सामाजिक परिवर्तन के चक्रीय एवं रेखीय सिद्धान्तों में अन्तर

सामाजिक परिवर्तन के चक्रीय एवं रेखीय सिद्धान्तों में अन्तर सामाजिक परिवर्तन के चक्रीय एवं रेखीय सिद्धान्तों में अन्तर परिवर्तन प्रकृति के एक शाश्वत नियम के रूप में सदैव घटित होता रहता है। चाहे यह भौतिक जगत हो या सामाजिक जीवन। चूँकि समाजशास्त्रमें हमारा सम्बन्ध प्रमुख रूप से समाज एवं उसकी विभिन्न दशाओं से होता है, … Read more