उद्यमिता और लघु व्यवसाय

भारत में महिला उद्यमिता का विकास | भारत में महिला उद्यमिता विकास में सरकारी प्रयास | चुनिंदा एवं मशहूर भारतीय महिला उद्यमियों पर एक दृष्टिनिक्षेप

भारत में महिला उद्यमिता का विकास | भारत में महिला उद्यमिता विकास में सरकारी प्रयास | चुनिंदा एवं मशहूर भारतीय महिला उद्यमियों पर एक दृष्टिनिक्षेप | Development of Women Entrepreneurship in India in Hindi | Government Efforts in Women Entrepreneurship Development in India in Hindi | A Look at Selected and Famous Indian Women Entrepreneurs in Hindi

भारत में महिला उद्यमिता का विकास

भारत में लम्बे समय से मानव पूंजी की पोषक तथा परिवार पालनहार और पर्दा प्रथा एवं अन्य सामाजिक बंधनों के संवाहक का पर्याय मानी जाने वाली महिलाएं आज न केवल राजनीति, शिक्षा व कला क्षेत्रों के दायरों में उदीयमान योगदान प्रदान कर रही हैं, बल्कि औद्योगिक जगत् में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में कामयाब हो रही हैं, आज भारत में महिला उद्यमियों और उनकी उद्यमशीलता में निरन्तर इजाफा हो रहा है और वे नवाचार तथा चुनौतीपूर्ण उद्यम क्षेत्रों के साथ-साथ सरकारी और निजी उपक्रमों में उच्च प्रबन्धकीय स्तरों एवं कार्यकारी पदों पर कुशलतापूर्वक कर्तव्य निर्वहन कर रही हैं।

भारतीय सामाजिक संरचना में महिला उद्यमियों के प्रति सकरात्मक परिवर्तन आने तथा सरकारी नीतियों में महिला उद्यमियों को विशिष्ट योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित करने के कारण आज हमारे देश में महिला उद्यमिता का निरन्तर विकास हो रहा है। सरकार और समाज के साझा प्रयासों के कारण आज भारतीय महिलाएं फुटकर व्यापार, रेस्टोरेंट, होटल, ब्यूटी पार्लर, फैशन डिजाइन, ऑटो मोबाइल, टूर एण्ड ट्रेवल्स, फूड प्रोसेंसिंग, कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर, हस्तशिल्प, कृषि, कुटीर उद्योग आदि क्षेत्रों में अनवरत् रूप से सफलता के नवीन कीर्तिमान स्थापित करने के लिए संकल्पबद्ध प्रतीत हो रही हैं।

मास्टरकार्ड इंडेक्स ऑफ वुमन एन्टरप्नोन्योर्स द्वारा किए गए नवीन सर्वे के अनुसार आज भारत में 5.85 करोड़ उद्यमियों में से 80.5 लाख महिला उद्यमियों द्वारा देश के औद्योगिक विकास व विस्तार में सराहनीय योगदान प्रदान किया जा रहा है। साथ ही महिलाओं द्वारा संचालित औद्योगिक इकाइयों द्वारा लगभग 1.35 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। आज भारतीय महिला उद्यमियों का रुझान परम्परागत उद्योगों के साथ-साथ नवाचार वाले स्टार्ट अप उद्योगों की ओर बढ़ता जा रहा है। अनेक महिलाएं अपना हाई प्रोफाइल जॉब छोड़कर नव प्रवर्तन और भावी विकास सम्भावनाओं से ओत-प्रोत उद्योगों की बागडोर सँभालने के लिए प्रयत्नशील हैं।

हाल ही में नीति आयोग द्वारा अमरीकी सरकार की साझेदारी से हैदराबाद में वैश्विक उद्मिता शिखर सम्मेलन, 2017 (Global Entrepreneurship Summit GES) का आयोजन किया गया, जिसमें महिला उद्यमिता के विकास एवं विस्तार पर व्यापक चर्चा हुई। वूमेन फर्स्ट, प्रोस्पेरिटी फॉर आल’ थीम पर 28-30 नवम्बर, 2017 को आयोजित इस सम्मेलन में अमरीकी प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित हुई राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सुपुत्री लवंका टम्प की उल्लेखनीय भूमिका रही साथ ही अन्य देशों के प्रतिनिधियों के रूप में भी बड़ी संख्या में महिला उद्यमियों की सहभागिता रेखांकित हुई मिशन 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से नीति आयोग द्वारा देश में महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए रु 10,000 करोड़ का एक अतिरिक्त कोष बनाने तथा सूक्ष्म मुद्रा ऋण योजना संचालित करने की घोषणा भी की गई। आशा है सरकार द्वारा क्रियान्वित नीतियों और कार्यक्रमों की सहायता से देश में सन् 2020 तक महिला उद्यमियों की संख्या एक करोड़ तक पहुँच जाएगी।

