रीतिकाल के प्रतिनिधि कवि बिहारी | बिहारी की काव्यगत विशेषताएँ | बिहारी की काव्य कला
रीतिकाल के प्रतिनिधि कवि बिहारी | बिहारी की काव्यगत विशेषताएँ | बिहारी की काव्य कला रीतिकाल के प्रतिनिधि कवि बिहारी रीतिकाल की सामान्यः प्रवृत्तियाँ इस प्रकार हैं- (i) रीति-निरूपण- इस युग में रीति-ग्रन्थों की रचना मुख्यतः तीन दृष्टियों से की गयी है। इनमें प्रथम उन रीति-ग्रन्थों का निर्माण हैं, जिनका उद्देश्य काव्यांश विशेष का परिचय … Read more