भारतीय लिपियों की उत्पत्ति | सिंधु घाटी की लिपि | ब्राह्मी लिपि | खरोष्ठी लिपि

भारतीय लिपियों की उत्पत्ति

भारतीय लिपियों की उत्पत्ति | सिंधु घाटी की लिपि | ब्राह्मी लिपि | खरोष्ठी लिपि भारतीय लिपियों की उत्पत्ति प्राचीनकाल में, भारत में, ब्राह्मी, खरोष्ठी तथा सिंधु घाटी की लिपियाँ प्रचलित थीं। इसमें सिंधु घाटी की लिपि का पता तो मोहन-जोदड़ो तथा हड़प्पा की खुदाई होने के बाद ज्ञात हुआ। ब्राह्मी व खरोष्ठी का ज्ञान … Read more

देवनागरी लिपि का उद्भव विकास | देवनागरी लिपि की विशेषतायें | देवनागरी लिपि के गुण | देवनागरी लिपि नाम पड़ने का कारण

देवनागरी लिपि का उद्भव विकास

देवनागरी लिपि का उद्भव विकास | देवनागरी लिपि की विशेषतायें | देवनागरी लिपि के गुण | देवनागरी लिपि नाम पड़ने का कारण देवनागरी लिपि का उद्भव विकास भाषा अपने मूल रूप में श्रवणेन्द्रिय का विषय है एवं ध्वनियों पर आधारित है। यह काल और स्थान की सीमा से परिसीमित है। (अर्थात् भाषा भाषित होने या … Read more

राजभाषा के रूप में हिंदी की संवैधानिक स्थिति | संविधान सभा और हिंदी | राजभाषा आयोग | राजभाषा संशोधन अधिनियम

राजभाषा के रूप में हिंदी की संवैधानिक स्थिति

राजभाषा के रूप में हिंदी की संवैधानिक स्थिति | संविधान सभा और हिंदी | राजभाषा आयोग | राजभाषा संशोधन अधिनियम राजभाषा के रूप में हिंदी की संवैधानिक स्थिति 15 अगस्त सन् 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। स्वतंत्रता के बाद संविधान बनानेके लिए संविधान सभा का गठन किया गया। इस संविधान सभा के संयोजक डॉ० भीमराव … Read more

हिंदी लिंग-विधान | हिंदी लिंग-विधान पर एक लेख

हिंदी लिंग-विधान

हिंदी लिंग-विधान | हिंदी लिंग-विधान पर एक लेख हिंदी लिंग-विधान प्रकृति में वस्तुतः तीन वर्ग मिलते हैं- पुरुष, स्त्री और नपुंसक। नामवाचक शब्दों को इन्हीं तीन वर्गों या श्रेणियों में विभक्त किया जाता है। पुरुष जातीय वस्तुवाचक शब्दों को पुल्लिंग, स्त्रीजातीय वस्तुवाचक शब्दों को स्त्रीलिंग तथा नपुंसकजातीय-वस्तुवाचक शब्दों को नपुंसकलिंग से अभिहित किया जाता है। … Read more

हिंदी भाषा शिक्षण | हिंदी भाषा शिक्षण पर एक लेख

हिंदी भाषा शिक्षण

हिंदी भाषा शिक्षण | हिंदी भाषा शिक्षण पर एक लेख हिंदी भाषा शिक्षण मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। भाषा के बिना मनुष्य समाज की दशा कितनी शोचनीय होती है इसकी जानकारी पशुओं, पक्षियों, कीड़ों, पतंगों आदि से प्राप्त हो सकती है। प्रत्येक सभ्य राष्ट्र की अभिव्यक्ति का माध्यम उसकी अपनी भाषा होती है। भारत की … Read more