सामान्य दृष्टिकोण से महिला उद्यमी से अभिप्राय जनसंख्या के उस भाग से लिया जाता है, जो औद्योगिक क्रियाओं में नवाचार तथा साहसिक गतिविधियों में संलग्न है, किन्तु सरकारी दृष्टिकोण से महिला उद्यमी से आशय उस महिला से है, जो एक ऐसे उपक्रम की प्रवर्तक, संचालक और नियन्त्रणक है, जिसमें न्यूनतम 51 प्रतिशत पूँजी पर उस महिला का वित्तीय हित निहित है और जो उपक्रम द्वारा सृजित कुल रोजगार का 51 प्रतिशत भाग महिलाओं को प्रदान करती है, किन्तु समय-चक्र के परिवर्तित परिवेश में आज हमारे देश में भी विकसित देशों की भाँति उद्यमी की परिभाषा में परिवर्तन परिलक्षित हो रहा है। आज उस व्यवसायी को उद्यमी कहा जाता है जो परम्परागत उद्योगों एवं व्यावसायिक गतिविधियों से हटकर नवाचारों तथा नवीन तकनीकों पर, आधारित उद्योगों एवं व्यावसायिक गतिविधियों में संलग्न है और जिसमें विकास की व्यापक सम्भावनाएं मौजूद हैं। आजकल स्टार्ट अप से जुड़े सभी व्यवसायियों को भी आधुनिक उद्यमियों की श्रेणी में सम्मिलित किया जाता है।

सरकारी प्रयास

भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ से ही देश में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए न्यूनाधिक प्रयास किए जाते रहे हैं, किन्तु विगत तीन दशकों से हमारे देश में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के प्रयासों में तीव्रता नजर आ रही है। आज न केवल केन्द्र सरकार द्वारा महिला उद्यमियों के लिए विशिष्ट योजनाएं संचालित की जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर सरकारी बैंकों द्वारा भी रियायती ब्याज दरें एवं आसान व आकर्षक ऋण शर्तों पर पूँजी उपलब्ध करवाई जा रही है, इन विशिष्ट योजनाओं में प्रमुख निम्नानुसार हैं-

(1) अन्नपूर्णा योजना- फूड केटरिंग उद्योग से जुड़ी इस योजनान्तर्गत बैंकों द्वारा महिला उद्यमियों को रु. 50,000 तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इस उद्योग में संलग्न महिलाओं के द्वारा डिब्बा बन्द भोजन स्नेक्स आदि की आपूर्ति की जाती है और वे बर्तनों के साथ- साथ रसोई में प्रयुक्त होने वाले अन्य औजार व उपकरणों को खरीदने के लिए कार्यशील पूँजी के रूप में बैंकों से ऋण प्राप्त कर सकती हैं।

(2) स्त्री शक्ति पैकेज योजना- भारतीय स्टेट बैंक की ओर से संचालित इस योजना में उन महिलाओं को धन उपलब्ध करवाया जाता है जो राज्य सरकारों द्वारा आयोजित उद्यमिता विकास कार्यक्रमों (Entrepreneurship Development Programme-EDPs) में भाग लेती हैं। तथा किसी फर्म या व्यवसाय के 50 प्रतिशत अंशों पर स्वामित्वाधिकार रखती है। इस योजना में रु. 2 लाख से अधिक राशि का ऋण लेने वाली महिलाओं को ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की जाती है।

(3) भारतीय महिला बैंक व्यवसाय ऋण- अधिकतम रु.20 करोड़ तक का ऋण उपलब्ध कराने वाली यह योजना उन महिला उद्यमियों के लिए शुरू की गई है जो सूक्ष्म ऋण व एसएमई ऋण (MICRO and SME Loans), सम्पत्तियों के विरुद्ध ऋण, फुटकर कारोबार के लिए ऋण तथा अन्य नवाचार एवं साहसिक विनिर्माणकारी गतिविधियों के लिए ऋण व्यवसाय से जुड़ना चाहती है। इस योजनार्न्तगत रु. 1 करोड़ तक के ऋण के लिए समपार्शिवक प्रतिभूति (Collateral Security) की आवश्यकता नहीं है।

(4) उद्योगिनी योजना- देश में लघु महिला उपक्रमों को प्रोत्साहित करने तथा युवा महिला उद्यमियों को कृषि क्षेत्र से सम्बद्ध करने के उद्देश्य से पंजाब एण्ड सिन्ध बैंक द्वारा संचालित इस योजनार्न्तगत 18 से 45 साल की महिलाओं को रु. 1 लाख तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।

