तुलसी के काव्य में लोक मंगल और भाषा शैली | तुलसी की समन्वय चेतना तथा धार्मिक समन्वय | सूर का श्रृंगार वर्णन
तुलसी के काव्य में लोक मंगल और भाषा शैली | तुलसी की समन्वय चेतना तथा धार्मिक समन्वय | सूर का श्रृंगार वर्णन (1) तुलसी के काव्य में लोक मंगल और भाषा शैली (1) गोस्वामी तुलसीदास जी ने लोक-जीवन के परलौकिक जीवन आदर्श को प्रस्तुत किया है। (2) गोस्वामी जी के काव्य में काशी, प्रयाग, सीतावट, … Read more