भुगतान सन्तुलन सदैव सन्तुलित रहता है | भुगतान शेष की स्वायत्त या स्व-प्रेरित तथा समायोजक मदें
भुगतान सन्तुलन सदैव सन्तुलित रहता है | भुगतान शेष की स्वायत्त या स्व-प्रेरित तथा समायोजक मदें भुगतान सन्तुलन सदैव सन्तुलित OP2 रहता है ‘भुगतान सन्तुलन सदैव सन्तुलित रहता है” इस कथन लेखाशास्त्रीय (Accounting) सिद्धान्तों पर निर्भर है। दोहरी लेखा प्रणाली के सिद्धान्तों के अनुरूप इस वाक्यांश का अर्थ है कि एक खाते अथवा लेखे के … Read more