(5) देना शक्ति योजना- देना बैंक द्वारा शुरू की गई इस योजना में उन महिला उद्यमियों को ऋण सहायता प्रदान की जाती है, जो रिटेल, कृषि कार्यों, सूक्ष्म साख (Micro Credit), विनिर्माण तथा अन्य लघु उपक्रमों को संचालित करने के लिए धनराशि की जरूरत महसूस करती हैं। इस योजनान्तर्गत माइक्रों क्रेडिट व्यवसाय के लिए रु. 50,000 तथा रिटेल व्यापार, शिक्षा आदि से जुड़े उपक्रमों के लिए रु. 20 लाख तक का अधिकतम ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।

(6) सेंट कल्याणी योजना- सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा संचालित इस योजनान्तर्गत उन महिला उद्यमियों को रु. 1 करोड़ तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन लघु एवं कुटीर उद्योगों, कृषि एवं कृषि से सम्बद्ध गतिविधियों, फुटकर व्यापर, स्व रोजगार अथवा सरकार द्वारा संरक्षित कार्यक्रमों व योजनाओं का संचालन करना चाहती है अथवा उपर्युक्त क्षेत्रों में पहले से विद्यमान कारोबार के विकास व विस्तार के लिए प्रयत्नशील हैं। इस योजना में ऋण प्राप्त करने वाली महिला उद्यमियों के लिए किसी भी प्रकार की समपार्श्विक प्रतिभूति की आवश्यकता नहीं होती है।

(7) ओरिएण्टल महिला विकास योजना- ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स द्वारा संचालित इस योजना में उन महिलाओं को ऋण सहायता प्रदान की जाती है, जो वैयक्तिक अथवा संयुक्त रूप से किसी उपक्रम की 51 प्रतिशत अंश पूंजी पर मालिकाना हक रखती है गौरतलब तथ्य यह भी है कि जो उद्यमी लघु स्तरीय उद्योग शुरू करना चाहती है, उन्हें रु. 10 से 25 लाख तक के ऋण के लिए किसी भी प्रकार की समपार्श्विक प्रतिभूति (Collateral Security) की आवश्यकता नहीं होती है और उन्हें 7 साल की पुनर्भुगतान अवधि के साथ ब्याज दर में 2 प्रतिशत तक की रियाय भी दी जाती है।

(8) महिला उद्यम निधि योजना- पंजाब नेशनल बैंक द्वारा संचालित इस योजना में उन महिला उद्यमियों को 10 साल की पुनर्भुगतान अवधि के साथ उदार ऋण (Soft Loan) उपलब्ध करवाया जाता है, जो लघु स्तरीय उद्योगों में संलग्न है। इस योजनान्तर्गत ऑटो रिक्सा, टू-व्हीलर्स, कार आदि का क्रय करने अथवा डे केयर सेन्टर संचालित करने अथवा ब्यूटी पार्लर शुरू करने अथवा अन्य लघु स्तरीय उपक्रम संचालित करने के लिए महिला उद्यमियों को रु.10 लाख तक ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।

(9) मुद्रा योजना- भारत सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना में उन महिला उद्यमियों को ऋण सहायता प्रदान की जाती है, जो वैयक्तिक रूप से अथवा संयुक्त रूप से टेलरिंग यूनिट्स, ब्यूटी पार्लर, ट्यूशन सेंटर्स आदि क्षेत्रों में नवीन लघु उपक्रम और व्यवसाय प्रारम्भ करना चाहती है। इस योजना में भी ऋण प्राप्त करते समय किसी भी प्रकार की समपार्विक प्रतिभूति (Colateral Security) की आवश्यकता नहीं होती है।

चुनिंदा एवं मशहूर भारतीय महिला उद्यमियों पर एक दृष्टिनिक्षेप

महिला

पद/व्यवसाय एवं मुख्य उपलब्धि

इन्दिरा नूई

ग्लोबल कम्पनी पेप्सिकों में 2001 से मुख्य वित्तीय अधिकारी एवं अध्यक्ष के पद पर कर्तव्य निर्वहन। चेन्नई में जन्म और आईआईएम-कोलकाता से वित्त और विपणन में मास्टर्स की डिग्री, भारत सरकार द्वारा पदम भूषण से सम्मानित

इन्दु जैन

भारत के सबसे बड़े मीडिया समूह Bennet Coleman & Co. Ltd. (टाइम्स ऑफ इण्डिया समाचार पत्र का प्रकाशक) में चैयरपर्सन पूर्व में फिक्की महिला शाखा की प्रथम अध्यक्ष

