होते हैं। इस भाषा के प्रयोग से उपयोगकर्ता तदर्थ आधार पर डाटा के तार्किक स्वरूप को प्राप्त करने में सफल हो जाते हैं। डाटा को उचित रूप से रखने, उसमें जोड़ने, हटाने अथवा अन्य किसी प्रकार का बदलाव करने का कार्य उपयोगकर्ता द्वारा किया जाता है।
(3) डाटा आधारित प्रबंधकीय पद्धति (Data Base Management System)- यह पद्धति सिस्टम सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का एक समुच्चय है जो डाटा आधारित फाइलों को नियंत्रित करती है। यह फाइलों तक पहुँचती है, अभिलेखों का नवीनीकरण करती है तथा डाटा प्राप्त करती है, यह पद्धति नवीन डाटा को जोड़ने, पुराने डाटा को हटाने, प्रसंस्करण को अधिक प्रभावी बनाने के लिए भण्डारण स्थान के पुर्ननिर्धारण में सहायक होती है। डाटा की सुरक्षा का दायित्व भी इसी पद्धति का है क्योंकि डाटा बेस पर अनेक उपयोगकर्ता कार्य करते हैं। डाटा आधारित प्रबंधकीय पद्धति फाइलों की अभिगम्यता के लिए अनुप्रयोग प्रोग्रामों व टर्मिनल उपयोगकर्ता को अनुमति दे भी सकती है और नहीं भी। अनेकों उपयोगकर्ताओं को किसी विशेष डाटा के प्रयोग की अनुमति होती है और दूसरों को नहीं। यह पद्धति यह भी सुनिश्चित करती है कि जिन क्षेत्रों के लिए अनुमति प्रदान की गई है, उन्हीं क्षेत्रों का प्रयोग हो रहा है अथवा नहीं।
(4) अनुप्रयोग कार्यक्रम (Application Programme) – इस कार्यक्रमों में वे सभी कार्य सम्मिलित हैं जो परम्परागत रूप से किये जाते हैं। यह कार्यक्रम डाटा फाइलों से स्वतंत्र होते हैं तथा प्रमापित डाटा विवरणों का प्रयोग किया जाता है। यह स्वतंत्रता व प्रमापीकरण अनुप्रयोग कार्यक्रमों के विकास को सरल व तीव्र स्वरूप प्रदान करती है। होस्ट लैग्वेंज़ इन्टरफेस का प्रयोग करने वाले अनुप्रयोग कार्यक्रमों का निर्माण प्रायः पेशेवर प्रोग्रामरों द्वारा किया जाता है।
(5) होस्ट लैंग्वेज इन्टरफेस सिस्टम (Host Language Interface System) – यह अनुप्रयोग कार्यक्रमों से सम्पर्क स्थापित करता है। होस्ट लैंग्वेज इन्टरफेस उच्चस्तरीय भाषाओं जैसे—COBOL व BASIC के कार्यक्रमों में दिये गये निर्देशों को स्पष्ट करके व्याख्या करता है। इस प्रक्रिया में कम्प्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम डाटा आधारित प्रबंधकीय पद्धति से अन्तर क्रिया (Interact) करता है।
(6) नैचुरल लैंग्वेज इन्टरफेस सिस्टम (Natural Language interface System) – यह पद्धति कम्प्यूटर के सम्बन्ध में कम ज्ञान व जानकारी रखने वाले उपयोगकर्ताओं को नवीनीकरण व पूछताछ की सुविधा उपलब्ध कराती है। इसके निर्देश अंग्रेजी भाषा में दिए जाते हैं। इसके कमाण्ड पहले से ही तैयार किये गये होते हैं तथा उपयोगकर्ता द्वारा कमाण्ड देने पर यह क्रियान्वित होते हैं। यह पद्धति प्रबंधकों व उनके सहायकों की प्रारम्भिक विशेष प्रतिवेदन तैयार करने में भी सहायक होती है।
(7) डाटा शब्द कोष (Data Dictionary)- यह कम्प्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण एवं उपयोगी केन्द्रित स्थान है। डाटा डिक्शनरी में प्रत्येक मद का नाम, उपयोगिता व परिभाषा आदि का समावेश होता है। डाटा शब्दकोष में डाटा के सम्बन्ध में सम्पूर्ण सूचना दी होती है। डाटा आधारित प्रबंध पद्धतियाँ कार्यक्रम में से डाटा का संकलन करती हैं तथा क्या कार्यक्रम को डाटा पाने का अधिकार हैं, कि जानकारी प्राप्त करने के लिए डाटा शब्दकोष में प्रवेश किया जाता है।
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