किरण मजूमदार

डायबिटीज और ओंकोलॉजी से सम्बद्ध बायोकॉन लिमिटेड कम्पनी की फाउण्डर चेयरपर्सन, कम्पनी को बायोमेडिसिन रिसर्च के लिए प्रसिद्धि दिलवाने का श्रेय पदमश्री और पदम भूषण से सम्मानित

वन्दना लूथरा

1989 से कॅरियर प्रारम्भ, कोलकाता में जन्म, बीएलसीसी की मालिक, फिटनेस, स्किन केयर, फूड एण्ड न्यूट्रीशन, सौन्दर्यता आदि क्षेत्रों में विशेषज्ञ के रूप में जाना पहचाना नाम

सुलज्जा मोटवानी

कॉयनेटिक मोटर्स में संयुक्त प्रबन्ध निदेशक (Joint Managing Director)

नीलम धवन

देश के आईटी क्षेत्र में सुप्रसिद्ध नाम, वर्तमान Hewlett Packard India (H.P. India) में प्रबन्ध निदेशक पूर्व में माइक्रोसाफ्ट कम्पनी में प्रबन्ध निदेशक

मल्लिका श्रीनिवासन

टैफे (Tractor and Farm Equipment-TAFE) में निदेशक.

ज्योति नायक

सहकारिता पर आधारित महिला गृह उद्योग लिज्जत पापड़ की अध्यक्ष,

नैनालाल किदवई

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए करने वाली प्रथम भारतीय महिला जे. एम. मॉर्गन की पूर्व वॉइस चेयरपर्सन। फिक्की की पूर्व अध्यक्ष वर्तमान में एच.एस.बी.सी. बैक में राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारत में विदेशी बैंक के प्रमुख पद हासिल करने वाली प्रथम महिला।

चन्दा कोचर

देश के सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक की प्रबन्ध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी। सफल नेतृत्व के बदौलत बैंक को अनेक बार राष्ट्रीय पुरस्कार

एकता कपूर

भारतीय टेलीविजन में किरदारों का चेहरा बदलने के लिए मशहूर बालाजी सीरियल्स और टेली फिल्म निर्माता कम्पनी की क्रिएटिव हैड

रिचा कर

महिला शिक्षा प्रदान करने वाले देश के पहले ऑनलाइन स्टोर की फाउण्डर, बीआईटीएस-पिलानी से इंजिनियरिंग।

अदिति गुप्ता

महिला जगत् में देश की सर्वाधिक लोकप्रिय बेवसाइट Menstrupedia.com की फाउण्डर। महिला समस्याओं के निदान के लिए प्रसिद्ध नाम। झारखण्ड के छोटे गाँव गढ़वा में जन्म

प्रिया पॉल

Apeljay Park Hotels की चेयरपर्सन. 2012 में पदमश्री से सम्मानित।

रितु कुमार

फैशन डिजाइनर भारतीय फैशन उद्योग में बड़ा नाम। 2013 में पदमश्री से सम्मानित।

सिमोने टाटा

नवल होमेटाटा की पत्नी पूर्व में लेक्मे कम्पनी की चेयरपर्सन और वर्तमान में Trent Ltd. की चेयरपर्सन।

मुद्रा योजना के अन्तर्गत तीन प्रकार के ऋण उपलब्ध करवाए जाते हैं-

(10) शिशु इकाइयाँ- नवीन लघु उपक्रम की प्रारम्भिक अवस्था से सम्बद्ध यह ऋण अधिकतम रु.50,000 की सीमा तक लिया जा सकता है।

(11) किशोर इकाइयाँ- इस ऋण की विस्तार सीमा रु. 50,000 से लेकर रु. 5 लाख तक है और यह ऋण नवीन उपक्रमों को नहीं बल्कि उन उपक्रमों को दिया जाता है जो पहले से सुस्थापित एवं संचालित हैं।

(12) तरूण इकाइयाँ- यह ऋण उन महिला उद्यमियों को दिया जाता है जिनके उपक्रम पहले से सुस्थापित एवं संचालित हैं तथा साथ ही वे अपने कारोबार का भावी विकास एवं विस्तार करने के लिए प्रयत्नशील हैं। इस ऋण की अधिकतम सीमा रु.10 लाख है।

उल्लेखनीय है कि मुद्रा योजनान्तर्गत ऋण स्वीकृत होने पर लाभार्थी एक मुद्रा कार्ड निगमित किया जाता है जिसे क्रेडिट कार्ड की तरह प्रयुक्त किया जा सकता है।

उद्यमिता और लघु व्यवसाय – महत्वपूर्ण लिंक

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Pankaja Singh

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